विश्व शांति की कामना संग जबलपुर में पंचकल्याणक महायज्ञ की तैयारियों को अंतिम रूप देने खुद मैदान में उतरे महापौर अन्नू

विश्व शांति की कामना संग जबलपुर में पंचकल्याणक महायज्ञ की तैयारियों को अंतिम रूप देने खुद मैदान में उतरे महापौर अन्नू

प्रेषित समय :21:08:30 PM / Wed, Nov 19th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

जबलपुर. संस्कारधानी जबलपुर की धर्मप्राण धरा एक बार फिर अध्यात्म और आस्था के महाकुंभ की साक्षी बनने जा रही है. विश्व शांति और लोक कल्याण की मंगल कामना को लेकर शहर में आयोजित होने वाले भव्य 'श्री 1008 मज्जिनेन्द्र पंचकल्याणक महायज्ञ महोत्सव' की तैयारियां अब अंतिम चरणों में पहुंच गई हैं. आगामी 1 दिसंबर से 7 दिसंबर 2025 तक पिसनहारी की मढ़िया के सामने स्थित बड़ा दद्दा ग्राउंड में होने वाले इस विशाल धार्मिक आयोजन को लेकर नगर निगम प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर आ गया है. हजारों श्रद्धालुओं के आगमन और आयोजन की भव्यता को देखते हुए मंगलवार को महापौर जगत बहादुर सिंह 'अन्नू' ने स्वयं मोर्चा संभाला और आयोजन स्थल पर पहुंचकर तैयारियों का बारीकी से जायजा लिया. महापौर का यह निरीक्षण दौरा इस बात का संकेत है कि प्रशासन इस आयोजन में किसी भी प्रकार की कमी नहीं छोड़ना चाहता और देश भर से आने वाले जैन धर्मालंबियों को शहर में एक सुगम और सुखद अनुभव प्रदान करना चाहता है.

मंगलवार को जब महापौर अपने प्रशासनिक अमले के साथ बड़ा दद्दा ग्राउंड पहुंचे तो वहां युद्धस्तर पर तैयारियां चलती दिखाई दीं. इस दौरान उन्होंने आयोजन समिति के सदस्यों और निगम अधिकारियों के साथ पूरे परिसर का पैदल भ्रमण किया. महापौर ने स्पष्ट किया कि यह आयोजन न केवल जैन समाज का है बल्कि पूरे संस्कारधानी के गौरव का विषय है, इसलिए यहां आने वाले हजारों श्रद्धालुओं की सुविधाओं का ख्याल रखना नगर निगम की नैतिक जिम्मेदारी है. निरीक्षण के दौरान महापौर ने सबसे ज्यादा जोर बुनियादी सुविधाओं पर दिया. उन्होंने अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए कि महायज्ञ स्थल तक पहुंचने वाले सभी पहुंच मार्गों (एप्रोच रोड) को तत्काल दुरुस्त किया जाए ताकि श्रद्धालुओं को आवागमन में किसी भी प्रकार की धूल या गड्ढों का सामना न करना पड़े. इसके अलावा, उन्होंने पूरे मैदान के समतलीकरण (लेवलिंग) कार्य को वैज्ञानिक तरीके से करने को कहा ताकि बुजुर्गों और बच्चों को चलने में असुविधा न हो और बैठने की व्यवस्था सुचारू रूप से हो सके.

स्वच्छता सर्वेक्षण में जबलपुर की रैंकिंग सुधारने के लिए प्रयासरत महापौर ने इस धार्मिक आयोजन में भी सफाई व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि आयोजन के दौरान 24 घंटे सफाई कर्मियों की तैनाती की जाए और कचरा उठाव की विशेष व्यवस्था हो. चूंकि यह आयोजन सात दिनों तक चलेगा और इसमें हजारों लोग भोजन प्रसादी ग्रहण करेंगे, इसलिए महापौर ने स्वच्छ पेयजल की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए भी विशेष इंतजाम करने को कहा है. इसके साथ ही, महिलाओं और पुरुषों के लिए पर्याप्त संख्या में अस्थाई और स्थाई प्रसाधन केंद्रों (Toilets) की व्यवस्था और उनकी नियमित सफाई के निर्देश भी दिए गए हैं ताकि स्वच्छता के मानकों के साथ कोई समझौता न हो. सुरक्षा और सुविधा के लिहाज से प्रकाश व्यवस्था का भी जायजा लिया गया और निर्देश दिए गए कि रात के समय पूरे मेला परिसर और आसपास की सड़कों पर दूधिया रोशनी की व्यवस्था की जाए ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति से बचा जा सके.

