मुंबई: भारतीय कॉमेडी जगत के बेताज बादशाह सुनील ग्रोवर एक बार फिर चर्चा में हैं। हाल ही में 'कौन बनेगा करोड़पति' (KBC) के सेट पर अमिताभ बच्चन की उनकी शानदार नकल ने दर्शकों को हंसी से लोटपोट कर दिया और यह साबित कर दिया कि उनकी हास्य प्रतिभा सीमाओं से परे है। सुनील ग्रोवर की इसी अद्वितीय कला पर उनके मामा और दार्शनिक लेखक डॉ. सेठी के.सी. ने एक भावुक टिप्पणी की है, जिसने उनकी कला को वैश्विक हास्य कला की श्रेणी में खड़ा कर दिया है।
दमाम और सिंगापुर के बीच रहने वाले डॉ. सेठी के.सी., जो स्वयं एक दार्शनिक लेखक हैं, अपने भांजे की सफलता पर गर्व महसूस करते हैं। उन्होंने सुनील ग्रोवर की कॉमेडी को केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि एक गहरी भावना और जीवन के दर्शन से जोड़ा है। डॉ. सेठी ने कहा, “सुनील की कॉमेडी सिर्फ हंसी नहीं, एक भावना और दर्शन है। भारत ने दुनिया को एक ऐसा कॉमेडियन दिया है जिसकी हंसी हर भाषा समझती है।” यह टिप्पणी दर्शाती है कि सुनील ग्रोवर का हास्य सिर्फ शब्दों या भाषा पर निर्भर नहीं करता, बल्कि यह मानवीय भावनाओं और सहज अभिव्यक्ति पर आधारित है, जिसे दुनिया का हर दर्शक आसानी से महसूस कर सकता है।
सुनील ग्रोवर ने अपने करियर में 'गुत्थी' और 'डॉ. मशहूर गुलाटी' जैसे कई यादगार किरदार निभाए हैं, जो भारतीय टेलीविजन के इतिहास में अमर हो गए हैं। इन किरदारों की सफलता का राज सिर्फ उनकी वेशभूषा या संवाद नहीं थे, बल्कि सुनील की सहज अभिनय शैली और मानवीय हास्य था, जो दर्शकों के दिलों को छू जाता था। 'द कपिल शर्मा शो' और अन्य प्लेटफॉर्म पर उनकी रचनात्मकता और हर किरदार में ढल जाने की क्षमता ने उन्हें आज वैश्विक हास्य कलाकारों की श्रेणी में ला खड़ा किया है।
डॉ. सेठी ने आगे कहा, “वो सिर्फ हंसाते नहीं, ज़िंदगी को हल्का और खूबसूरत बना देते हैं।” यह बात सुनील ग्रोवर के काम की गहराई को दर्शाती है। उनका हास्य अक्सर दर्द में लिपटी सादगी और दैनिक जीवन की विडंबनाओं पर आधारित होता है, जो दर्शकों को न केवल गुदगुदाता है, बल्कि उन्हें जीवन की मुश्किलों से कुछ पल के लिए राहत भी देता है। एक कॉमेडियन के रूप में सुनील ग्रोवर का योगदान सिर्फ मनोरंजन तक सीमित नहीं है; वह लोगों को खुशी देने वाले और दिलों को जोड़ने वाले के रूप में भी देखे जाते हैं।
कई समीक्षक और प्रशंसक उन्हें चार्ली चैपलिन और रॉबिन विलियम्स जैसे दिग्गजों की लीग में स्थान देते हैं, क्योंकि उनका हास्य भी भाषा और संस्कृति की सीमाओं को पार करने की क्षमता रखता है। सुनील ग्रोवर की कला में एक अद्भुत गर्माहट और ज्ञान है, जो हर संस्कृति के लोगों को एक साथ लाती है। उनकी कॉमेडी में वह दुर्लभ कला है जो दिल को हील करती है।
कॉमेडी के अलावा, सुनील ग्रोवर ने खुद को एक दमदार अभिनेता के रूप में भी साबित किया है। 'पटाखा', 'भारत' और हाल ही में वेब सीरीज 'सनफ्लावर' में उनके अभिनय ने दिखाया है कि वह किसी भी गंभीर या ऑफबीट किरदार को उसी शिद्दत से निभा सकते हैं, जिस शिद्दत से वह कॉमेडी करते हैं। यह बहुमुखी प्रतिभा उन्हें भारतीय रचनात्मकता का एक प्रमुख चेहरा बनाती है।
वास्तव में, सुनील ग्रोवर आज भारतीय रचनात्मकता और मानवीय हास्य का एक वैश्विक चेहरा बन चुके हैं। उनके मामा डॉ. सेठी के.सी. की यह टिप्पणी, दुनिया को यह याद दिलाती है कि सुनील ग्रोवर की हंसी सिर्फ एक शो या किरदार नहीं है, बल्कि यह एक सार्वभौमिक भाषा है जो मानवता को एक सूत्र में पिरोती है।
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

