मुंबई. महाविकास आघाड़ी (एमवीए) की सत्याचा मोर्चा (सत्य के लिए मार्च) रैली में शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने मतदाता सूची में कथित गड़बडिय़ों को लेकर नाराजगी जताते हुए लोगों से अपील की कि वे वोट चोरों को पहचानें और सबक सिखाएं.
उद्धव ठाकरे ने कहा, जहां भी वोट चोर दिखे, उसे पीटो. देश के हर मतदाता से मेरा अनुरोध है कि वे अपना नाम वोटर लिस्ट में जरूर जांचें. जब एक शौचालय के पाते पर 100 मतदाता दर्ज हो सकते हैं, तो सोचिए आपके घर में कितने होंगे.
पूर्व मुख्यमंत्री का यह बयान राज्य की मतदाता सूचियों में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं के आरोपों के बीच आया है. विपक्ष का दावा है कि वोटर लिस्ट में एक ही पते पर सैकड़ों लोगों के नाम दर्ज हैं, कुछ जगहों पर तो 800 से ज्यादा मतदाता एक ही पते पर पाए गए हैं.
निकाय चुनाव टालने की मांग
इस मोर्चे में एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के प्रमुख उद्धव ठाकरे, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे, कांग्रेस नेता बाला साहेब थोरात और सुप्रिया सुले समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए. सभी ने एकसुर होकर मांग की कि स्थानीय निकाय चुनाव तब तक स्थगित किए जाएं, जब तक मतदाता सूची की पूरी तरह जांच कर गड़बडिय़ों को दूर नहीं किया जाता. अपने संबोधन में उद्धव ठाकरे ने यह भी दावा किया कि किसी ने चुनाव आयोग के सक्षम ऐप पर उनका नाम और मोबाइल नंबर फर्जी तरीके से इस्तेमाल करने की कोशिश की. उन्होंने कहा, मुझे शक है कि यह मेरी वोटर लिस्ट से नाम हटाने की साजिश थी.
अमित शाह पर किया कटाक्ष
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए उद्धव ठाकरे ने फिल्म शोले का फेमस डायलॉग दोहराते हुए कहा, जैसे जब बच्चा रोता है तो मां कहती है सो जा, नहीं तो गब्बर आ जायेगा, वैसे मैं कहता हूं- जागते रहो, नहीं तो एनाकोंडा आ जाएगा. सत्तारूढ़ महायुति सरकार पर निशाना साधते हुए ठाकरे ने कहा, पहले मेरी पार्टी, मेरा चुनाव चिन्ह, मेरे पिता का नाम चुराया और अब वोट चुराने की कोशिश हो रही है.
राज ठाकरे भी खूब बरसे
राज ठाकरे ने भी अपने चचेरे भाई के सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि मुंबई की मतदाता सूचियों में लाखों डुप्लीकेट वोटर हैं. उन्होंने कहा, जब भी ऐसे मतदाता पकड़े जाएं, उनकी पिटाई करो और फिर पुलिस के हवाले करो. मनसे प्रमुख ने आने वाले स्थानीय चुनावों को फिक्स्ड मैच करार देते हुए कहा, जब मतदाता सूची ही सही नहीं है तो चुनाव कराने का क्या मतलब? पहले मतदाता सूची को ठीक करो, फिर चुनाव कराओ.
गौरतलब है कि अक्टूबर में विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी का प्रतिनिधिमंडल राज्य चुनाव आयोग और मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात कर चुका है. इस दौरान उन्होंने मतदाता सूची में कथित गड़बडिय़ों की जांच की मांग की थी. विपक्ष का कहना है कि आने वाले स्थानीय निकाय चुनाव पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से कराए जाएं. हालांकि अब देखना होगा कि चुनाव आयोग विपक्ष के इन गंभीर आरोपों पर क्या कदम उठाता है.

