हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष उषा अर्घ्य का शुभ मुहूर्त मंगलवार, 28 अक्टूबर 2025 को प्रातः 5 बजकर 55 मिनट से 6 बजकर 25 मिनट तक रहेगा. ज्योतिषीय दृष्टि से यह काल सूर्योपासना का अत्यंत शक्तिशाली समय माना गया है, जब उदीयमान सूर्य की किरणें जीवन में ऊर्जा, आरोग्य और समृद्धि का संचार करती हैं. इस दौरान सूर्य तुला राशि में विराजमान रहेंगे और चंद्रमा धनु राशि में रहेगा, जिससे सभी राशियों के जातकों के लिए अलग-अलग फलदायी परिणाम प्राप्त होंगे.
ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि यदि व्रतीजन और श्रद्धालु अपनी राशि के अनुरूप मंत्रों के साथ अर्घ्य अर्पित करें, तो सूर्यदेव की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है और जीवन के अनेक दोष दूर होते हैं. नीचे दी गई प्रत्येक राशि के लिए उपयुक्त मंत्र और संभावित फल बताए गए हैं—
मेष राशि (Aries)
अर्घ्य देते समय “ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः” का जाप करें. यह मंत्र आत्मबल, आत्मविश्वास और सफलता प्रदान करता है. रोजगार और नेतृत्व से जुड़े लोगों को विशेष लाभ मिलेगा.
वृषभ राशि (Taurus)
“ॐ भास्कराय नमः” मंत्र का जप कर अर्घ्य दें. इससे आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और रुके हुए कार्यों में गति आती है. पारिवारिक सौहार्द बढ़ेगा.
मिथुन राशि (Gemini)
“ॐ रवये नमः” के साथ सूर्य अर्घ्य देने से निर्णय क्षमता बढ़ती है और मानसिक स्पष्टता प्राप्त होती है. विद्यार्थी और लेखक वर्ग को विशेष लाभ होगा.
कर्क राशि (Cancer)
“ॐ पूष्णे नमः” का जाप करते हुए अर्घ्य देने से परिवारिक सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि मिलती है. यह मंत्र भावनात्मक स्थिरता प्रदान करता है.
सिंह राशि (Leo)
सूर्य सिंह राशि के स्वामी हैं, अतः “ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः” मंत्र का जप अत्यंत प्रभावी रहेगा. यह आत्मतेज और समाज में प्रतिष्ठा को बढ़ाता है.
कन्या राशि (Virgo)
“ॐ मित्राय नमः” के साथ अर्घ्य दें. यह मंत्र सामाजिक संबंधों में मधुरता लाता है और मानसिक संतुलन बनाए रखता है.
तुला राशि (Libra)
इस समय सूर्य तुला राशि में हैं, अतः “ॐ सवित्रे नमः” मंत्र अत्यंत शुभ है. इससे मन की शांति, सकारात्मक सोच और जीवन में संतुलन प्राप्त होता है.
वृश्चिक राशि (Scorpio)
“ॐ अर्काय नमः” का जाप करते हुए अर्घ्य दें. यह मंत्र साहस, आत्मविश्वास और कठिन परिस्थितियों से बाहर निकलने की शक्ति प्रदान करता है.
धनु राशि (Sagittarius)
“ॐ भानवे नमः” के साथ अर्घ्य देने से आध्यात्मिक उन्नति, धर्म कर्म में रुचि और जीवन में सौभाग्य का वास होता है.
मकर राशि (Capricorn)
“ॐ आदित्याय नमः” का जप करते हुए अर्घ्य दें. यह मंत्र कार्यक्षेत्र में स्थिरता, पदोन्नति और दीर्घकालिक सफलता देता है.
कुंभ राशि (Aquarius)
“ॐ मित्राय नमः” के साथ अर्घ्य देने से सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ती है और पुराने विवाद समाप्त होते हैं. यह मानसिक शांति का कारक है.
मीन राशि (Pisces)
“ॐ सूर्याय नमः” का जाप करते हुए अर्घ्य दें. यह मनोकामना सिद्धि, आरोग्य और मानसिक सुख का प्रतीक है.
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, छठ पर्व का उषा अर्घ्य केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि ग्रहों की अनुकूलता बढ़ाने वाला क्षण भी है. सूर्य को अर्घ्य देने से न केवल सूर्य दोष, बल्कि पितृ दोष का प्रभाव भी कम होता है. जिनकी जन्मकुंडली में सूर्य कमजोर है, उन्हें विशेष रूप से इस अवसर पर अर्घ्य अर्पित कर “ॐ घृणि सूर्याय नमः” का जाप करना चाहिए.
उषा अर्घ्य के समय दिए गए मंत्र और श्रद्धा से किए गए अर्पण से जीवन में प्रकाश, ऊर्जा, आत्मबल और आयु की वृद्धि होती है. यह क्षण वास्तव में सूर्य की दिव्यता और मानव जीवन के बीच आध्यात्मिक संबंध का उत्सव है — जब हर राशि सूर्यदेव के आशीर्वाद से अपने भीतर नया तेज अनुभव करती है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

