जबलपुर नगर निगम ने शहर के महत्वपूर्ण 'नॉन-मोटराइज्ड ट्रांसपोर्ट' (एनएमटी) कॉरिडोर और साइकल ट्रैक को व्यवस्थित करने का कार्य आज से तेज कर दिया है। निगमायुक्त राम प्रकाश अहिरवार ने अपर आयुक्त अरविंद शाह सहित अधीक्षण यंत्री, उपायुक्त स्वास्थ्य, उद्यान अधिकारी और अतिक्रमण अधिकारी के साथ मिलकर मदन-महल स्टेशन से पुराना बस स्टैंड तक के पैदल पथ और बंदरिया तिराहा से कटंगा तक के साइकल ट्रैक का विस्तृत निरीक्षण किया।
निगमायुक्त श्री अहिरवार ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि नागरिकों के उपयोग के इन स्थलों को तुरंत साफ, स्वच्छ और अतिक्रमण मुक्त बनाया जाए। उन्होंने कहा कि पैदल और साइकल से चलने वाले नागरिकों को एक सुरक्षित और स्वच्छ व्यवस्था प्रदान करना उनकी प्राथमिकता है। निरीक्षण के दौरान उन्होंने नियमित रूप से सफाई सुनिश्चित करने, पेड़ों की छंटाई कराने और अवैध अतिक्रमण को तत्काल हटाने की कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिए।
गौरतलब है कि महापौर जगत बहादुर सिंह ‘अन्नू’ और निगमायुक्त राम प्रकाश अहिरवार शहर की मूलभूत सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। इसी पहल के तहत, निगमायुक्त ने स्पष्ट किया कि नागरिक सुविधाओं में बढ़ोत्तरी के लिए कार्यों की मॉनिटरिंग हर दूसरे-तीसरे दिन की जाएगी और संबंधित अधिकारी उन्हें प्रगति रिपोर्ट से अनिवार्य रूप से अवगत कराएँ। यह सख्त निर्देश दर्शाता है कि निगमायुक्त शहर की यातायात और सार्वजनिक सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं करेंगे।
सफाई ठेकेदारों को 3 दिन का अल्टीमेटम
निगम आयुक्त अहिरवार ने शहर की सफाई व्यवस्था और कर्मचारियों की उपस्थिति में सुधार लाने के लिए आज एक कड़ा कदम उठाया। सुबह निरीक्षण और जनसुनवाई के बाद, आयुक्त ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और सभी सफाई ठेकेदारों की संयुक्त बैठक बुलाई, जिसमें ई-अटेंडेंस (इलेक्ट्रॉनिक हाजिरी) की निराशाजनक स्थिति पर गहरी नाराजगी व्यक्त की गई।
निगमायुक्त श्री अहिरवार ने ठेकेदारों को अच्छे भाव से समझाते हुए स्पष्ट किया कि उनका एकमात्र उद्देश्य व्यवस्थाओं में सुधार लाना है, न कि कार्रवाई करना। हालांकि, उन्होंने तुरंत प्रभाव से 31 अक्टूबर तक 100 प्रतिशत ई-अटेंडेंस सुनिश्चित करने के लिए तीन दिन का अंतिम अल्टीमेटम दिया है। आयुक्त ने दो टूक शब्दों में कहा कि यदि तय समय-सीमा के भीतर सुधार नहीं होता है, तो ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और नवंबर माह का भुगतान केवल ई-अटेंडेंस के आधार पर ही किया जाएगा।
आयुक्त ने सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा कि यदि किसी ठेकेदार के सफाई संरक्षकों की उपस्थिति 50 प्रतिशत से कम पाई जाती है, तो उनके देयकों से 20 प्रतिशत की पेनाल्टी काटकर भुगतान किया जाएगा, जिसके लिए ठेकेदार स्वयं जिम्मेदार होंगे। उन्होंने उपस्थिति की विसंगतियों को दूर करने के लिए सभी ठेकेदारों और सुपरवाइजरों को रोजाना सुबह 6:00 बजे से फील्ड में निकलकर ई-अटेंडेंस दर्ज कराने का निर्देश दिया।वाहन चालकों की उपस्थिति को लेकर भी निगमायुक्त ने संबंधित ठेकेदार को चेतावनी दी कि चालकों की ई-अटेंडेंस सुनिश्चित की जाए, अन्यथा वेतन कटौती की कार्रवाई होगी। इसके अलावा, नाइट स्वीपिंग (रात्रिकालीन सफाई) व्यवस्था को मजबूत करने और उसकी निगरानी की रिपोर्ट ग्रुप में प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए गए।बैठक के अंत में, आयुक्त ने सी.एम. हेल्प लाइन के लंबित प्रकरणों की समीक्षा की और अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्राप्त आवेदनों का निराकरण एक दिन के भीतर सुनिश्चित कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

