जबलपुर. जबलपुर को संस्कारधानी के नाम से जाना जाता है और अब यहाँ के जागरूक युवा शहर के प्रमुख रेलवे स्टेशन पर यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाने की माँग को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक अनूठा और प्रभावी वीडियो अभियान चला रहे हैं. यह अभियान इस समय ज़ोर पकड़ चुका है और इसने स्थानीय प्रशासन तथा रेल अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया है. लगभग $\text{500}$ शब्दों की यह रिपोर्ट इस डिजिटल आंदोलन के बढ़ते प्रभाव को दर्शाती है.
यह अभियान मुख्य रूप से इंस्टाग्राम, ट्विटर और फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म पर चल रहा है, जहाँ युवाओं ने छोटे, आकर्षक वीडियो क्लिप्स और रील्स के माध्यम से स्टेशन पर मौजूद कमियों को उजागर किया है. इन वीडियो में प्रमुखता से प्लेटफॉर्म पर साफ-सफाई की कमी, पर्याप्त बैठने की व्यवस्था का अभाव, पुराने और गैर-कार्यशील डिस्प्ले बोर्ड, और विशेष रूप से दिव्यांग तथा वरिष्ठ नागरिकों के लिए रैंप और लिफ्ट की खराब स्थिति को दिखाया गया है. एक वीडियो में एक युवा को प्लेटफॉर्म के कोने में कूड़े के ढेर की ओर इशारा करते हुए दिखाया गया है, जबकि दूसरे वीडियो में एक बुजुर्ग यात्री को सीढ़ियाँ चढ़ते हुए संघर्ष करते दिखाया गया है, जबकि लिफ्ट काम नहीं कर रही है.
इन वीडियो क्लिप्स को स्थानीय युवाओं के समूह, 'जबलपुर फ़र्स्ट' (Jabalpur First) द्वारा शुरू किया गया, जिसका उद्देश्य शहर के बुनियादी ढांचे और सार्वजनिक सेवाओं में सुधार लाना है. इन वीडियो में स्थानीय भाषा और रचनात्मक एडिटिंग का इस्तेमाल किया गया है, जिससे वे तेज़ी से वायरल हो रहे हैं और हज़ारों की संख्या में शेयर किए जा रहे हैं. अभियान के पीछे के एक सदस्य ने बताया कि उनका उद्देश्य किसी पर दोष लगाना नहीं है, बल्कि समस्या को सामने लाना और रेल प्रशासन को रचनात्मक समाधान के लिए प्रेरित करना है. उन्होंने कहा कि जबलपुर मध्य भारत का एक महत्वपूर्ण जंक्शन है और इसे विश्वस्तरीय सुविधाओं वाला स्टेशन होना चाहिए.
इस वीडियो कैम्पेन ने जनता के बीच एक बड़ा संवाद शुरू कर दिया है. सोशल मीडिया पर सैकड़ों यात्रियों ने अपने अनुभव साझा किए हैं और बताया है कि उन्हें किन असुविधाओं का सामना करना पड़ता है. लोगों ने माँग की है कि जबलपुर स्टेशन के सभी प्लेटफॉर्म पर एस्केलेटर को तुरंत कार्यशील बनाया जाए और प्रतीक्षालयों की हालत सुधारी जाए. इसके साथ ही, पीने के पानी की बेहतर व्यवस्था और शौचालयों की नियमित सफाई पर भी ज़ोर दिया गया है.
अभियान की बढ़ती लोकप्रियता के कारण, जबलपुर मंडल के रेलवे अधिकारियों को इस पर प्रतिक्रिया देनी पड़ी है. रेलवे प्रवक्ता ने एक अनौपचारिक बयान में कहा है कि वे सोशल मीडिया पर चल रहे इस फीडबैक का संज्ञान ले रहे हैं और यात्री सुविधाओं में सुधार के लिए पहले से ही कई परियोजनाओं पर काम चल रहा है. उन्होंने विशेष रूप से लिफ्ट और एस्केलेटर के रखरखाव को प्राथमिकता देने और आगामी बजट में साफ-सफाई के लिए अतिरिक्त फंड आवंटित करने का आश्वासन दिया है. हालांकि, युवाओं का समूह तब तक संतुष्ट नहीं है जब तक कि वे ज़मीनी स्तर पर वास्तविक सुधार नहीं देखते. उनका वीडियो अभियान अब एक डिजिटल जन आंदोलन का रूप ले चुका है, जो यह साबित करता है कि जागरूक युवा अपनी आवाज़ उठाने और सकारात्मक बदलाव लाने के लिए डिजिटल मंच का कितनी प्रभावी ढंग से उपयोग कर सकते हैं. यह अभियान जबलपुर रेलवे स्टेशन को एक मॉडल स्टेशन बनाने के लिए दबाव बनाए हुए है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

