मुंबई. पवई इलाके में गुरुवार को एक दिल दहला देने वाली घटना में 17 मासूम बच्चों को बंधक बनाने वाला आरोपी रोहित आर्या पुलिस मुठभेड़ में गोली लगने से घायल हो गया था, जिसकी इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई. आरोपी ने घटना से कुछ समय पहले एक वीडियो जारी कर अपने इरादों की घोषणा की थी, जिसके बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए बच्चों को सकुशल मुक्त कराया.
मिली जानकारी के अनुसार, यह पूरा घटनाक्रम पवई स्थित आरए स्टूडियो में हुआ, जहां बच्चे एक फिल्म ऑडिशन के लिए पहुंचे थे. उसी दौरान आरोपी ने उन्हें बंधक बना लिया और खुद को रोहित आर्या बताते हुए वीडियो संदेश के माध्यम से अपनी बात सोशल मीडिया पर प्रसारित की. वीडियो में उसने कहा, “मैं आत्महत्या करने के बजाय एक योजना बनाई है और कुछ बच्चों को बंधक बनाया है. मेरी मांगें साधारण, नैतिक और नैतिक सवालों से जुड़ी हैं.” उसने चेतावनी दी कि कोई भी गलत कदम उसे “ट्रिगर” कर सकता है और वह जगह को आग लगा सकता है. आरोपी ने यह भी कहा कि वह “पैसे की मांग नहीं कर रहा है” और खुद को “आतंकी नहीं” बताया.
वीडियो सामने आने के तुरंत बाद मुंबई पुलिस ने पवई क्षेत्र में घेराबंदी कर दी. पुलिस की टीम ने तेजी से कार्रवाई करते हुए स्टूडियो के चारों ओर सुरक्षा घेरा बनाया और नेगोशिएशन टीम को बुलाया गया. स्थिति तनावपूर्ण थी क्योंकि आरोपी ने भीतर से बार-बार चेतावनी दी कि कोई भी कदम बच्चों की जान को खतरे में डाल सकता है. पुलिस ने पूरी रणनीति के साथ ऑपरेशन शुरू किया और बातचीत के माध्यम से आरोपी को आत्मसमर्पण के लिए मनाने की कोशिश की.
करीब दो घंटे तक चली इस कवायद के दौरान स्थिति अचानक तब बिगड़ गई जब आरोपी ने कथित रूप से हथियार जैसी वस्तु दिखाते हुए धमकी दी. मौके पर मौजूद कमांडो टीम ने जवाबी कार्रवाई की और आरोपी को काबू में लेने की कोशिश की. इस दौरान एक गोली आरोपी रोहित आर्या को लगी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया. पुलिस ने उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाया, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया.
सभी 17 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, जिन्हें तत्काल मेडिकल जांच के लिए भेजा गया. डॉक्टरों ने बताया कि सभी बच्चे शारीरिक रूप से सुरक्षित हैं, हालांकि वे मानसिक रूप से बेहद डर और तनाव की स्थिति में हैं. पुलिस ने बताया कि घटना के दौरान किसी बच्चे को कोई शारीरिक चोट नहीं आई.
पुलिस सूत्रों के अनुसार, बंधक बनाए जाने की खबर सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो से मिली. वीडियो में आरोपी ने कहा था, “मैं रोहित आर्य हूं. आत्महत्या करने के बजाय मैंने यह कदम उठाया है ताकि कुछ लोगों से बात की जा सके. मेरे कुछ नैतिक, सामाजिक और धार्मिक सवाल हैं.” उसने वीडियो में यह भी कहा कि “अगर कोई गलत कदम उठाया गया तो स्थिति बिगड़ सकती है” और चेतावनी दी कि “मैं यहां आग लगाने की स्थिति में हूं.” हालांकि उसने यह भी दावा किया कि वह “आतंकवादी नहीं है” और उसका “कोई आर्थिक उद्देश्य नहीं है.”
इस वीडियो के सामने आते ही मुंबई पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने तात्कालिक एक्शन लेते हुए विशेष बलों को मौके पर भेजा. पुलिस टीमों ने आसपास के इलाकों को खाली कराया और आर.ए. स्टूडियो के चारों ओर सुरक्षा घेरा बना दिया. घटनास्थल पर क्विक रेस्पॉन्स टीम (QRT), क्राइम ब्रांच, और स्थानीय पुलिस के अधिकारी तैनात किए गए. बातचीत और समझाने की कोशिशों के बीच आरोपी ने एक बार फिर हिंसक रुख अपनाया, जिसके बाद पुलिस को जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी. इसी दौरान एक गोली आरोपी को लगी. उसे तुरंत पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन डॉक्टरों ने कुछ घंटे बाद उसे मृत घोषित कर दिया.
