'प्लीज मेरी मदद करें, मैं मर जाऊंगा' सऊदी अरब के भारतीय मजदूर का वीडियो वायरल होने के बाद दूतावास ने किया हस्तक्षेप


प्रेषित समय :21:49:19 PM / Sun, Oct 26th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली: सऊदी अरब में कथित तौर पर अपने नियोक्ता द्वारा फंसाए गए एक भारतीय मजदूर का मार्मिक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसने रियाद में भारतीय अधिकारियों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। यह घटना सऊदी अरब द्वारा अपने विवादास्पद कफाला प्रणाली को खत्म किए जाने के कुछ ही हफ्तों बाद सामने आई है, जिसने प्रवासी श्रमिकों के अधिकारों पर नए सिरे से सवाल खड़े कर दिए हैं।

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के हंडिया, प्रतापपुर निवासी बताए जा रहे इस व्यक्ति ने वीडियो में अपनी परेशानी और डर को स्पष्ट रूप से व्यक्त किया है। वह वीडियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीधे गुहार लगाते हुए कहते हैं, "प्लीज मेरी मदद करें, मैं मर जाऊंगा।" कामगार का आरोप है कि उसके नियोक्ता, जिसकी पहचान केवल "कपिल" के रूप में हुई है, ने उसका पासपोर्ट जब्त कर लिया है और उसे जान से मारने की धमकी दे रहा है।

यह वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर तेज़ी से फैल गया, जिसके बाद भारतीय अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई की। एक संदेश के साथ भारतीय दूतावास, जिसने विदेश मंत्री एस. जयशंकर को भी टैग किया था, में अधिकारियों से तत्काल हस्तक्षेप का आग्रह किया गया था: "माननीय विदेश मंत्री जी, कृपया तत्काल संज्ञान लें। प्रयागराज के हंडिया, प्रतापपुर का एक निवासी सऊदी अरब में फँसा हुआ है।"

भारतीय दूतावास ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत हस्तक्षेप किया। वायरल हो रहे वीडियो और उसमें लगाए गए गंभीर आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए, दूतावास ने स्पष्ट किया कि उन्होंने मामले का संज्ञान ले लिया है और वे सऊदी अरब में संबंधित अधिकारियों और नियोक्ता से संपर्क साध रहे हैं। दूतावास ने कहा है कि उनकी प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि कामगार सुरक्षित हो और उसका जब्त किया गया पासपोर्ट उसे वापस मिल जाए, ताकि वह जल्द से जल्द भारत लौट सके।

यह घटना खाड़ी देशों में भारतीय श्रमिकों की सुरक्षा और उनके सामने आने वाली चुनौतियों को एक बार फिर से सुर्खियों में ले आई है। भले ही सऊदी अरब ने श्रम सुधारों की दिशा में कदम उठाते हुए कफाला प्रणाली को खत्म करने की घोषणा की हो, जिसके तहत श्रमिकों को नौकरी बदलने या देश छोड़ने के लिए नियोक्ता की अनुमति की आवश्यकता होती थी, लेकिन व्यक्तिगत स्तर पर शोषण और बंधक बनाए जाने के मामले अभी भी सामने आ रहे हैं। यह स्थिति इस बात पर ज़ोर देती है कि कानूनी सुधारों के साथ-साथ जमीनी स्तर पर श्रमिकों के अधिकारों की प्रभावी निगरानी और प्रवर्तन (enforcement) की आवश्यकता है।

दूतावास द्वारा किए गए त्वरित हस्तक्षेप ने फँसे हुए कामगार और उसके परिवार को राहत की उम्मीद दी है। फिलहाल, सभी की निगाहें सऊदी अरब में भारतीय दूतावास और स्थानीय अधिकारियों पर टिकी हैं कि वे इस मामले में क्या कदम उठाते हैं और कामगार को कितनी जल्दी सुरक्षा प्रदान कर उसे भारत वापस लाने में सफल होते हैं। यह मामला भारतीय विदेश नीति के लिए भी एक परीक्षा है कि वह विदेश में अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए कितनी प्रभावी और त्वरित प्रतिक्रिया दे सकती है।

भारतीय दूतावास ने पता लगाने की प्रक्रिया शुरू की

सऊदी अरब में अपने नियोक्ता द्वारा पासपोर्ट जब्त किए जाने और जान से मारने की धमकी मिलने का दावा करने वाले भारतीय कामगार के वायरल वीडियो पर रियाद में भारतीय दूतावास ने तत्काल प्रतिक्रिया दी है।

दूतावास की शुरुआती कार्रवाई

वीडियो सोशल मीडिया पर आने के तुरंत बाद, जिसमें विदेश मंत्री एस. जयशंकर को भी टैग किया गया था, भारतीय दूतावास ने मामले का संज्ञान लिया।

  • पता लगाने का प्रयास: दूतावास ने व्यक्ति का पता लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, ताकि उसे सुरक्षित निकाला जा सके।

  • अधूरी जानकारी की चुनौती: हालांकि, दूतावास ने एक बयान में बताया कि उन्हें व्यक्ति का पता लगाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इसका मुख्य कारण यह है कि वायरल वीडियो में कामगार के सऊदी अरब में स्थान/प्रांत, संपर्क नंबर या नियोक्ता का विवरण जैसी कोई आवश्यक जानकारी नहीं दी गई है।

  • जानकारी जुटाने का आग्रह: दूतावास ने उस सोशल मीडिया अकाउंट से अधिक विवरण जुटाने का आग्रह किया है जिसने मूल रूप से वीडियो साझा किया था, ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके।

दूतावास द्वारा किए गए त्वरित हस्तक्षेप ने यह दर्शाया है कि वह विदेश में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहा है। हालांकि, आवश्यक विवरणों की कमी के कारण बचाव कार्य में देरी हो सकती है।यह घटना खाड़ी देशों में कफाला प्रणाली के उन्मूलन के बाद भी भारतीय श्रमिकों के शोषण की चुनौतियों को उजागर करती है, जिस पर ज़मीनी स्तर पर प्रभावी निगरानी की आवश्यकता है।

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-