जबलपुर. एमपी विद्युत वितरण कंपनी में लोकपाल नियुक्ति के विज्ञापन में अधिवक्ताओं को आमंत्रित न करने पर हाईकोर्ट का नोटिस में न्यायालय ने आवेदक नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल करने का निर्देश दिया है. टीकमगढ़ निवासी अधिवक्ता कृष्णकांत खरे ने मध्यप्रदेश विद्युत कंपनी के लिए लोकपाल नियुक्ति के संबंध में मध्य प्रदेश इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन द्वारा दिनांक 9 अक्टूबर 2025 को जारी विज्ञापन चुनौती दी है.
आवेदक की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने न्यायालय में तर्क प्रस्तुत किया कि इस संबंध में 2021 के जो नियम राज पत्र में प्रकाशित किए गए हैंए उसमें नियम 4, 3 में लोकपाल की नियुक्ति हेतु निर्धारित योग्यता लीगल अफेयर निर्धारित की है. किंतु विज्ञापन में लीगल अफेयर्स के तहत जिला न्यायाधीश के पद पर कार्य करने की 2 वर्ष के अनुभव अनिवार्यता की गई है जो कि अवैध हैए क्योंकि लीगल अफेयर्स के अंतर्गत अधिवक्ता भी आते हैं.
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने कोर्ट को बताया कि शर्त के अनुसार कहा है कि योग्य व्यक्ति वही होगा जो कि दो साल तक जिला न्यायाधीश के पद पर कार्य करते हुए अनुभव हो. उसी को याचिकाकर्ता ने चुनौती देते हुए बताया गया कि जो भी नियम बनाए गए है. उसमें लोकपाल की नियुक्ति के नियम में योग्यता निर्धारित की गई हैए लीगल अफेयरए जिसमें कि अधिवक्ता भी आते हैं.
याचिकाकर्ता का कहना है कि यह आदेश जारी करते अधिवक्ताओं के साथ कुठाराघात किया गया है. उनका विज्ञापन पूरी तरह से मनमाना है और प्रिसींपल रुल के खिलाफ है. अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय का कहना है कि यह कही भी प्रावधान नहीं हैए कि रिटायर जज को ही लोकपाल की नियुक्ति दी जाएगी. मामले पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार और आयोग को नोटिस जारी करते हुए कहा याचिकाकर्ताओं को भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने के निर्देश दिए है. मामले पर अगली सुनवाई अब दो सप्ताह बाद होगी.
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