जबलपुर.शहर इन दिनों सिर्फ़ अपने पर्यटन और धार्मिक स्थलों के कारण ही नहीं, बल्कि तेजी से बदलती फूड कल्चर के कारण भी चर्चा में है. शहर के प्रमुख फूड ब्लॉगर्स द्वारा हाल ही में खोजी गई एक नई स्ट्रीट फूड लोकेशन का वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है. इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर पोस्ट की गई रील्स कुछ ही घंटों में हजारों व्यूज़ का आंकड़ा पार कर गईं और देखते ही देखते जबलपुर के युवा फूडीज़ के बीच यह लोकेशन चर्चा का नया केंद्र बन गई. शहर में बढ़ते डिजिटल इन्फ्लुएंस और फूड ब्लॉगिंग के प्रभाव को देखते हुए यह ट्रेंड न केवल स्थानीय व्यापारियों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है, बल्कि शहर की पहचान को भी एक नए रूप में सामने ला रहा है.
जबलपुर के लोकप्रिय फूड ब्लॉगर्स, जिनमें युवाओं की एक पूरी टीम शामिल है, हाल ही में विजय नगर और मदन महल के बीच स्थित नई विकसित स्ट्रीट फूड लाइन पर पहुंचे, जहां कुछ महीनों पहले छोटे-छोटे ठेले और फूड कार्ट्स ने अपनी दुकानें लगानी शुरू की थीं. पहले यह इलाका सिर्फ़ स्थानीय निवासियों तक ही सीमित था, लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो ने इस स्थान को मुख्यधारा में ला दिया. रील्स में दिखाई गई चाय, मोमोज़, तवा रोल, मलाई कुल्फी, चीज़ पिज्ज़ा कोन और खस्ते कचौरी जैसे आइटम लोगों की दिलचस्पी का केंद्र बने हुए हैं. ब्लॉगर्स ने अपने वीडियो में बताया कि यहां का स्वाद न सिर्फ़ किफायती है, बल्कि व्यंजनों की विविधता भी किसी बड़े बाजार से कम नहीं.
वीडियो वायरल होने के बाद शहर के विभिन्न इलाकों से युवा, कॉलेज छात्र, ऑफिस कर्मचारी और परिवार के लोग इस जगह पहुंच रहे हैं. दुकान चलाने वाले vendors के अनुसार, आम दिनों में जहां वे मुश्किल से 50–60 ग्राहक देख पाते थे, वहीं अब यह आंकड़ा 200–300 तक पहुंच गया है. कई फूड स्टॉल्स पर तो शाम के समय लंबी कतारें लगने लगी हैं. सोशल मीडिया की ताकत और डिजिटल ट्रेंड्स की रफ्तार ने छोटे व्यापारियों के जीवन में यह बदलाव लाया है, जिससे उनकी आमदनी कई गुना तक बढ़ गई है.
फूड ब्लॉगर्स का कहना है कि स्ट्रीट फूड संस्कृति जबलपुर का एक अहम हिस्सा रही है, परंतु कई छोटे vendors गुमनामी में काम करते आ रहे थे. उनके प्रयास सिर्फ़ स्वाद और गुणवत्ता को बनाए रखने तक सीमित रहते थे, लेकिन डिजिटल प्लेटफॉर्म पर दृश्यता न होने के कारण उनकी पहुंच सीमित थी. ऐसे में फूड ब्लॉगिंग के बढ़ते प्रभाव और वीडियो कंटेंट की लोकप्रियता ने छोटे व्यापारियों को एक नया मंच दिया है. ब्लॉगर्स की टीम का कहना है कि वे ऐसे vendors को आगे लाना चाहते हैं जो कम संसाधनों के बावजूद बेहतरीन स्वाद और मेहनत का परिचय दे रहे हैं.
इस नए ट्रेंड से शहर में फूड पर्यटन को भी बढ़ावा मिल रहा है. युवा वर्ग अब सिर्फ़ कैफे और रेस्टोरेंट्स तक सीमित नहीं रहा, बल्कि नई जगहों की खोज में लगातार निकल रहा है. इस खोज का एक बड़ा हिस्सा इंस्टाग्राम रील्स और यूट्यूब शॉर्ट्स के कारण संभव हो रहा है, जहां कुछ सेकंड का वीडियो लोगों को नई जगह जाने के लिए प्रेरित कर देता है. जबलपुर में पिछले तीन सालों में फूड ब्लॉगिंग का दायरा तेजी से बढ़ा है. जहां पहले शहर में दर्जनभर फूड कंटेंट क्रिएटर्स थे, वहीं आज यह संख्या 80 से अधिक हो चुकी है. लगभग हर कॉलेज में कम से कम दो से तीन छात्र फूड ब्लॉगिंग कर रहे हैं, जो इस प्रतियोगिता और उत्साह को और भी बढ़ा रहा है.
