स्टारबक्स कर्मचारियों की देशव्यापी हड़ताल के बीच न्यूयॉर्क के मेयर-चयनित ज़ोहरान ममताानी ने किया बहिष्कार का आह्वान ‘नो कॉन्ट्रैक्ट, नो कॉफी’

स्टारबक्स कर्मचारियों की देशव्यापी हड़ताल के बीच न्यूयॉर्क के मेयर-चयनित ज़ोहरान ममताानी ने किया बहिष्कार का आह्वान ‘नो कॉन्ट्रैक्ट, नो कॉफी’

प्रेषित समय :21:19:56 PM / Sat, Nov 15th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

न्यूयॉर्क . अमेरिका में स्टारबक्स कर्मचारियों की हड़ताल ने एक बार फिर श्रमिक अधिकारों और कॉर्पोरेट जिम्मेदारी पर राष्ट्रीय बहस छेड़ दी है। इसी बीच न्यूयॉर्क सिटी के मेयर-चयनित ज़ोहरान ममताानी ने शुक्रवार को एक अहम राजनीतिक संदेश देते हुए स्टारबक्स के खिलाफ सार्वजनिक बहिष्कार की अपील की। उन्होंने न्यूयॉर्क वासियों से कहा कि जब तक स्टारबक्स कर्मचारियों को “न्यायसंगत, सम्मानजनक और सुरक्षित” अनुबंध नहीं मिल जाता, तब तक श्रृंखला की किसी भी दुकान से कॉफी न खरीदें।

शुक्रवार का दिन संयोग से स्टारबक्स के सबसे व्यस्त वार्षिक आयोजनों में से एक — “रेड कप डे” — का था। इसी मौके पर स्टारबक्स वर्कर्स यूनाइटेड ने “रेड कप रिबेलियन” नामक राष्ट्रव्यापी ओपन-एंडेड हड़ताल शुरू की, जिसमें हजारों की संख्या में कर्मचारी शामिल हुए। कंपनी के इस अत्यंत लाभदायक दिन को चुनकर कर्मचारियों ने यह संकेत दिया कि वे अपनी आवाज को अनदेखा नहीं होने देंगे।

ज़ोहरान ममताानी, जो पहले से ही प्रगतिशील नीतियों और श्रमिक-अधिकारों के समर्थक माने जाते हैं, ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर लिखा— “देशभर के स्टारबक्स कर्मचारी ‘अनफेयर लेबर प्रैक्टिसेज़’ के खिलाफ हड़ताल पर हैं। जब तक कर्मचारियों को न्यायपूर्ण अनुबंध नहीं मिलता— ‘नो कॉन्ट्रैक्ट, नो कॉफी।’” उन्होंने यह भी कहा कि शहर के लिए श्रमिकों का सम्मान और उनकी सुरक्षा सर्वोपरि है, और कॉर्पोरेट संस्थानों को कर्मचारियों के अधिकारों से समझौता नहीं करना चाहिए।

इस बयान के सामने आते ही सोशल मीडिया पर समर्थन और आलोचना दोनों की लहर दिखाई दी। एक बड़ा वर्ग ममताानी की इस पहल को “हिम्मत भरा राजनीतिक कदम” बता रहा है, विशेष रूप से इसलिए कि स्टारबक्स जैसी विशाल कॉफी श्रृंखला को खुलकर चुनौती देना आसान नहीं माना जाता। कुछ ने लिखा कि न्यूयॉर्क जैसे बड़े शहर में मेयर-चयनित की यह अपील कर्मचारियों के संघर्ष को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूती देगी।

स्टारबक्स वर्कर्स यूनाइटेड की ओर से कहा गया कि पिछले कई वर्षों से कर्मचारी न्यायसंगत वेतन, स्थायी शेड्यूल, बेहतर सुरक्षा मानकों और स्वास्थ्य सुविधाओं की मांग कर रहे हैं, लेकिन कंपनी प्रबंधन उनके अनुरोधों को गंभीरता से नहीं ले रहा। यूनियन के अनुसार, वे केवल “सम्मानजनक कार्य-परिस्थितियाँ” चाहते हैं, जो किसी भी बड़े संस्थान के लिए साधारण अपेक्षा होनी चाहिए।

