हापुड़ के ब्रजघाट में शव की जगह प्लास्टिक डमी जलाने की कोशिश से हड़कंप, दो युवक हिरासत में

हापुड़ के ब्रजघाट में शव की जगह प्लास्टिक डमी जलाने की कोशिश से हड़कंप, दो युवक हिरासत में

प्रेषित समय :18:59:44 PM / Thu, Nov 27th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

हापुड़. उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के गढ़मुक्तेश्वर क्षेत्र के ब्रजघाट श्मशान में गुरुवार दोपहर एक ऐसा मामला सामने आया जिसने वहां मौजूद हर व्यक्ति को हैरान कर दिया. दो युवक कार में कथित रूप से एक शव लेकर पहुंचे और अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू कर दी. लकड़ियों की चिता सजाई जा चुकी थी और दोनों युवक अंतिम क्रियाओं की शुरुआत ही करने वाले थे कि उपस्थित लोगों में से एक ने ‘शव’ को लेकर गंभीर शक जताया. इसके बाद जो सच सामने आया, उसने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी.

स्थानीय लोगों ने जब कफन हटाया, तो वहां किसी इंसान का शव नहीं बल्कि प्लास्टिक से बनी एक डमी मिली. यह देखकर वहां मौजूद लोग स्तब्ध रह गए. उसी समय एक अन्य अंतिम संस्कार के लिए आए ग्रामीण भी इस घटना के गवाह बने और दोनों युवकों को पकड़ लिया. ग्रामीणों का कहना है कि शव का वजन असामान्य रूप से कम था और उसका आकार भी सामान्य मानव शरीर जैसा नहीं लग रहा था, जिससे संदेह पैदा हुआ.

एक ग्रामीण ने बताया, “हमने देखा कि ‘शव’ बेहद हल्का था और शरीर की बनावट जैसी नहीं लग रही थी. जब कफन खोला गया तो देखने वाले सभी लोग दंग रह गए. यह किसी इंसान का शरीर नहीं बल्कि एक प्लास्टिक की डमी थी.” मामला सामने आते ही श्मशान घाट में अफरा-तफरी का माहौल बन गया और भीड़ जमा होने लगी. लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी.

सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और दोनों युवकों को हिरासत में ले लिया. उनके वाहन की तलाशी ली गई और आसपास के क्षेत्र की भी जांच की गई. शुरुआती जांच में पुलिस को इस घटना के पीछे किसी बड़े षड्यंत्र की आशंका लग रही है. अधिकारियों ने कहा कि यह मामला प्रथम दृष्टया किसी गंभीर अपराध, धोखाधड़ी या संगठित साजिश से जुड़ा हो सकता है, जिसमें एक जीवित व्यक्ति को मृत दिखाकर बीमा राशि का दावा किया जा सकता था, या फिर किसी अपराधी को कानून से बचाने के लिए उसकी फर्जी मौत का दिखावा किया जा रहा था. यह भी संभव है कि किसी अपराध को अंजाम देने की तैयारी में सबूत नष्ट करने की योजना बनाई गई हो.

पुलिस पूछताछ में पता लगाने की कोशिश कर रही है कि दोनों युवक कौन थे, किसके कहने पर आए थे और प्लास्टिक डमी को जलाने का उद्देश्य क्या था. यह भी जांच का विषय है कि क्या इस घटना में उनके अलावा और लोग शामिल हैं. पुलिस अब उनके मोबाइल फोन, कॉल रिकॉर्ड और डिजिटल लेन-देन की भी जांच कर रही है ताकि किसी बड़े नेटवर्क या आपराधिक गिरोह की संभावना को खंगाला जा सके.

घटना के बाद स्थानीय निवासियों में भय और जिज्ञासा दोनों बढ़ गए हैं. क्षेत्र के लोग यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर कोई व्यक्ति प्लास्टिक की डमी को शव की तरह क्यों जलाना चाहेगा. कई ग्रामीणों का मानना है कि यह बीमा धोखाधड़ी का मामला हो सकता है, जबकि कुछ इसे किसी की पहचान छुपाने या अपराध से बचाने की कोशिश बता रहे हैं. पुलिस ने हालांकि स्पष्ट किया है कि अभी तक निश्चित तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता और जांच के बाद ही वास्तविक मंशा स्पष्ट होगी.