मुठभेड़ के बाद पुलिस ने स्टूडियो के अंदर तलाशी अभियान चलाया. जांच में एयर गन, कुछ रासायनिक पदार्थों और अन्य संदिग्ध सामग्रियों का पता चला है. फॉरेंसिक टीम इन वस्तुओं की जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या कोई विस्फोटक सामग्री मौजूद थी या नहीं. पुलिस ने फिलहाल किसी साजिश की संभावना से इंकार नहीं किया है और आरोपी की मंशा को समझने के लिए उसके डिजिटल उपकरणों, फोन रिकॉर्ड्स और सोशल मीडिया गतिविधियों की जांच शुरू कर दी है.
मुंबई पुलिस आयुक्त ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह एक संवेदनशील और खतरनाक स्थिति थी, लेकिन पुलिस की त्वरित कार्रवाई से सभी बच्चे सुरक्षित बचा लिए गए. उन्होंने बताया कि रोहित आर्य ने जिस तरह से वीडियो जारी किया और खुद को “संवेदनशील मुद्दों पर जवाब चाहने वाला व्यक्ति” बताया, उससे प्रतीत होता है कि वह मानसिक तनाव में था. पुलिस उसके परिजनों और परिचितों से पूछताछ कर यह जानने का प्रयास कर रही है कि उसके कदमों के पीछे असली कारण क्या थे.
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, शुरुआती जांच से यह पता चला है कि आरोपी ने स्टूडियो में बच्चों के प्रवेश के बाद मुख्य द्वार बंद कर दिया और खुद को अंदर से बंद कर लिया था. उसने कुछ समय बाद सोशल मीडिया पर लाइव वीडियो डाला, जिसमें उसने अपने “नैतिक सवालों” और “समाज से निराशा” का जिक्र किया. वीडियो वायरल होते ही पवई थाने की टीम मौके पर पहुंची और तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया. पूरे ऑपरेशन के दौरान स्थानीय निवासियों को इलाके से दूर रखा गया और आसपास की बिजली आपूर्ति अस्थायी रूप से रोक दी गई थी.
बच्चों को सुरक्षित बाहर निकालने के बाद पुलिस ने प्रत्येक बच्चे की मेडिकल जांच कराई और उनके माता-पिता को बुलाया गया. अधिकारियों ने बताया कि सभी बच्चे पूरी तरह सुरक्षित हैं और किसी को शारीरिक नुकसान नहीं पहुंचा है. मुंबई पुलिस ने बच्चों के माता-पिता से अनुरोध किया है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और पुलिस जांच में सहयोग करें.
इस घटना के बाद से मुंबई के फिल्म ऑडिशन स्थलों और प्रोडक्शन हाउसों में सुरक्षा बढ़ाने की तैयारी की जा रही है. शहर के पुलिस आयुक्त ने संबंधित विभागों को निर्देश दिया है कि ऐसे सभी स्टूडियो और ऑडिशन सेंटर्स में सुरक्षा मानक मजबूत किए जाएं ताकि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो सके.
रोहित आर्य की पृष्ठभूमि को लेकर भी जांच जारी है. प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, वह कुछ महीनों से मानसिक रूप से अस्थिर बताया जा रहा था और सोशल मीडिया पर लगातार विवादित बयान दे रहा था. पुलिस ने उसकी ऑनलाइन गतिविधियों के आधार पर साइबर सेल को जांच में शामिल किया है.
इस पूरी घटना ने एक बार फिर समाज में मानसिक स्वास्थ्य, सोशल मीडिया पर चरम विचारों की बढ़ती प्रवृत्ति और सार्वजनिक सुरक्षा के बीच संतुलन की जरूरत पर सवाल खड़ा कर दिया है. मुंबई पुलिस ने कहा है कि ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए विशेष प्रशिक्षण और मनोवैज्ञानिक सहायता टीमों की भूमिका को और मजबूत किया जाएगा.
पवई की यह घटना जहां एक ओर भय और चिंता का कारण बनी, वहीं दूसरी ओर मुंबई पुलिस की तत्परता और पेशेवर दक्षता ने यह साबित किया कि संकट की स्थिति में तत्काल कार्रवाई से बड़े हादसों को टाला जा सकता है. सभी बच्चों के सुरक्षित बच जाने के बाद अभिभावकों और नागरिकों ने राहत की सांस ली और पुलिस दल के साहसिक प्रयासों की सराहना की.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

