प्रौद्योगिकी जगत में एक बड़ी खबर हवा में तैर रही है जिसने खासकर उन उपभोक्ताओं के बीच उत्सुकता पैदा कर दी है जो उच्च गुणवत्ता वाले एप्पल उत्पाद को सुलभ कीमत पर खरीदने का सपना देखते हैं। सूत्रों और वैश्विक मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से खबर है कि तकनीकी दिग्गज ऐप्पल कथित तौर पर एक बिल्कुल नए एंट्री-लेवल मैकबुक पर काम कर रहा है, जिसका लक्ष्य विशेष रूप से विकासशील बाजारों में बजट-सचेत उपयोगकर्ताओं को आकर्षित करना है। यह कदम बाजार में एक बड़ा उलटफेर पैदा कर सकता है और माना जा रहा है कि यह किफायती मैकबुक 2026 की शुरुआत में उपभोक्ताओं के लिए उपलब्ध हो सकता है। एप्पल का यह नया दांव उस सेगमेंट को हिला देने की क्षमता रखता है जिस पर फिलहाल गूगल के क्रोमबुक और एंट्री-लेवल विंडोज पीसी का वर्चस्व है, जो छात्रों और छोटे व्यवसायों के बीच अपनी कम कीमत के कारण बेहद लोकप्रिय हैं।
ब्लूमबर्ग की एक नई रिपोर्ट में विस्तार से बताया गया है कि इस किफायती मैक को विशेष रूप से छात्रों, व्यवसायों और उन सामान्य उपयोगकर्ताओं के लिए डिज़ाइन किया गया है जो मुख्य रूप से इंटरनेट सर्फिंग, दस्तावेज़ों पर काम करने, फिल्में देखने और हल्के-फुल्के संपादन जैसे कार्यों के लिए एक पोर्टेबल डिवाइस चाहते हैं। एप्पल की अब तक की रणनीति हमेशा से प्रीमियम और उच्च मूल्य निर्धारण वाली रही है, जिससे उसके उत्पाद एक खास वर्ग तक ही सीमित रहे हैं। लेकिन इस नए 'बजट मैकबुक' के माध्यम से, कंपनी एक व्यापक उपभोक्ता आधार तक अपनी पहुंच बढ़ाना चाहती है, खासकर उन लाखों उपयोगकर्ताओं तक जो क्रोमबुक की कम कीमतों या विभिन्न विंडोज लैपटॉप मॉडलों की विविधता से आकर्षित होते हैं। इस रणनीतिक बदलाव से स्पष्ट संकेत मिलता है कि ऐप्पल अब शिक्षा और कॉर्पोरेट जगत के निचले स्तर के बाज़ारों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए तैयार है, जहां कीमत एक निर्णायक कारक होती है।
इस बहु-चर्चित मैकबुक की सबसे रोचक अफवाहों में से एक इसके प्रोसेसर को लेकर है। ऐसी खबरें हैं कि इसे आईफोन चिप द्वारा संचालित किया जा सकता है। हालाँकि, यह स्पष्ट नहीं है कि इसका मतलब मौजूदा एम-सीरीज़ चिप का कोई डाउनग्रेड या बेहद किफायती संस्करण होगा, या फिर यह पूरी तरह से ए-सीरीज़ (जो आईफोन और आईपैड में उपयोग होती है) के एक संशोधित संस्करण पर आधारित होगा। यदि एप्पल वास्तव में आईफोन-आधारित चिप का उपयोग करता है, तो यह डिवाइस की लागत को काफी कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, आईफोन चिप्स अपनी उत्कृष्ट ऊर्जा दक्षता के लिए जाने जाते हैं, जिसका अर्थ है कि यह नया मैकबुक संभवतः शानदार बैटरी लाइफ प्रदान करेगा, जो छात्रों और यात्रा करने वाले पेशेवरों के लिए एक अत्यंत आकर्षक विशेषता होगी। हालांकि, 'आईफोन चिप' का उपयोग संभवतः यह भी संकेत देता है कि यह मैकबुक उन शक्ति-गहन कार्यों (जैसे 3डी रेंडरिंग या पेशेवर वीडियो संपादन) के लिए नहीं बनाया जाएगा जिनके लिए एम2 प्रो या एम3 मैक्स चिप वाले उच्च-स्तरीय मैकबुक प्रो मॉडल जाने जाते हैं। यह इस बजट मैकबुक के लक्ष्य उपयोगकर्ता समूह की आवश्यकताओं के अनुरूप ही होगा।
