बीजिंग की बढ़ती पाबंदियों के बीच अलीबाबा समर्थित फिनटेक दिग्गज एंट ग्रुप ने हांगकांग में “एंटकॉइन (Antcoin)” नाम से ट्रेडमार्क दर्ज कराया है। यह कदम चीन के भीतर क्रिप्टो गतिविधियों पर बढ़ते नियंत्रण के बावजूद कंपनी के ब्लॉकचेन और डिजिटल एसेट क्षेत्र में निरंतर निवेश का संकेत देता है। ट्रेडमार्क पंजीकरण के दस्तावेज़ 18 जून को केमैन आइलैंड्स के तहत दायर किए गए, जिनमें ब्लॉकचेन सेवाओं और डिजिटल करेंसी से संबंधित कई श्रेणियां शामिल हैं। इस निर्णय को एंट ग्रुप की उस रणनीति के रूप में देखा जा रहा है, जिसके तहत वह हांगकांग के लचीले नियामक वातावरण के माध्यम से अपनी डिजिटल फाइनेंस उपस्थिति को मजबूत करना चाहता है।
हांगकांग इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, एंट ग्रुप ने हाल ही में वर्चुअल एसेट्स, ब्लॉकचेन और स्टेबलकॉइन से जुड़ी कई ट्रेडमार्क के लिए आवेदन किए हैं। ‘एंटकॉइन’ का पंजीकरण कंपनी के फिनटेक नवाचारों में निरंतर रुचि को दर्शाता है। आधिकारिक दस्तावेज़ों से पुष्टि हुई है कि यह आवेदन एंट ग्रुप की एक सहायक कंपनी द्वारा किया गया है, जो ब्लॉकचेन आधारित वित्तीय समाधान में समूह की लंबी अवधि की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
उधर, चीन के पीपुल्स बैंक (PBoC) ने एक बार फिर क्रिप्टोकरेंसी पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। बैंक ने उत्पादन, ट्रेडिंग और क्रिप्टो सट्टेबाजी को रोकने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ मिलकर सख्त कदम उठाने की योजना बनाई है। सरकार का तर्क है कि निजी रूप से जारी डिजिटल करेंसी वित्तीय स्थिरता के लिए खतरा बन सकती हैं, और केवल सरकार नियंत्रित डिजिटल युआन जैसी करेंसी ही “सुरक्षित और पारदर्शी” मानी जा सकती है।
यह कदम उस रिपोर्ट के अनुरूप है जिसमें बताया गया था कि एंट ग्रुप सिंगापुर, हांगकांग और लक्ज़मबर्ग में स्टेबलकॉइन लाइसेंस के लिए आवेदन करने की तैयारी में है। कंपनी का उद्देश्य वैश्विक वित्तीय केंद्रों में ब्लॉकचेन और डिजिटल मुद्रा सेवाओं का विस्तार करना है।
दूसरी ओर, हांगकांग एशिया में डिजिटल फाइनेंस का प्रमुख केंद्र बनकर उभरा है। जहां चीन में क्रिप्टो पर प्रतिबंध सख्त हैं, वहीं हांगकांग ने हाल ही में एशिया का पहला स्पॉट सोलाना ETF मंज़ूर किया है और स्टेबलकॉइन जारी करने के लिए आवेदन स्वीकार करने की प्रक्रिया भी शुरू की है। इस खुले वातावरण ने न केवल एंट ग्रुप बल्कि JD.com जैसी अन्य टेक कंपनियों को भी आकर्षित किया है, हालांकि चीन की नीति अस्थिरता के कारण कई कंपनियों ने अपने कदम फिलहाल धीमे कर दिए हैं।
विश्लेषकों का मानना है कि एंटकॉइन की यह पहल चीन के फिनटेक सेक्टर में हो रहे बदलावों का प्रतीक है। एक ओर हांगकांग नवाचार के लिए रास्ते खोल रहा है, वहीं दूसरी ओर बीजिंग के सख्त नियम कंपनियों के विस्तार पर रोक लगा रहे हैं। एंट ग्रुप इस संतुलन को बनाए रखते हुए “ब्लॉकचेन में सक्रिय लेकिन नियमों के अनुरूप” बने रहना चाहता है।
इस ट्रेडमार्क के माध्यम से कंपनी न केवल डिजिटल मुद्रा क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत करना चाहती है, बल्कि आने वाले समय में विकेंद्रीकृत फाइनेंस (DeFi) और ब्लॉकचेन-आधारित पेमेंट सिस्टम जैसे क्षेत्रों में भी प्रवेश करने की योजना बना सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह एंट ग्रुप के लिए एक “टेक्नोलॉजिकल रीरूटिंग” की तरह है — यानी मुख्य भूमि चीन की सख्त नीतियों से बचकर वैश्विक केंद्रों के माध्यम से नई संभावनाएं तलाशने की रणनीति।
जहां बीजिंग निजी डिजिटल करेंसी को आर्थिक खतरा मानता है, वहीं हांगकांग खुद को “एशिया की क्रिप्टो कैपिटल” के रूप में पेश करने की कोशिश कर रहा है। एंट ग्रुप की यह चाल उसी दिशा में एक प्रतीकात्मक और व्यावहारिक दोनों ही कदम मानी जा रही है।क्रिप्टो विशेषज्ञों के अनुसार, “एंटकॉइन” भले ही एक ब्रांडिंग पहल लगे, लेकिन इसके पीछे की मंशा डिजिटल संपत्तियों के व्यावहारिक उपयोग को आगे बढ़ाने की है। इससे कंपनी अपने मौजूदा पेमेंट नेटवर्क अलीपे में ब्लॉकचेन तकनीक का और गहरा एकीकरण कर सकती है।हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि चीन की सख्त वित्तीय निगरानी व्यवस्था के बीच एंट ग्रुप इस परियोजना को कितनी दूर तक आगे बढ़ा पाता है। फिलहाल, एंटकॉइन का पंजीकरण इस बात का स्पष्ट संकेत है कि कंपनी क्रिप्टो परंपरा से नहीं, तकनीकी नवाचार से नेतृत्व करना चाहती है।
ब्लॉकचेन उद्योग के पर्यवेक्षकों का कहना है कि आने वाले महीनों में यदि हांगकांग का नियामक ढांचा और खुला हुआ तो अन्य चीनी कंपनियां भी इसी रास्ते का अनुसरण कर सकती हैं। इस प्रकार, “एंटकॉइन” न केवल एंट ग्रुप के लिए बल्कि चीन के फिनटेक इतिहास में नए अध्याय की शुरुआत साबित हो सकता है। जब एक ओर चीन क्रिप्टो को सीमित कर रहा है, वहीं एंट ग्रुप ने हांगकांग को अपनी नवाचार प्रयोगशाला बना लिया है। ‘एंटकॉइन’ सिर्फ एक ट्रेडमार्क नहीं, बल्कि उस डिजिटल भविष्य का संकेत है, जहां ब्लॉकचेन और पारंपरिक फाइनेंस एक साझा रास्ते पर मिल सकते हैं — सावधानी के साथ, लेकिन दृढ़ता से।
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