दूसरी ओर, स्टारबक्स प्रबंधन ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि वे कर्मचारियों की चिंताओं पर विचार कर रहे हैं और कई क्षेत्रों में सुधार के उपाय पहले से लागू किए जा चुके हैं। कंपनी के मुताबिक, हड़ताल से ग्राहकों को असुविधा हो सकती है, लेकिन वे “सकारात्मक समाधान” की दिशा में बातचीत जारी रखने के लिए तैयार हैं। हालांकि, यूनियन ने कंपनी के दावों को “बेमानी और अपूर्ण” कहा है।

“रेड कप रिबेलियन” की खासियत यह थी कि इस बार यह सिर्फ कुछ शहरों तक सीमित नहीं रही, बल्कि कैलिफोर्निया, टेक्सास, न्यूयॉर्क, इलिनॉयस, पेंसिल्वेनिया, वॉशिंगटन और अन्य राज्यों तक फैल गई। कई जगहों पर ग्राहकों ने भी कर्मचारियों के साथ मिलकर बहिष्कार का समर्थन किया। कुछ आउटलेट्स पर लंबी कतारें नदारद रहीं, जबकि अन्य स्थानों पर कर्मचारियों ने पिकेटिंग करते हुए ‘फेयर कॉन्ट्रैक्ट’ के नारे लगाए।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मेयर-चयनित ममताानी का यह बयान राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा को नए मोड़ पर ले जाएगा, क्योंकि वर्तमान अमेरिकी राजनीतिक परिदृश्य में श्रमिक-अधिकार एक प्रमुख मुद्दा बनकर उभर रहा है। प्रगतिशील नेताओं द्वारा यूनियनों का समर्थन बढ़ने के बाद इस तरह की हड़तालों की आवृत्ति और प्रभाव दोनों में वृद्धि देखी जा रही है।

न्यूयॉर्क जैसे शहर में, जहाँ सेवा-क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा कॉफी चेन और रेस्तरां उद्योग पर निर्भर है, ऐसी हड़तालें आर्थिक और सामाजिक दोनों स्तरों पर असर डालती हैं। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि यदि हड़ताल लंबी चली, तो स्टारबक्स को वित्तीय नुकसान झेलना पड़ सकता है और कंपनी को यूनियन के साथ अधिक लचीला रुख अपनाना पड़ सकता है।

कर्मचारियों का कहना है कि उनका उद्देश्य स्टारबक्स को नुकसान पहुंचाना नहीं, बल्कि न्यायपूर्ण कामकाजी माहौल पाना है। एक कर्मचारी ने स्थानीय मीडिया से कहा, “हम स्टारबक्स के खिलाफ नहीं, बल्कि अन्याय के खिलाफ लड़ रहे हैं। हम चाहते हैं कि कंपनी हमें इंसान समझे, सिर्फ कर्मचारी नहीं।”

ममताानी की अपील ने शहर में नई चर्चा शुरू कर दी है— क्या यह कदम उन्हें ‘श्रमिकों के पक्षधर मेयर’ की छवि देगा, या क्या कॉर्पोरेट जगत में इसका कोई राजनीतिक प्रभाव पड़ेगा? फिलहाल इतना स्पष्ट है कि स्टारबक्स की हड़ताल सिर्फ एक कॉफी कंपनी के अंदरूनी विवाद से कहीं अधिक बन चुकी है। यह बड़े स्तर पर अमेरिकी श्रमिक आंदोलन का प्रतीक बन गई है।

स्थिति आगे कैसे आगे बढ़ेगी, यह कंपनी और यूनियन के बीच होने वाली वार्ताओं पर निर्भर करेगा। लेकिन फिलहाल, “नो कॉन्ट्रैक्ट, नो कॉफी” का यह नारा न्यूयॉर्क से लेकर पूरे अमेरिका के सामाजिक विमर्श का हिस्सा बन चुका है— और इसमें ज़ोहरान ममताानी की अपील ने नई ऊर्जा भर दी है।

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-