चीन का क्रिप्टोकरेंसी पर बैन जारी रहने के बावजूद बिटकॉइन माइनिंग तेज, बढ़ती सट्टेबाजी और स्टेबलकॉइन के खतरे पर चिंता

चीन का क्रिप्टोकरेंसी पर बैन जारी रहने के बावजूद बिटकॉइन माइनिंग तेज, बढ़ती सट्टेबाजी और स्टेबलकॉइन के खतरे पर चिंता

प्रेषित समय :21:39:09 PM / Sun, Nov 30th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

चीन में क्रिप्टोकरेंसी पर कड़ा प्रतिबंध लागू है, लेकिन इसके बावजूद देश में बिटकॉइन माइनिंग गतिविधियां लगातार बढ़ रही हैं। ऊर्जा-समृद्ध प्रांतों में सस्ती बिजली और तेज़ी से उभरते डेटा सेंटर इंफ्रास्ट्रक्चर का फायदा उठाकर कई निजी और कॉरपोरेट माइनर्स गुप्त रूप से बड़े पैमाने पर माइनिंग कर रहे हैं, जिससे चीन के नियामकीय ढांचे के सामने नए सवाल खड़े हो गए हैं।

इसी बीच, चीन के केंद्रीय बैंक — पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (PBOC) — ने एक बार फिर क्रिप्टोकरेंसी पर अपने कठोर रुख को दोहराते हुए स्पष्ट संदेश दिया है कि वर्चुअल करेंसी को किसी भी रूप में देश में मान्यता नहीं दी जाएगी। बैंक ने चेतावनी दी कि हाल के सप्ताहों में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सट्टेबाजी तेजी से बढ़ी है, जिससे वित्तीय जोखिमों के नियंत्रण के लिए नई चुनौतियां पैदा हो गई हैं।

PBOC ने शुक्रवार को वर्चुअल करेंसी रेगुलेशन पर आयोजित एक समन्वय बैठक के बाद जारी बयान में कहा कि वर्चुअल करेंसी न तो चीन में लीगल करेंसी है और न ही इन्हें बाजार में वैध भुगतान माध्यम के रूप में स्वीकार किया जा सकता है। बैंक ने दोहराया कि वर्चुअल करेंसी से जुड़ी सभी व्यापारिक गतिविधियाँ अवैध वित्तीय गतिविधियों की श्रेणी में आती हैं और इस पर निगरानी को और सख्त किया जाएगा।

केंद्रीय बैंक की चेतावनी ऐसे समय पर सामने आई है जब क्रिप्टो मार्केट में वैश्विक स्तर पर बढ़ती हलचल का असर एशियाई बाजारों पर भी दिख रहा है। चीन में 2021 में क्रिप्टो ट्रेडिंग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद देश में डिजिटल करेंसी को लेकर रुचि खत्म नहीं हुई है। कई टेक कंपनियाँ, डेटा सुविधाएँ और निजी समूह अब भी बिटकॉइन माइनिंग के रास्ते तलाश रहे हैं, जो अक्सर नियामकीय निगरानी से दूर रहते हैं।

वहीं, PBOC ने स्टेबलकॉइन को लेकर भी गंभीर चिंता प्रकट की है। बैंक के अनुसार स्टेबलकॉइन, जैसे कि डॉलर-बैक्ड डिजिटल करेंसी, ग्राहक पहचान (KYC) और मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक नियमों (AML) का पालन करने में विफल रहते हैं। इससे इनके माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग, धोखाधड़ी और अवैध सीमा-पार लेनदेन के मामले बढ़ने का खतरा पैदा हो गया है। बैंक ने कहा कि स्टेबलकॉइन का बढ़ता उपयोग फाइनेंशियल सुरक्षा के लिहाज से एक बड़ा जोखिम बनता जा रहा है और इस पर रोकथाम की जरूरत है।