बाजार विशेषज्ञ इस कदम को गूगल और माइक्रोसॉफ्ट दोनों के लिए एक सीधी चुनौती के रूप में देख रहे हैं। क्रोमबुक, अपनी सरलता और कम लागत के कारण, अमेरिका सहित कई बाजारों में शिक्षा क्षेत्र में भारी पकड़ बनाए हुए हैं। वहीं, विंडोज पीसी विभिन्न मूल्य बिंदुओं पर हार्डवेयर विकल्पों की एक विशाल श्रृंखला प्रदान करते हैं। ऐप्पल इस नए डिवाइस के साथ अपनी अद्वितीय निर्माण गुणवत्ता, सॉफ़्टवेयर अनुकूलन और अपने पारिस्थितिकी तंत्र की निर्बाध एकीकरण क्षमता को इन प्रतिस्पर्धी बाजारों में लाना चाहता है। यदि एप्पल $500 से $800 के बीच कहीं भी एक मजबूत और विश्वसनीय मैकबुक पेश करने में सफल होता है, तो वह उन करोड़ों उपभोक्ताओं का ध्यान खींच सकता है जो पहले मैकओएस के अनुभव से वंचित थे। भारत जैसे विकासशील बाजारों के लिए यह कदम विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जहाँ मध्यम-वर्गीय परिवारों के लिए लैपटॉप खरीदते समय कीमत सर्वोपरि होती है। ऐप्पल द्वारा अपनी पहुँच को व्यापक बनाने का यह प्रयास न केवल बिक्री की मात्रा में वृद्धि करेगा, बल्कि लंबे समय में कंपनी के पारिस्थितिकी तंत्र में उपयोगकर्ताओं को बांधने की उसकी क्षमता को भी मजबूत करेगा।
इस नए मैकबुक को एक मज़बूत एल्युमीनियम चेसिस और रेटिना डिस्प्ले के साथ आने की उम्मीद है, भले ही इसके कुछ घटक (जैसे डिस्प्ले की चमक या पोर्ट विकल्प) उच्च-स्तरीय मैकबुक एयर या प्रो मॉडल की तुलना में थोड़े कम प्रीमियम हो सकते हैं। समग्र रूप से, यह एक ऐसा उत्पाद होगा जो ऐप्पल की गुणवत्ता की मुहर को वहन करेगा, लेकिन उन अनावश्यक सुविधाओं को हटा दिया जाएगा जो कीमत को बढ़ाती हैं। विश्लेषकों का मानना है कि ऐप्पल के लिए यह कदम विलंब से उठाया गया लेकिन आवश्यक है, क्योंकि बाजार तेजी से किफायती और पोर्टेबल कंप्यूटिंग की ओर बढ़ रहा है। 2026 की शुरुआत की समय-सीमा भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह ऐप्पल को एक ऐसे उत्पाद के साथ बाजार में प्रवेश करने का समय देती है जो नई चिप आर्किटेक्चर और मैकओएस के भविष्य के संस्करणों के साथ पूरी तरह से अनुकूलित हो। यह अफवाहें एक रोमांचक बदलाव की ओर इशारा कर रही हैं: ऐप्पल अब सिर्फ प्रीमियम सेगमेंट का राजा बनकर संतुष्ट नहीं है, बल्कि वह कंप्यूटिंग के हर स्तर पर अपनी बादशाहत कायम करना चाहता है। यह नया, किफायती मैकबुक निस्संदेह कई बजट-सचेत खरीदारों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा, जो जल्द ही एप्पल के पारिस्थितिकी तंत्र में प्रवेश करने का सपना देख रहे हैं।
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

