भारतीय क्रिकेट के हिटमैन रोहित शर्मा ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि उम्र केवल एक संख्या है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज़ में शानदार प्रदर्शन के बाद रोहित शर्मा ने 29 अक्टूबर 2025 को आईसीसी वनडे बल्लेबाज़ी रैंकिंग में पहला स्थान हासिल कर लिया. यह उपलब्धि न केवल उनके करियर का नया अध्याय है, बल्कि भारतीय क्रिकेट इतिहास में भी एक खास मुकाम रखती है.
38 वर्ष और 182 दिन की उम्र में रोहित शर्मा अब वनडे रैंकिंग में शीर्ष स्थान पाने वाले सबसे उम्रदराज बल्लेबाज़ बन गए हैं. यह पहला मौका है जब उन्होंने अपने करियर में आईसीसी वनडे बल्लेबाज़ी रैंकिंग में नंबर 1 का ताज हासिल किया है. इससे पहले यह रिकॉर्ड पाकिस्तान के जहीर अब्बास और वेस्टइंडीज़ के डेसमंड हेंस के नाम था, लेकिन रोहित ने इस उपलब्धि से उन्हें पीछे छोड़ दिया है.
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर खेले गए आखिरी वनडे में उनकी शतकीय पारी ने सबका दिल जीत लिया. उन्होंने न केवल भारत को जीत दिलाई बल्कि व्यक्तिगत तौर पर भी ऐसा मुकाम हासिल किया जिसे बहुत कम खिलाड़ी छू पाते हैं. इस सीरीज़ में लगातार दो अर्धशतक और एक नाबाद शतक ने उनके रेटिंग पॉइंट्स को 781 तक पहुँचा दिया, जिससे उन्होंने इब्राहिम ज़द्रान और शुभमन गिल को पीछे छोड़ दिया.
शुभमन गिल, जो हाल के महीनों में लगातार फॉर्म में रहे थे, ऑस्ट्रेलिया दौरे पर ज्यादा रन नहीं बना पाए — और यही रोहित के लिए सुनहरा अवसर साबित हुआ. पूर्व कप्तान ने अपनी तकनीक, अनुभव और धैर्य से यह दिखा दिया कि अगर फिटनेस और मानसिक मजबूती बरकरार रहे, तो उम्र किसी भी उपलब्धि की राह में रुकावट नहीं बनती.
यह उपलब्धि क्रिकेट इतिहास में दो कारणों से ऐतिहासिक है — पहला, यह रोहित का वनडे रैंकिंग में पहला नंबर 1 मुकाम है; दूसरा, वे इस आयु में ऐसा करने वाले दुनिया के पहले खिलाड़ी बन गए हैं. इससे पहले इस सूची में कई महान बल्लेबाज़ रहे हैं, लेकिन कोई भी 38 वर्ष के बाद इस ऊँचाई तक नहीं पहुँच सका था.
आईसीसी रैंकिंग के इतिहास में यह भी दिलचस्प है कि रोहित अब उन महान खिलाड़ियों की सूची में शामिल हो गए हैं जिन्होंने अपने करियर के उत्तरार्ध में सर्वश्रेष्ठ फॉर्म हासिल की. क्रिकेट के दिग्गज सर विवियन रिचर्ड्स ने 1,748 दिनों तक यह स्थान बनाए रखा था, जबकि भारतीय दिग्गज विराट कोहली ने 1,258 दिनों तक वनडे बल्लेबाज़ी में शीर्ष स्थान कायम रखा था. रोहित का यह सफर अभी बस शुरू हुआ है, लेकिन उनकी निरंतरता और अनुभव उन्हें लंबे समय तक शीर्ष पर बनाए रख सकते हैं.
रोहित शर्मा का यह प्रदर्शन केवल रन बनाने तक सीमित नहीं रहा. उनकी बल्लेबाज़ी में आत्मविश्वास, शॉट चयन और मानसिक मजबूती ने नई ऊर्जा दिखाई है. सिडनी में खेली गई उनकी शतकीय पारी को देख क्रिकेट प्रेमियों ने सोशल मीडिया पर “रोहित क्लास इज़ परमानेंट” कहकर सराहा. उनके कवर ड्राइव, पुल शॉट्स और गेंदबाजों पर दबाव बनाने की क्षमता आज भी उतनी ही प्रभावशाली है जितनी एक दशक पहले थी.
दिलचस्प बात यह भी है कि रोहित शर्मा अब एकमात्र ऐसे खिलाड़ी बन गए हैं जिन्होंने 38 वर्ष से अधिक की उम्र में किसी भी फॉर्मेट की आईसीसी रैंकिंग में शीर्ष स्थान हासिल किया है. उन्होंने इस मामले में सचिन तेंदुलकर को भी पीछे छोड़ दिया, जिन्होंने 2011 में 38 वर्ष और 73 दिनों की उम्र में टेस्ट रैंकिंग में पहला स्थान पाया था.
क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि रोहित की यह वापसी "लेट-केरियर गोल्डन फेज़" का संकेत है. उम्र के साथ उनकी बल्लेबाज़ी में परिपक्वता और निखार दोनों आए हैं. सीमित ओवरों के खेल में जहां तेज़ शुरुआत और बड़े शॉट्स ज़रूरी माने जाते हैं, रोहित ने अपने अनुभव से इस संतुलन को बेहतरीन ढंग से साधा है.
पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने इसे “क्रिकेट के इतिहास में सबसे प्रेरणादायक वापसी” बताया है, जबकि ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने उनकी बल्लेबाज़ी को “मास्टरक्लास इन टेम्परामेंट एंड टच” कहा. क्रिकेट विश्लेषकों के अनुसार, रोहित का यह फॉर्म भारत के लिए आने वाले वर्ष में निर्णायक साबित हो सकता है, विशेषकर तब जब टीम विश्व कप 2027 की तैयारी में जुटी है.
यह रैंकिंग केवल आंकड़ों की कहानी नहीं है, बल्कि यह एक ऐसे खिलाड़ी के धैर्य, समर्पण और आत्मविश्वास की दास्तान है जिसने बार-बार खुद को पुनर्परिभाषित किया है. 2025 में जब युवा बल्लेबाज़ों की फौज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट पर हावी दिख रही है, रोहित शर्मा का शीर्ष पर पहुँचना यह संदेश देता है कि अनुभव और अनुशासन अभी भी इस खेल के सबसे बड़े हथियार हैं.
रैंकिंग बदलती रहेगी, लेकिन 29 अक्टूबर 2025 का दिन भारतीय क्रिकेट इतिहास में हमेशा दर्ज रहेगा — वह दिन जब 38 वर्षीय रोहित शर्मा ने अपने बल्ले से फिर साबित किया कि असली क्लास कभी पुरानी नहीं होती.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

