सैन फ्रांसिस्को। तकनीकी दिग्गज एप्पल (Apple) एक बार फिर इंटरनेट पर मज़ाक और ट्रोलिंग का केंद्र बन गई है, लेकिन इस बार मामला किसी नए गैजेट का नहीं, बल्कि एक लाइफस्टाइल एक्सेसरी का है, जिसे कई लोग 'इतिहास का सबसे महंगा मोजा' बता रहे हैं। एप्पल ने जापानी फैशन डिजाइनर इसेई मियाके (Issey Miyake) के सहयोग से अपना नवीनतम एक्सेसरी 'आईफोन पॉकेट' लॉन्च किया है, जिसकी कीमत सुनकर उपभोक्ता हैरान हैं—यह जेब ₹20,379 ($229.95) में बेची जा रही है। इस ऊँची कीमत और 'मोजे' जैसे दिखने वाले डिज़ाइन के कारण सोशल मीडिया पर एप्पल की इनोवेशन रणनीति पर तीखे सवाल उठ रहे हैं।
ऐप्पल ने अपने इस नए उत्पाद को एक "3D-निटेड पाउच" के रूप में वर्णित किया है, जो 'एक कपड़े के टुकड़े के विचार' से प्रेरित है। कंपनी के अनुसार, आईफोन पॉकेट को विशेष रूप से आईफोन या अन्य छोटी आवश्यक वस्तुओं को रखने के लिए डिज़ाइन किया गया है। एप्पल ने अपने बयान में कहा, "एक अतिरिक्त जेब बनाने के विचार से जन्मा, इसका सूक्ष्म डिज़ाइन पूरी तरह से आईफोन को कवर करता है, जो उपयोगकर्ता की रोजमर्रा की वस्तुओं को रखने के लिए फैल सकता है।" कंपनी ने यह भी बताया कि इसे कई तरह से पहना जा सकता है: इसे बैग से बांधा जा सकता है, शरीर के आर-पार लटकाया जा सकता है, या केवल हाथ में पकड़ा जा सकता है।
एप्पल के इंडस्ट्रियल डिज़ाइन की उपाध्यक्ष मौली एंडरसन ने इस सहयोग पर प्रकाश डालते हुए कहा, "ऐप्पल और इसेई मियाके एक ऐसा डिज़ाइन दृष्टिकोण साझा करते हैं जो कारीगरी, सादगी और आनंद का जश्न मनाता है। यह चतुर अतिरिक्त जेब उन विचारों का उदाहरण है और यह हमारे उत्पादों के लिए एक स्वाभाविक साथी है।"
हालांकि, एप्पल की इस परिष्कृत और कलात्मक व्याख्या को इंटरनेट पर कोई खास समर्थन नहीं मिला। लॉन्च होते ही, 'आईफोन पॉकेट' मीम्स और चुटकुलों का विषय बन गया। प्रसिद्ध टेक इन्फ्लुएंसर मार्केस ब्राउनली (MKBHD) ने तंज कसते हुए कहा, "दो सौ तीस डॉलर। यह एक लिटमस टेस्ट जैसा लगता है, उन लोगों के लिए जो एप्पल द्वारा जारी की गई किसी भी चीज़ को खरीदेंगे या उसका बचाव करेंगे।"
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जल्द ही एप्पल के इस इनोवेशन का मज़ाक उड़ाने वाले कमेंट्स से भर गए। एक यूजर ने व्यंग्य किया, "जब मुख्य टेक दिग्गज AI मॉडल बना रहे हैं, तब एप्पल मोजों के साथ खेल रहा है।" एक अन्य यूजर ने सवाल उठाया, "सोचा था कि यह एक मज़ाकिया पोस्ट है," जबकि तीसरे ने टिप्पणी की, "इस बिंदु पर, ऐप्पल बस यह परीक्षण कर रहा है कि प्रशंसक किसी भी चीज़ को सही ठहराने के लिए कितनी दूर जाएंगे।"
नेटिज़न्स का यह रुख साफ दर्शाता है कि एक साधारण एक्सेसरी के लिए ₹20,000 से अधिक खर्च करना उपभोक्ताओं को तर्कसंगत नहीं लग रहा है। कई लोगों का मानना है कि इस कीमत पर, यह उत्पाद तकनीकी जरूरत से अधिक फैशन और स्टेटस सिंबल के लिए लॉन्च किया गया है। हालाँकि, कुछ लोगों ने इस असामान्य डिज़ाइन का बचाव भी किया। उनका कहना है कि यह 'आईफोन पॉकेट' शायद फैशन-फ़ॉरवर्ड दर्शकों को पसंद आएगा, खासकर "धनी एशियाई ऑफिस महिलाओं" को, जो इसेई मियाके की मिनिमल सौंदर्य दृष्टि को पसंद करती हैं। कुल मिलाकर, एप्पल का यह नया लॉन्च एक बार फिर से तकनीकी नवाचार बनाम ब्रांड लॉयल्टी की बहस को जन्म दे चुका है, और फिलहाल इंटरनेट पर यह 'सबसे महंगा मोजा' ही चर्चा का केंद्र बना हुआ है।