अबू धाबी की उड़ान में दो केरल के पुरुष नर्सों ने दिखाई मानवता की मिसाल, 35 हजार फीट की ऊंचाई पर यात्री की जान बचाई

अबू धाबी की उड़ान में दो केरल के पुरुष नर्सों ने दिखाई मानवता की मिसाल, 35 हजार फीट की ऊंचाई पर यात्री की जान बचाई

प्रेषित समय :21:09:00 PM / Wed, Oct 29th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

कोच्चि से अबू धाबी जा रही एयर अरेबिया की फ्लाइट में 35,000 फीट की ऊंचाई पर उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक 34 वर्षीय यात्री अचानक बेहोश होकर सीट पर गिर पड़ा। लेकिन विमान में सवार दो युवा पुरुष नर्सों ने अपनी सूझबूझ, हिम्मत और प्रशिक्षण से मौत को मात दे दी। ये दोनों नर्स — 26 वर्षीय अभिजित जीस (वायनाड) और 29 वर्षीय अजीश नेल्सन (चेंगन्नूर) — अपनी पहली विदेशी नौकरी के लिए जा रहे थे, जब यह घटना घटी।

दोनों अबू धाबी की प्रतिष्ठित Response Plus Medical (RPM) कंपनी में रजिस्टर्ड नर्स के रूप में काम शुरू करने जा रहे थे। उड़ान संख्या 3L128 ने कोच्चि से सुबह लगभग 5:30 बजे उड़ान भरी थी। उड़ान भरने के करीब 20 मिनट बाद अभिजित ने पास की सीट से किसी के हल्के कराहने की आवाज़ सुनी। उन्होंने देखा कि एक यात्री (त्रिशूर निवासी) सिर झुकाए, सांसहीन अवस्था में पड़ा है।

अभिजित ने तुरंत नब्ज़ जांची — कोई धड़कन नहीं थी। उन्होंने तुरंत CPR (कार्डियोपल्मनरी रीससिटेशन) शुरू किया और क्रू मेंबर को सूचित किया। तभी अजीश भी मदद के लिए आगे बढ़े। दोनों ने मिलकर दो राउंड सीपीआर किया और कुछ ही मिनटों में यात्री ने हल्की सांस लेना शुरू कर दिया। विमान में मौजूद डॉक्टर आरिफ अब्दुल खदिर ने आगे की चिकित्सा संभाली, आईवी फ्लूइड दिया और मरीज की मॉनिटरिंग की। इससे यह सुनिश्चित हुआ कि लैंडिंग तक उसकी हालत स्थिर बनी रहे।

अभिजित ने बाद में बताया, “जब मैंने उसे फिर से सांस लेते देखा तो लगा जैसे ज़िंदगी वापस लौट आई। उस पल एहसास हुआ कि हमारी जिम्मेदारी किसी सीमा में बंधी नहीं है।”
अजीश ने कहा, “हम अपनी पहली नौकरी के लिए जा रहे थे, लेकिन रास्ते में किसी की जान बचाना शायद हमारे पेशे का सबसे सुंदर स्वागत था।”

दोनों के पास भारत में स्टाफ नर्स के रूप में पूर्व अनुभव था, परंतु 35 हजार फीट की ऊंचाई पर आपातकाल से निपटना उनके जीवन का सबसे चुनौतीपूर्ण क्षण साबित हुआ। अभिजित बोले, “आप उम्मीद नहीं करते कि ऐसा कुछ पहली उड़ान में होगा, लेकिन जब होता है, तो आप बस वही करते हैं जिसके लिए प्रशिक्षित हैं।”

विमान अबू धाबी एयरपोर्ट पर सुरक्षित उतरा। एयरपोर्ट मेडिकल टीम पहले से तैयार थी और यात्री को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी हालत स्थिर बताई गई। दोनों नर्स बिना किसी दिखावे के सीधे अपने नए कार्यस्थल पर रिपोर्ट करने पहुंच गए। यह घटना तब सामने आई जब उसी फ्लाइट में मौजूद एक RPM कर्मचारी ब्रिंट एंटो ने कंपनी को इस साहसिक कार्य की जानकारी दी।

बाद में Response Plus Holding के CEO डॉ. रोहिल राघवन ने दोनों को सम्मानित करते हुए कहा, “अभिजित और अजीश ने हमारे संगठन की सच्ची भावना को जीवंत किया है — अस्पताल की दीवारों से बाहर भी जीवन की रक्षा करना ही असली सेवा है।”
RPM Projects के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. मोहम्मद अली ने कहा, “कार्डियक अरेस्ट के मामलों में हर सेकंड अहम होता है। इन दोनों ने जिस तत्परता से CPR दिया, वही उनकी सफलता की कुंजी बनी।”

यात्री के परिवार ने दोनों का आभार जताते हुए कहा, “वे हमारे लिए किसी देवदूत से कम नहीं। उन्होंने जिस साहस और दया से मदद की, वह हमारे दिलों में हमेशा के लिए अमर रहेगी।”

इस घटना ने एक बार फिर यह साबित किया कि चिकित्सा सेवा केवल पेशा नहीं, बल्कि मानवता का धर्म है। अभिजित और अजीश के इस कार्य ने दुनिया को यह याद दिलाया कि सच्चे नर्स केवल अस्पतालों में नहीं, बल्कि जहां कहीं ज़िंदगी और मौत के बीच संघर्ष हो — वहीं उनका असली कर्मक्षेत्र है।

अजीश ने कहा, “हम अबू धाबी अपने करियर की शुरुआत करने आए थे, लेकिन रास्ते में ही किसी की ज़िंदगी बचाना हमें यह समझा गया कि नर्सिंग सिर्फ नौकरी नहीं, एक आह्वान है।”
अभिजित ने जोड़ा, “वो सुबह, वो पल — जब एक सांस वापस लौटी — हमारे जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि बन गया।”

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-