इस निरीक्षण के दौरान एक महत्वपूर्ण बात जो सामने आई, वह यह थी कि नगर निगम इस आयोजन में केवल एक मूक दर्शक या व्यवस्थापक नहीं बल्कि एक सक्रिय भागीदार की भूमिका निभाएगा. महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने घोषणा की कि महायज्ञ परिसर की साज-सज्जा और इस भव्य आयोजन के प्रचार-प्रसार का जिम्मा भी नगर निगम उठाएगा. उन्होंने कहा कि विश्व कल्याण के लिए हो रहे इस यज्ञ की गूंज दूर-दूर तक पहुंचनी चाहिए. इसके लिए शहर के प्रमुख चौराहों पर होर्डिंग लगाने और अन्य माध्यमों से प्रचार करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को मौके पर ही दिए गए. महापौर ने कहा कि जबलपुर की पहचान उसके अतिथि सत्कार से है और जब धर्म के नाम पर इतना बड़ा आयोजन हो रहा हो तो शहर की सजावट भी वैसी ही होनी चाहिए. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे आयोजन समिति के साथ निरंतर संपर्क में रहें और उनकी हर छोटी-बड़ी आवश्यकता को तत्काल प्रभाव से पूरा करें.

निरीक्षण के दौरान महापौर का रुख बेहद सख्त और स्पष्ट था. उन्होंने अधिकारियों को हिदायत दी कि वे केवल कागजों पर काम न करें बल्कि धरातल पर परिणाम दिखें. उन्होंने कहा कि वे आयोजन शुरू होने से पहले एक बार फिर निरीक्षण करेंगे और यदि किसी भी कार्य में गुणवत्ता की कमी या लापरवाही पाई गई तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इस मौके पर महापौर के साथ मेयर इन काउंसिल (एमआईसी) के सदस्य विवेक राम सोनकर भी मौजूद थे जिन्होंने अपने विभाग से संबंधित कार्यों का अपडेट लिया. इसके अलावा स्थानीय पार्षद अनुपम जैन, जितेन्द्र कटारे, अतुल जैन दानी सहित आयोजन समिति के प्रमुख सदस्य जैसे अशोक जैन, राजीव बेटिया, गौरव जैन, मंजेश जैन, अनिल जैन, रिंकू जैन, उत्तम जैन, संजय जैन, मनोज जैन और अरविंद कुमार जैन आदि भी उपस्थित रहे. इन सभी ने महापौर को आयोजन की रूपरेखा समझाई और अपनी आवश्यकताएं बताईं जिस पर महापौर ने त्वरित समाधान का आश्वासन दिया.

नगर निगम की ओर से स्वास्थ्य अधिकारी (H.O.) सुश्री अंकिता बर्मन और विभागीय अधिकारी (D.O.) के.के. रावत सहित अन्य सभी जोन के अधिकारी भी इस निरीक्षण में शामिल थे. सभी ने अपने-अपने विभागों से जुड़ी जिम्मेदारियों को नोट किया और समय सीमा के भीतर कार्य पूर्ण करने का संकल्प लिया. 19 नवंबर का यह दिन आयोजन समिति के लिए भी राहत भरा रहा क्योंकि प्रशासन के मुखिया के सीधे हस्तक्षेप के बाद अब कार्यों में तेजी आने की पूरी उम्मीद है. पिसनहारी की मढ़िया क्षेत्र, जो कि वैसे भी जैन तीर्थ के रूप में प्रसिद्ध है, आगामी दिसंबर माह के पहले सप्ताह में भक्ति के रंग में रंगा नजर आएगा. महापौर की सक्रियता ने यह सुनिश्चित कर दिया है कि 'अहिंसा परमो धर्मः' का संदेश देने वाले इस महायज्ञ में अव्यवस्था का कोई भी 'विघ्न' आड़े नहीं आएगा. अब देखना यह होगा कि 1 दिसंबर को जब महायज्ञ का शुभारंभ होता है तो प्रशासन की यह तैयारियां श्रद्धालुओं की उम्मीदों पर कितनी खरी उतरती हैं, लेकिन फिलहाल महापौर के निर्देशों ने प्रशासनिक अमले को काम पर लगा दिया है.