जयपुर. राजस्थान के प्रसिद्ध पुष्कर पशु मेले से एक दर्दनाक घटना सामने आई है. मेले में प्रदर्शित एक भैंस, जिसकी कीमत लगभग ₹21 करोड़ बताई जा रही थी, अचानक बीमार पड़ने के बाद मौत के मुंह में चली गई. यह भैंस मेले की मुख्य आकर्षणों में से एक थी और हर दिन हजारों लोग इसे देखने पहुंचते थे. बताया जा रहा है कि भैंस को विशेष इंतजामों के साथ पुष्कर लाया गया था, क्योंकि इसकी कीमत और पहचान दोनों ही असाधारण थे.
पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने पुष्टि की कि जैसे ही उन्हें भैंस की तबीयत बिगड़ने की जानकारी मिली, पशु चिकित्सकों की एक टीम तत्काल मौके पर पहुंची. डॉक्टरों ने हर संभव प्रयास कर इलाज शुरू किया, लेकिन भारी शरीर और तेजी से बिगड़ती हालत के चलते वे भैंस की जान नहीं बचा सके. यह घटना शुक्रवार को हुई, और कुछ ही देर में भैंस की मौत की खबर पूरे मेले में फैल गई.
मेले में मौजूद लोगों के अनुसार, भैंस की तबीयत अचानक बिगड़ी और कुछ ही मिनटों में वह जमीन पर गिर गई. कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिनमें देखा जा सकता है कि मृत भैंस के आसपास बड़ी संख्या में लोग और उसके देखरेख करने वाले मौजूद हैं. भैंस की कीमत और कद-काठी को लेकर सोशल मीडिया पर पहले से ही चर्चा थी, लेकिन अब उसकी मौत ने मेले के उत्सव के बीच एक गंभीर सन्नाटा ला दिया है.
सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो के बाद नेटिज़न्स में नाराजगी की लहर है. कई उपयोगकर्ताओं ने इस घटना को “मानवता पर कलंक” बताया है. इंस्टाग्राम पर ‘स्ट्रीट डॉग्स ऑफ बॉम्बे’ नामक एक यूजर ने वीडियो साझा करते हुए लिखा, “इस मौत के कई कारण हो सकते हैं—तनाव, पहले से मौजूद स्वास्थ्य समस्याएं और मालिकों द्वारा व्यावसायिक फायदे के लिए बरती गई लापरवाही. उन्होंने भैंस को मोटा और भारी दिखाने के लिए कई दवाएं इंजेक्ट कीं.”
इस पोस्ट के बाद लोगों ने पशु अत्याचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. एक यूजर ने लिखा, “ऐसे प्रदर्शन पर रोक लगनी चाहिए, यह शर्मनाक है कि जानवरों को दिखावे की वस्तु बना दिया गया है.” कई लोगों ने इसे “कृत्रिम सुंदरता की दौड़” बताया और कहा कि पशुपालन में इस तरह की प्रवृत्ति खतरनाक और अमानवीय है.
वहीं पशुपालन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मौत के सही कारणों की जांच के लिए पोस्टमार्टम कराया जाएगा. शुरुआती जांच में यह संदेह जताया गया है कि भैंस को भारी दिखाने के लिए हार्मोनल और एनाबॉलिक इंजेक्शन दिए गए थे, जिससे उसका शरीर असामान्य रूप से सूज गया था. यही कारण उसकी अचानक बिगड़ी हालत और मौत की वजह बन सकता है.
जानकारों के मुताबिक, पशु मेलों में महंगी नस्लों के प्रदर्शन के दौरान यह आम प्रवृत्ति बन गई है कि पशुओं को ‘विजुअल इम्पैक्ट’ के लिए तैयार किया जाता है. कई बार उन्हें ऐसे इंजेक्शन दिए जाते हैं जो उनके शरीर को फुला देते हैं या वजन बढ़ा देते हैं, ताकि संभावित खरीदार प्रभावित हों और ऊंची बोली लगाएं. विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के रसायन पशुओं की किडनी और हृदय पर गंभीर असर डालते हैं.
पुष्कर पशु मेला हर साल राजस्थान के अजमेर जिले में आयोजित किया जाता है और यह देश का सबसे बड़ा पशु मेला माना जाता है. इस वर्ष यह मेला 30 अक्टूबर से शुरू हुआ है और 5 नवंबर तक चलेगा. देशभर से व्यापारी और पशुपालक यहां आते हैं. ऊंट, घोड़े, गाय और भैंसों की विभिन्न नस्लें यहां प्रदर्शित की जाती हैं. इस बार की खासियत रही—असामान्य कीमत वाले पशुओं की मौजूदगी. कुछ भैंसों और बैलों की कीमतें करोड़ों रुपये तक पहुंचीं, जिससे यह मेला मीडिया और सोशल मीडिया दोनों पर सुर्खियों में रहा.
लेकिन ₹21 करोड़ की इस भैंस की मौत ने मेले की चमक को धुंधला कर दिया है. यह सवाल भी उठने लगा है कि क्या पशु मेलों की प्रतिस्पर्धा ने अब पशु कल्याण की सीमाओं को लांघ लिया है? एक तरफ यह आयोजन परंपरा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की झलक माने जाते हैं, तो दूसरी ओर पशुओं के शारीरिक शोषण और दवा-निर्भर प्रदर्शन पर चिंता गहराती जा रही है.
स्थानीय प्रशासन ने कहा है कि वे इस मामले की गहन जांच करेंगे और यदि कोई मानव-निर्मित कारण पाया गया तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल पशु प्रेमी संगठनों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने इस घटना को “व्यावसायिक क्रूरता का चरम उदाहरण” बताया है.
भैंस की मौत की यह खबर उस समय आई है जब मेले में आने वाले हजारों लोगों की भीड़ अपने चरम पर है. मेला आयोजकों ने इस घटना पर शोक व्यक्त किया है और कहा है कि भविष्य में पशुओं के स्वास्थ्य की निगरानी के लिए और सख्त व्यवस्थाएं की जाएंगी.
पुष्कर का यह मेला हमेशा उत्सव, परंपरा और ग्रामीण जीवंतता का प्रतीक माना गया है, लेकिन इस बार एक भैंस की मौत ने उस उत्सव के बीच एक सख्त सवाल खड़ा कर दिया है—क्या अब हमारे मेले दिखावे की दौड़ में संवेदनाओं से खाली होते जा रहे हैं?