गौरतलब है कि PBOC के गवर्नर पान गोंगशेंग पहले भी संकेत दे चुके हैं कि चीन डिजिटल एसेट्स और विदेशी स्टेबलकॉइन विकास पर बेहद कड़ी निगरानी रखेगा। चीन की नीति स्पष्ट है— किसी भी प्रकार की विकेंद्रीकृत और अनियमित डिजिटल करेंसी को आर्थिक तंत्र में जगह नहीं दी जाएगी, ताकि देश के वित्तीय ढांचे में स्थिरता और नियंत्रण कायम रहे।

यही सख्त रुख हांगकांग में भी देखने को मिल रहा है। हांगकांग ने भले ही स्टेबलकॉइन के लिए रेगुलेटरी फ्रेमवर्क तैयार कर लिया है, लेकिन अब तक किसी भी स्टेबलकॉइन इश्यूअर को लाइसेंस जारी नहीं किया गया। दूसरी ओर मुख्यभूमि चीन में स्टेबलकॉइन और क्रिप्टो दोनों ही पर सख्त प्रतिबंध जारी है।

इसके बावजूद, चीन में बिटकॉइन माइनिंग की बढ़ती सक्रियता नियामकों के सामने एक नई चुनौती के रूप में उभरी है। कई रिपोर्टों का दावा है कि हाइड्रोपावर और कोयला ऊर्जा की अधिक उपलब्धता वाले क्षेत्र, जैसे सिचुआन, युन्नान और शिनजियांग, गुप्त माइनिंग के गढ़ बनते जा रहे हैं। डेटा सेंटर उद्योग के तेजी से फैलाव का लाभ उठाकर माइनर्स उन्नत तकनीक और ऊर्जा प्रबंधन के जरिए माइनिंग फार्म चला रहे हैं— जिनमें कई भूमिगत तौर पर संचालित होते हैं ताकि सरकारी निगरानी से बचा जा सके।

चीन में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े जोखिमों को देखते हुए केंद्रीय बैंक ने कहा है कि वह अवैध वित्तीय गतिविधियों पर अपनी कार्रवाई को तेज करेगा। बैंक का कहना है कि वर्चुअल करेंसी से जुड़े सभी नेटवर्क, प्रचार गतिविधियों, वित्तीय सेवाओं और व्यापारिक गतिविधियों को सख्ती से कानून के दायरे में लाया जाएगा। इसका उद्देश्य आर्थिक और वित्तीय प्रणाली को संभावित धक्कों से बचाना है।

क्रिप्टोकरेंसी पर चीन का रुख पिछले कई वर्षों से स्पष्ट रहा है। देश डिजिटल युआन (e-CNY) को अपने आधिकारिक डिजिटल भुगतान विकल्प के रूप में विकसित कर रहा है, लेकिन किसी भी निजी, विदेशी या विकेंद्रीकृत डिजिटल एसेट को अनुमति देने के पक्ष में नहीं रहा। अधिकारियों का तर्क है कि क्रिप्टोकरेंसी वित्तीय स्थिरता, राष्ट्रीय सुरक्षा और निवेशकों के हितों पर नकारात्मक असर डाल सकती है।

हालांकि बैन के बावजूद बिटकॉइन माइनिंग में बढ़ोतरी यह दर्शाती है कि डिजिटल संपत्तियों में रुचि अभी भी समाप्त नहीं हुई है। चीन की तकनीकी क्षमता, उन्नत डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर और ऊर्जा की उपलब्धता माइनर्स के लिए महत्वपूर्ण आधार प्रदान करती है, जिससे यह गतिविधि पूरी तरह खत्म होना कठिन लगता है।

लेकिन PBOC की हालिया चेतावनी और बढ़ती सख्ती इस बात का संकेत है कि चीन आने वाले दिनों में क्रिप्टो माइनिंग और ट्रेडिंग के खिलाफ और अधिक आक्रामक रुख अपना सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, केंद्रीय बैंक का यह रुख वैश्विक क्रिप्टो बाजार पर भी असर डालने वाला है, क्योंकि चीन कभी दुनिया का सबसे बड़ा बिटकॉइन माइनिंग हब रहा है।

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-