चुनाव प्रचार के शोर में पटना के गंगा घाटों पर सुरक्षा का अभेद्य घेरा, छठ महापर्व को शांतिपूर्ण संपन्न कराने उच्च प्राथमिकता

चुनाव प्रचार के शोर में पटना के गंगा घाटों पर सुरक्षा का अभेद्य घेरा, छठ महापर्व को शांतिपूर्ण संपन्न कराने उच्च प्राथमिकता

प्रेषित समय :22:38:01 PM / Sat, Oct 25th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

पटना :बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के घमासान प्रचार के बीच, राज्य की राजधानी पटना में लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा की तैयारियों को लेकर सुरक्षा व्यवस्था चरम पर है। एक तरफ जहाँ राजनीतिक दलों के नेताओं की चुनावी रैलियों और घोषणाओं का शोर है, वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता लाखों छठ व्रतियों के लिए गंगा घाटों और शहरी जल निकायों पर सुरक्षित और सुगम माहौल सुनिश्चित करना है। छठ और विधानसभा चुनाव के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में प्रवासी बिहारी अपने घर लौट रहे हैं, जिससे पटना के रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों और गंगा घाटों पर रिकॉर्ड भीड़ जुटने की आशंका है, जिसके मद्देनजर सुरक्षा के अभिनव और अभेद्य प्रबंध किए गए हैं।

जिलाधिकारी त्यागराजन एस. एम. और नगर आयुक्त ने पुलिस और संबंधित विभागों के साथ कई संयुक्त समीक्षा बैठकें की हैं, जहाँ स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि भीड़ प्रबंधन, सुदृढ़ सुरक्षा और सुचारू यातायात व्यवस्था प्रशासन की मुख्य चिंताएँ हैं। इन तैयारियों को मूर्तरूप देने के लिए शहर के 109 घाटों पर व्यवस्था की निगरानी के लिए 21 टीमें गठित की गई हैं।

 खतरनाक घाटों पर प्रतिबंध और वैकल्पिक व्यवस्था

गंगा नदी में पानी के तेज बहाव, गहरे पानी, और कटाव के कारण छह घाटों को खतरनाक घोषित किया गया है, जबकि पाँच घाटों को अत्यधिक कीचड़ और पानी के कम स्तर के कारण अनुपयुक्त माना गया है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे किसी भी कीमत पर प्रतिबंधित और अनुपयुक्त घाटों पर न जाएँ। इन खतरनाक घाटों पर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए गहरे पानी में बैरिकेडिंग की गई है और लाउडस्पीकर के माध्यम से लगातार चेतावनी प्रसारित की जा रही है।

जिन उच्च जोखिम वाले घाटों पर भीड़ का दबाव अधिक रहता है, वहाँ अस्थायी तालाबों का निर्माण तेजी से कराया जा रहा है। इन कृत्रिम तालाबों में स्वच्छ जल, अलग चेंजिंग रूम, और प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। उदाहरण के लिए, कलेक्ट्रेट घाट तक पहुँचने के मार्ग अभी भी जलमग्न हैं, इसलिए प्रशासन कलेक्ट्रेट घाट से महेंद्रू घाट तक एक वैकल्पिक मार्ग तैयार कर रहा है।

चौबीसों घंटे निगरानी और त्वरित प्रतिक्रिया

सुरक्षा को मजबूत करने के लिए, सभी प्रमुख घाटों पर वॉच टावर स्थापित किए गए हैं और सीसीटीवी कैमरों से 24 घंटे निगरानी की जा रही है। जिला प्रशासन ने उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय छठ पर्व प्रकोष्ठ का गठन किया है, जो सभी संबंधित विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर रहा है।

  • सुरक्षा बलों की तैनाती: घाटों पर पुलिस बल, पीएसी (प्रांतीय सशस्त्र बल), एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) और मोटरबोटों के साथ गोताखोरों की टुकड़ियाँ तैनात की गई हैं।

  • बिजली और आपातकालीन नियंत्रण: बिजली कंपनी द्वारा घाटों पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जा रहे हैं, जहाँ जेनरेटरों और बिजली के तारों की निरंतर जाँच की जाएगी ताकि किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके। आपात स्थिति से निपटने के लिए अस्थायी फ्यूज काल गैंग और मॉक ड्रिल का भी निर्देश दिया गया है।

  • यातायात प्रबंधन: यातायात को सुचारू बनाने के लिए गांधी मैदान में वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था की गई है, जहाँ से श्रद्धालु सुरक्षित रूप से घाटों तक पहुँच सकेंगे।

  • चिकित्सा सुविधा: सभी प्रमुख पूजा स्थलों पर फर्स्ट-एड सुविधाएँ और एंबुलेंस की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।

 रेलवे स्टेशनों पर विशेष इंतज़ाम

छठ पूजा और आगामी विधानसभा चुनाव के कारण पटना जंक्शन, राजेंद्र नगर और दानापुर जैसे प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की भारी भीड़ को देखते हुए रेलवे ने भी सुरक्षा व्यवस्था में इज़ाफ़ा किया है। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की सात अतिरिक्त कंपनियाँ तैनात की गई हैं, जिससे कुल तैनाती 11 कंपनियों की हो गई है। इसके अलावा, सभी 24 बड़े स्टेशनों पर आपात स्थिति से तुरंत निपटने के लिए क्विक रिस्पांस टीमें (QRTs) मौजूद रहेंगी। स्टेशनों पर अनावश्यक भीड़ को रोकने के लिए यात्रियों को ट्रेन के आगमन से केवल एक घंटा पहले ही प्लेटफॉर्म पर जाने की अनुमति दी जाएगी।

मुख्यमंत्री और डीजीपी स्तर पर भी छठ पूजा के लिए सुरक्षा और सफाई के इंतजामों की लगातार समीक्षा की जा रही है। अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश है कि वे व्यक्तिगत रूप से घाटों का निरीक्षण करें और यह सुनिश्चित करें कि भीड़ के बीच आतिशबाजी जैसी कोई भी असुरक्षित गतिविधि न हो।

यह अभूतपूर्व व्यवस्थाएँ दर्शाती हैं कि चुनावी माहौल के बावजूद, प्रशासन के लिए लोक आस्था का यह महापर्व सर्वोच्च प्राथमिकता पर है और सुरक्षा व्यवस्था में कोई ढील नहीं दी जाएगी, ताकि सभी प्रवासी बिहारी और स्थानीय नागरिक छठ मइया और सूर्य देव की आराधना बिना किसी भय और विघ्न के कर सकें।

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-