दमिश्क/तेल अवीव. गाजा पट्टी में लंबे संघर्ष के बाद अब इजरायली सेना ने अपनी बंदूकें सीरिया की ओर मोड़ दी हैं. इजरायल ने दक्षिणी सीरिया के एक गांव में रात के अंधेरे में बड़ा सैन्य अभियान चलाया, जिसमें कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई है. इजरायली सेना ने इसे आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई बताया है, जबकि सीरियाई सरकार ने इसे भयानक नरसंहार और युद्ध अपराध करार दिया है. सीरिया की सरकारी समाचार एजेंसी सना ने मौतों की पुष्टि करते हुए कहा कि इजरायल एक बार फिर पूरे क्षेत्र को हिंसा की आग में झोंकने की कोशिश कर रहा है.
घटना के बारे में बताया जा रहा है कि इजरायली सेना टैंकों और भारी हथियारों के साथ रात के वक्त दक्षिणी सीरिया के इस गांव में दाखिल हुई. चश्मदीद इयाद ताहिर ने बताया कि वे रात में सो रहे थे, तभी अचानक भीषण गोलीबारी की आवाज से उनकी नींद खुली. बाहर निकलने पर उन्होंने देखा कि गांव में इजरायली सेना का ऑपरेशन चल रहा है और चारों तरफ सैनिक व टैंक तैनात हैं. इसके तुरंत बाद हवाई बमबारी भी शुरू हो गई. अस्पताल में भर्ती घायल अहमद कमाल ने बताया कि ग्रामीणों ने अपनी रक्षा के लिए फायरिंग भी की थी, लेकिन इजरायली हमले में उनके भाई की मौत हो गई और वे खुद बुरी तरह घायल हो गए. स्थानीय अधिकारी वालिद ओकाशा का दावा है कि मारे गए लोग आम नागरिक थे.
दूसरी ओर, इजरायली रक्षा बलों ने दावा किया है कि इस गांव में जामा इस्लामिया ग्रुप के खतरनाक आतंकी छिपे हुए थे. इजरायल का आरोप है कि यह इस्लामिक संगठन हमास और हूतियों के साथ मिलकर उनके खिलाफ साजिश रच रहा था. सेना के मुताबिक, अभियान के दौरान कई आतंकियों को मार गिराया गया है और संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है. इस कार्रवाई में इजरायल के भी 6 सैनिक घायल हुए हैं. इजरायली सेना ने कहा कि जवाबी कार्रवाई और हवाई हमले के बाद अभियान अब समाप्त हो गया है.
सीरियाई विदेश मंत्रालय ने इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है. मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि मारे गए लोगों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं, जो इसे एक जघन्य अपराध बनाता है. सीरियाई सरकार ने इसे देश की संप्रभुता का खुला उल्लंघन बताते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इजरायली घुसपैठ को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग की है. गौरतलब है कि सीरिया में बशर अल असद की सरकार गिरने और नई व्यवस्था बनने के बाद से इजरायल ने अपने हमले तेज कर दिए हैं.