गढ़मुक्तेश्वर का ब्रजघाट श्मशान गंगा किनारे स्थित होने के कारण दूर-दराज के इलाकों से भी लोग यहां अंतिम संस्कार के लिए आते हैं. ऐसे में प्लास्टिक डमी को शव बनाकर लाने की घटना ने प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि यदि ग्रामीणों की सतर्कता न होती तो घटना बिना संदेह के संपन्न हो सकती थी और किसी गंभीर साजिश का हिस्सा पूरी तरह सफल हो जाता.

कुछ लोगों ने यह भी आशंका जताई कि डमी को जलाने के बाद अपराधी किसी दस्तावेज़, पहचान या एविडेंस का नष्ट होना दिखाकर किसी फर्जी कहानी को सच्चाई का रूप दे सकते थे. पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि क्या पिछले कुछ दिनों में किसी व्यक्ति की गुमशुदगी या संदिग्ध गतिविधियों की कोई रिपोर्ट दर्ज हुई है, जो इस घटना से संबंधित हो सकती है.

इस मामले ने जिला पुलिस और प्रशासन को भी सतर्क कर दिया है. पुलिस सूत्रों के अनुसार, डमी और चिता की तस्वीरें तथा वीडियो भी सोशल मीडिया पर फैलने लगे हैं, जिसके बाद अधिकारी लोगों से अपील कर रहे हैं कि अफवाहें न फैलाएं और जांच पूरी होने तक किसी तरह की गलत जानकारी साझा न करें. पकड़े गए दोनों युवकों से कड़ी पूछताछ जारी है और उनके बयान दर्ज किए जा रहे हैं. पुलिस इस बात की पुष्टि करने की कोशिश कर रही है कि वे वास्तव में किसी बड़े सिंडिकेट का हिस्सा हैं या किसी विशेष व्यक्ति के निर्देश पर काम कर रहे थे.

फॉरेंसिक टीम को भी मौके पर बुलाया गया ताकि डमी, वाहन और आसपास के क्षेत्र की वैज्ञानिक जांच की जा सके. विशेषज्ञ यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि डमी कहां और कैसे तैयार की गई, क्या उसे किसी विशेष उद्देश्य के लिए बनाया गया था या कहीं से खरीदी गई थी. यह भी जांच की जा रही है कि डमी का वजन, उसके आकार और संरचना को देखकर क्या इसे किसी खास व्यक्ति के रूप में दिखाने की कोशिश की गई थी. यदि ऐसा है तो मामले की दिशा और गंभीर हो सकती है.

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि शुरुआती पूछताछ में दोनों युवक गोलमोल जवाब दे रहे हैं और घटना के वास्तविक कारणों को लेकर स्पष्ट जानकारी नहीं दे रहे हैं. इससे संदेह और गहरा हो गया है. हालांकि पुलिस को उम्मीद है कि विस्तृत पूछताछ में कई महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आएंगी.

इस घटना ने स्थानीय स्तर पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं—क्या यह सिर्फ एक बीमा धोखाधड़ी का मामला था या किसी शातिर अपराधी को कानून की नजरों से बचाने का प्रयास? क्या इसके पीछे कोई बड़ा गिरोह सक्रिय है? और क्या यह पहली बार नहीं बल्कि पहले भी ऐसी घटनाएं हुई होंगी?

फिलहाल पुलिस ने दोनों आरोपियों को हिरासत में लेकर आगे की जांच शुरू कर दी है. आने वाले दिनों में इस मामले की दिशा और स्पष्ट होगी कि प्लास्टिक डमी को चिता पर रखने का असली मकसद क्या था और इस सनसनीखेज घटना के पीछे कौन-सी योजना छिपी थी.