नेवी अफसर की पत्नी की मौत मामले में बड़ा खुलासा टीटीई के खिलाफ हत्या का केस दर्ज गिरफ्तारी की तैयारी
इटावा. उत्तर प्रदेश के इटावा में नेवी अफसर की पत्नी की चलती ट्रेन से गिरकर हुई संदिग्ध मौत के मामले में जीआरपी की जांच ने तेजी पकड़ ली है। परिजनों के सनसनीखेज आरोपों के बाद, मामले में मुख्य आरोपी बनाए गए टीटीई की गिरफ्तारी की तैयारी शुरू हो गई है। यात्रियों के समर्थन और परिजनों के आरोप के बीच, पुलिस के लिए यह मामला पूरी तरह से उलझ चुका है, लेकिन हत्या का मुकदमा दर्ज होने के बाद टीटीई की भूमिका अब संदेह के घेरे में आ गई है।
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, जिस टीटीई के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है, उसकी पहचान विनय कुमार (नाम परिवर्तित) के रूप में हुई है और वह जीआरपी थाने में ही तैनात था। एफआईआर दर्ज होने के तुरंत बाद से ही टीटीई विनय कुमार ड्यूटी से नदारद है।
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टीटीई की पहचान: जीआरपी थाने में तैनात टीटीई विनय कुमार (पहचान अज्ञात)
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धाराएं: टीटीई के खिलाफ इटावा जीआरपी थाने में हत्या के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
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वर्तमान स्थिति: मुकदमा दर्ज होने के बाद टीटीई फरार बताया जा रहा है। जीआरपी की टीमें उसकी तलाश में जुटी हुई हैं और जल्द ही उसकी गिरफ्तारी की जा सकती है।
पुलिस की अगली कार्रवाई और जांच की दिशा
परिजनों के आरोप और यात्रियों के समर्थन के कारण मामले की जांच काफी पेचीदा हो गई है। जीआरपी के अधिकारियों ने बताया है कि उनकी प्राथमिकता अब टीटीई की गिरफ्तारी है, ताकि उससे आमने-सामने पूछताछ की जा सके।
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गिरफ्तारी और पूछताछ: टीटीई विनय कुमार की गिरफ्तारी के बाद उससे विवाद का कारण, बहस की प्रकृति और महिला के कोच में होने से जुड़े सभी पहलुओं पर पूछताछ की जाएगी।
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यात्रियों के बयान का सत्यापन: पुलिस उन पांच यात्रियों के लिखित बयानों का गहराई से सत्यापन करेगी जिन्होंने टीटीई का समर्थन किया है और दावा किया है कि महिला ने खुद छलांग लगाई थी। इन यात्रियों से संपर्क स्थापित कर उनके बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
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तकनीकी साक्ष्य: महिला के मोबाइल कॉल डिटेल्स और टीटीई के आधिकारिक रूट चार्ट की जांच की जा रही है ताकि विवाद के समय दोनों की लोकेशन और स्थिति का पता लगाया जा सके।
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रेलवे अधिकारियों की भूमिका: महिला के पास दूसरी ट्रेन का टिकट होने के बावजूद उसे उस ट्रेन में कैसे एंट्री मिली और ट्रेन की सुरक्षा व्यवस्था में कहां चूक हुई, इसकी भी विभागीय जांच की जा रही है।
जीआरपी अधिकारियों ने पुष्टि की है कि यह मामला अब सिर्फ एक दुर्घटना नहीं रहा, बल्कि यह एक आपराधिक मामला है जिसमें आरोपी की संलिप्तता के आरोपों की गंभीरता से जांच की जा रही है। टीटीई की गिरफ्तारी ही इस पूरे घटनाक्रम के रहस्य को सुलझाने की पहली कड़ी होगी।।
परिजनों का गंभीर आरोप है कि ट्रेन में किसी बात को लेकर हुए विवाद के बाद टीटीई ने महिला को चलती ट्रेन से धक्का दे दिया, जिससे उसकी दर्दनाक मौत हो गई। इस संबंध में गुरुवार को इटावा के जीआरपी (सरकारी रेलवे पुलिस) थाने में टीटीई के खिलाफ धाराएं लगाई गई हैं। इस खबर ने रेलवे और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
हादसा या सोची-समझी हत्या?
मामले की शुरुआत बीते बुधवार को हुई, जब महिला का शव पटरी के किनारे मिला। अधिकारियों के अनुसार, नौसेना अफसर की पत्नी की मौत पटना-आनंद विहार स्पेशल ट्रेन में हुई थी। शुरुआती तौर पर इसे चलती ट्रेन से गिरकर हुई मौत समझा गया। हालांकि, जब परिजनों ने टीटीई पर सीधा आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई, तब मामला पूरी तरह से बदल गया। परिजनों का दृढ़ता से कहना है कि टीटीई ने बहस के दौरान दुर्भावनापूर्ण तरीके से महिला को ट्रेन से नीचे धकेल दिया, जिससे उनकी जान चली गई।
यात्रियों के बयान ने उलझाया मामला
इस संवेदनशील मामले में एक और हैरान कर देने वाला मोड़ तब आया, जब कम से कम पांच यात्रियों ने रेलवे को दिए अपने लिखित बयान में टीटीई का समर्थन किया है। इन यात्रियों का बयान पुलिस और जांच एजेंसियों के लिए द्वंद्व पैदा कर रहा है।
यात्रियों ने अपने बयान में कहा है कि महिला के पास किसी दूसरी ट्रेन का टिकट था, न कि पटना-आनंद विहार सुपरफास्ट का। टीटीई ने इसी आधार पर उससे जनरल कोच में जाने को कहा था। यात्रियों के अनुसार, इस बात पर महिला नाराज हो गई और उसने खुद ही चलती ट्रेन से छलांग लगा दी। इन यात्रियों के बयान, जो टीटीई के पक्ष में हैं, मामले को आत्महत्या या दुर्घटना की ओर मोड़ रहे हैं, जबकि परिजनों के आरोप इसे हत्या बता रहे हैं।
जांच की दिशा और कानूनी कार्रवाई
जीआरपी अब दोनों पक्षों के बयानों की सत्यता की जांच कर रही है। पुलिस के लिए यह पता लगाना सबसे बड़ी चुनौती है कि टीटीई और मृतका के बीच क्या बातचीत हुई थी, और महिला को धक्का दिया गया था या उसने खुद छलांग लगाई थी। पुलिस अब ट्रेन के गार्ड और ड्राइवर के बयान, अन्य यात्रियों की तलाश और यदि उपलब्ध हो, तो ट्रेन के भीतर के सीसीटीवी फुटेज खंगालने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
यह मामला न केवल न्यायिक जांच का विषय है, बल्कि रेलवे प्रशासन की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था पर भी एक बड़ा प्रश्नचिह्न लगाता है कि चलती ट्रेन के भीतर एक महिला यात्री की सुरक्षा के साथ समझौता कैसे हुआ। नौसेना अधिकारी की पत्नी की मौत का यह रहस्य जल्द ही जांच के निष्कर्षों के बाद ही पूरी तरह से सुलझ पाएगा
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