वायरल वीडियो ने न सिर्फ़ ग्राहकों की संख्या बढ़ाई है, बल्कि नगर निगम और स्थानीय प्रशासन का ध्यान भी यहां खींचा है. कई vendors ने बताया कि वे लंबे समय से बिजली के कनेक्शन, साफ़-सफाई, कचरा प्रबंधन और सड़क की मरम्मत जैसे मुद्दों को लेकर परेशान थे. लेकिन जब वीडियो वायरल हुए और भीड़ बढ़ी, तो प्रशासन ने इस स्थान का निरीक्षण किया और साफ़-सफाई तथा प्रकाश व्यवस्था को सुधारने की घोषणा की. यह दिखाता है कि सोशल मीडिया अब सिर्फ़ मनोरंजन का माध्यम नहीं रहा, बल्कि स्थानीय समस्याओं को सामने लाने और समाधान तक पहुंचाने का प्रभावी साधन भी बन गया है.
फूड ब्लॉगर्स के अनुसार, इस लोकेशन की लोकप्रियता इसलिए भी बढ़ी है क्योंकि यहां के vendors ने स्वाद के साथ प्रयोग किए हैं. कई ठेलेदारों ने युवा ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए नये व्यंजन और फ्यूजन आइटम भी तैयार किए हैं. जैसे कि तवा पर बनने वाला चीज़ रोल, पिज्ज़ा फ्लेवर वाला भेल, और मसाला कुल्फी जैसे प्रयोग लोगों को आकर्षित कर रहे हैं. ब्लॉगर्स का कहना है कि फूड इंडस्ट्री में लगातार नए प्रयोग ही ग्राहकों की दिलचस्पी बनाए रखते हैं और यही इस जगह की पहचान बन रहा है.
शहर के सोशल मीडिया उपभोक्ताओं ने भी इस ट्रेंड में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है. हजारों लोगों ने वीडियो को शेयर करते हुए अपनी प्रतिक्रियाएं दीं और कई लोगों ने स्वयं जाकर वहां की तस्वीरें एवं वीडियो पोस्ट किए, जिससे यह स्थान कुछ ही दिनों में "विरल स्ट्रीट स्पॉट" बन गया है. खास बात यह है कि वीडियो वायरल होने के बाद अन्य फूड ब्लॉगर्स की टीमें भी यहां पहुंच रही हैं और लगातार नए vendors को कवर कर रही हैं. इससे सोशल मीडिया पर एक प्रतिस्पर्धात्मक लेकिन सकारात्मक माहौल बन रहा है जिसमें अधिक से अधिक स्थानीय व्यवसायों को लाभ मिल रहा है.
स्ट्रीट फूड लोकेशन की बढ़ती लोकप्रियता ने यह भी दिखाया है कि जबलपुर तेजी से बदलते डिजिटल युग में अपनी पहचान बना रहा है. जहां पहले इस शहर को केवल पर्यटन, सैन्य क्षेत्र और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता था, वहीं अब फूड कल्चर भी शहर को नई पहचान दे रहा है. यह बदलाव न केवल स्थानीय निवासियों के लिए खुशी की बात है, बल्कि शहर के युवाओं के लिए प्रेरणा भी है कि डिजिटल मीडिया का सही उपयोग बड़े बदलाव ला सकता है.
कुल मिलाकर, जबलपुर का यह वायरल फूड स्पॉट यह साबित करता है कि एक छोटी सी रील भी किसी की मेहनत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकती है. डिजिटल प्लेटफॉर्म पर बढ़ती पहुंच और युवाओं के आकर्षण ने जबलपुर को एक उभरते हुए फूड हब के रूप में सामने रखा है. आने वाले दिनों में यह ट्रेंड और भी मजबूत होगा और संभव है कि जबलपुर की कई और गुमनाम फूड लोकेशन इसी तरह सोशल मीडिया पर अपनी पहचान बना लें.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

