बिहार में छठ प्रसाद लेने को रुकी यात्री ट्रेन का इंजन,ड्यूटी और भक्ति एक साथ चलती है!

बिहार में छठ प्रसाद लेने को रुकी यात्री ट्रेन का इंजन,ड्यूटी और भक्ति एक साथ चलती है!

प्रेषित समय :22:04:08 PM / Thu, Oct 30th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

बिहार से एक दिल को छू लेने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें एक मोटरमैन अपनी यात्री ट्रेन को कुछ क्षणों के लिए रोक देता है — कारण कोई तकनीकी खराबी नहीं, बल्कि श्रद्धा और संस्कृति के सम्मान से जुड़ा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि ट्रेन एक तालाब के पास रुकी है, जहां छठ पर्व के अवसर पर श्रद्धालु सूर्य देव को अर्घ्य देने एकत्र हुए हैं। तभी एक व्यक्ति प्रसाद की थाली लेकर इंजन की ओर बढ़ता है। इंजन के केबिन से झांकते हुए मोटरमैन आदरपूर्वक ‘छठ प्रसाद’ स्वीकार करते हैं, सिर झुकाकर नमस्कार करते हैं और फिर प्रसन्नता से मुस्कुराते हैं।

यह दृश्य कुछ ही सेकंड का है, लेकिन इंटरनेट पर लाखों दिलों को छू गया है। वीडियो जैसे ही X (पूर्व में ट्विटर) https://x.com/i/status/1983130602091024423   और इंस्टाग्राम पर साझा हुआ, देखते ही देखते वायरल हो गया। उपयोगकर्ताओं ने इसे “बिहार की असली खूबसूरती” बताया और इस सादगी में छिपे भाव को “सनातन संस्कृति की आत्मा” कहा।

हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह घटना बिहार के किस इलाके की है या ट्रेन का नंबर क्या था, लेकिन इस दृश्य ने लोगों के दिलों में गहरी छाप छोड़ी है। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने लिखा, “यह सिर्फ भारत में ही संभव है — जहाँ ड्यूटी और भक्ति एक साथ चलती है।”

एक यूज़र ने टिप्पणी की, “यह है सच्चा सनातन—न कोई प्रचार, न दिखावा, न शोर। बस सादगी और श्रद्धा।” दूसरे ने लिखा, “मोटरमैन ने न सिर्फ प्रसाद लिया, बल्कि बिहार की परंपरा को सम्मान भी दिया।”

वीडियो में ट्रेन जिस स्थान पर खड़ी दिख रही है, वहाँ जलाशय के किनारे सैकड़ों लोग छठ पूजा का अनुष्ठान कर रहे हैं। जैसे ही सूरज अस्त होता है, महिलाएं जल में खड़ी होकर सूर्य देव और छठी मैया को अर्घ्य देती हैं। उसी दौरान प्रसाद लेकर एक व्यक्ति इंजन के पास पहुँचता है, और मोटरमैन उसे स्वीकार करते हुए सिर झुकाते हैं—यह क्षण पूरे वीडियो का सबसे भावुक हिस्सा बन गया।

कुछ लोगों ने यह भी सवाल उठाया कि क्या ट्रेन को इस तरह रोकना नियमों के अनुरूप था या नहीं। लेकिन कई रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रेन पहले से ही सिग्नल पर रुकी हुई थी। ऐसे में मोटरमैन का यह व्यवहार नियमों के विरुद्ध नहीं था, बल्कि इसे श्रद्धा और संवेदनशीलता के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है।

छठ पूजा बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश का सबसे प्रमुख पर्व है। इस दौरान श्रद्धालु सूर्य देव और छठी मैया की उपासना करते हैं, उपवास रखते हैं, और नदियों या तालाबों में खड़े होकर सूर्यास्त और सूर्योदय के समय अर्घ्य अर्पित करते हैं। यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है बल्कि लोकसंस्कृति, अनुशासन और सामूहिकता का उत्सव भी है।

इस वायरल वीडियो ने यह भी दिखाया कि आधुनिक तकनीक और पारंपरिक संस्कृति के बीच कैसे एक भावनात्मक पुल बन सकता है। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इसे “भारत की आत्मा का जीवंत उदाहरण” बताया।

एक उपयोगकर्ता ने लिखा, “यह सिर्फ एक वीडियो नहीं, बल्कि वह क्षण है जब ड्यूटी पर तैनात एक कर्मचारी भी संस्कृति के प्रति अपनी निष्ठा दिखाता है। यही तो भारत है।”

कई रेल यात्रियों ने भी इस घटना की सराहना करते हुए कहा कि इसने छठ पर्व की उस सादगी और भक्ति को जीवंत कर दिया जो बिहार की मिट्टी में रची-बसी है।

भले ही यह वीडियो कुछ ही सेकंड का हो, लेकिन इसमें झलकती आस्था ने यह साबित कर दिया कि बिहार में छठ सिर्फ पूजा नहीं, बल्कि भावनाओं और सांस्कृतिक गौरव का उत्सव है — जहाँ एक प्लेट प्रसाद भी लोगों को जोड़ देता है और श्रद्धा की लहर पूरे देश में दौड़ा देता है।

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-