अनिल मिश्र, पटना. देश की एकता और अखंडता के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाली भारत रत्न एवं देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 108वीं जयंती पर आज गया शहर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की. स्थानीय अनुग्रह नारायण रोड स्थित दुबे आश्रम में कांग्रेस पार्टी के तत्वाधान में आयोजित इस गरिमामय समारोह में वक्ताओं ने प्रियदर्शिनी इंदिरा गांधी के व्यक्तित्व और कृतित्व को याद करते हुए उन्हें आधुनिक भारत का सबसे सशक्त निर्माता बताया. कार्यक्रम की शुरुआत उनके तैल चित्र पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुई जिसके बाद वहां मौजूद वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनके द्वारा देशहित में लिए गए ऐतिहासिक और साहसिक फैसलों पर विस्तार से चर्चा की.
सभा को संबोधित करते हुए बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रतिनिधि और प्रवक्ता प्रोफेसर विजय कुमार मिट्ठू ने इंदिरा गांधी के कार्यकाल को स्वर्ण युग बताते हुए कहा कि वे आज तक के प्रधानमंत्रियों में सबसे सशक्त और निडर नेत्री रही हैं. उन्होंने 1971 के युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि इंदिरा जी ने अपने फौलादी इरादों से पाकिस्तान के सीने को चीरकर बांग्लादेश को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में स्थापित कराया था, जो उनकी कूटनीतिक और सैन्य क्षमता का बेजोड़ उदाहरण है. इसके अलावा उन्होंने बैंकों, कोलियरी और निजी संस्थानों का राष्ट्रीयकरण कर देश की अर्थव्यवस्था को आम आदमी से जोड़ने का ऐतिहासिक काम किया जिसे देश कभी नहीं भूल सकता.
समारोह में विद्वान वक्ता प्रद्युम्न दुबे ने इंदिरा गांधी की देशभक्ति और बलिदान को याद करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी शहादत से कुछ महीने पहले ही एक सभा में भविष्यवाणी कर दी थी कि उनके खून का एक-एक कतरा देश की सेवा और एकता के लिए कुर्बान होगा और उन्होंने इसे सच कर दिखाया. वहीं, डॉ. मदन कुमार सिन्हा ने उनके सामाजिक सरोकारों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इंदिरा गांधी ने ही देश में सबसे पहले 'गरीबी हटाओ' का नारा बुलंद किया था. उन्होंने हर नागरिक के लिए भोजन, वस्त्र और आवास की गारंटी सुनिश्चित करने की वकालत की थी और उनकी ये नीतियां आज के दौर में भी पूरी तरह प्रासंगिक बनी हुई हैं. जयंती समारोह के अंत में इंटक जिला महासचिव टिंकू गिरी, मोहम्मद शाहिद आजमी, रूपेश चौधरी, राहुल चंद्रवंशी, अशोक राम और कृष्ण कुमार मांझी सहित अन्य गणमान्य लोगों ने भी अपने विचार रखे और इंदिरा गांधी के बताए रास्ते पर चलने का संकल्प लिया.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

