कोटा/जबलपुर. पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा रेल मंडल में वरिष्ठ मंडल इंजीनियर (समन्वय) महेंद्र सिंह पर कर्मचारियों को लगातार मानसिक और भावनात्मक रूप से प्रताड़ित करने का गंभीर आरोप लगा है. महेंद्र सिंह को चार्ज संभाले अभी मात्र चार महीने ही हुए हैं, लेकिन इस अवधि में उन्होंने करीब एक दर्जन कर्मचारियों को चार्जशीट थमा दी है. कर्मचारी परिषद ने इस मामले की शिकायत पमरे की जीएम, डीआरएम व प्रमुख मुख्य अभियंता से की है.
लगाए गंभीर आरोप
वरिष्ठ मंडल इंजीनियर के खिलाफ कर्मचारियों को प्रताड़ित करने के कई कारनामे सामने आए हैं. इन शिकायतों को लेकर गुरुवार को रेलवे के करीब 50 कर्मचारियों के हस्ताक्षर युक्त एक ज्ञापन रेलवे कर्मचारी परिषद द्वारा डीआरएम (मंडल रेल प्रबंधक) को सौंपा गया.
ज्ञापन में लगाए गए मुख्य आरोप
चार्जशीट की बौछार: चार महीनों में लगभग एक दर्जन कर्मचारियों को चार्जशीट थमाई गई.
मानसिक प्रताडऩा: कर्मचारियों को लगातार मानसिक एवं भावनात्मक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है.
अभद्र व्यवहार: बिना उचित कारण के कठोर एवं अनुचित भाषा का प्रयोग कर कर्मचारियों को अपमानित करना.
नौकरी से निकालने की धमकी: बात-बात पर कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की धमकी देना.
छुट्टी से इनकार: कर्मचारियों को समय पर छुट्टी नहीं देना और अवकाश आवेदन अस्वीकृत करना. पारिवारिक शोक, निधन और गंभीर परिस्थितियों में भी कर्मचारियों को कार्यालय आने के लिए मजबूर करना.
कार्यस्थल में अस्थिरता: बिना किसी लिखित आदेश या पूर्व सूचना के, और बिना उचित प्रशासनिक कारण के, कर्मचारियों की ड्यूटी पोजीशन और कार्यस्थल बार-बार बदल देना, जिससे उनकी कार्यक्षमता और मानसिक संतुलन प्रभावित हो रहा है.
अतिरिक्त कार्य का दबाव: खाली पदों का काम भी दबाव डालकर अन्य कर्मचारियों से जबरन करवाया जा रहा है.
कार्रवाई की मांग
कर्मचारी परिषद ने डीआरएम से मामले में उचित कार्रवाई का भरोसा मिलने की बात कही है. डीआरएम के अलावा, कर्मचारी परिषद ने इस ज्ञापन की एक प्रति पश्चिम-मध्य रेलवे के महाप्रबंधक और प्रमुख मुख्य इंजीनियर जबलपुर को भी भेजी है, ताकि मामले में उच्च-स्तरीय संज्ञान लिया जा सके. कर्मचारियों ने महेंद्र सिंह द्वारा किए जा रहे मानसिक उत्पीड़न को तुरंत रोकने की मांग की है.
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