यामी गौतम ने बॉलीवुड में फैले 'पेड हाइप' के नासूर पर निकाली भड़ास, ऋतिक ने सच्चाई पर उठाए सवाल

यामी गौतम ने बॉलीवुड में फैले

प्रेषित समय :20:50:29 PM / Thu, Dec 4th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

मुंबई.बॉलीवुड की दुनिया में इन दिनों एक नया 'प्लेग' तेज़ी से फैल रहा है, जिसे अभिनेत्री यामी गौतम ने खुलकर पेड हाइप का नाम दिया है। अपनी साफ़गोई के लिए जानी जाने वाली यामी गौतम ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर एक ऐसा बयान दिया, जिसने फिल्म इंडस्ट्री के कई स्थापित मिथकों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने न केवल अपनी चिंता ज़ाहिर की, बल्कि फिल्म की रिलीज़ से पहले पैसे देकर प्रचार करवाने, और उससे भी ज़्यादा ख़तरनाक, प्रतिद्वंद्वी फ़िल्मों और अभिनेताओं के ख़िलाफ़ नकारात्मकता फैलाने के 'ट्रेंड' को इंडस्ट्री के भविष्य के लिए एक बड़ा ख़तरा बताया है।

यामी के इस मुखर स्टैंड को 'काबिल' में उनके सह-कलाकार रहे ऋतिक रोशन का भी तुरंत समर्थन मिला। ऋतिक ने उनके पोस्ट पर टिप्पणी करते हुए अपनी निराशा व्यक्त की और इस पूरे चलन के कारण पत्रकारों की सच्ची आवाज़ और अभिव्यक्ति की आज़ादी के हो रहे हनन पर गहरा दुख जताया।

यामी गौतम ने अपनी पोस्ट में इस बात पर ज़ोर दिया कि यह चलन अब सिर्फ़ फ़िल्मों के झूठे प्रचार तक सीमित नहीं रहा है, बल्कि यह जानबूझकर किसी अन्य एक्टर, फ़िल्म या निर्माता को नीचा दिखाने का एक संगठित प्रयास बन गया है। अभिनेत्री ने इसे एक 'प्लेग' की संज्ञा दी, जो हमारी इंडस्ट्री के रचनात्मक और नैतिक भविष्य को बुरी तरह प्रभावित करेगा। उनका मानना है कि अगर किसी को यह लगता है कि यह 'ट्रेंड' सिर्फ़ दूसरे को नुकसान पहुंचाएगा और वह सुरक्षित रहेगा, तो यह एक बड़ी ग़लतफ़हमी है, क्योंकि यह अंततः सभी को, चाहे वह बड़ा निर्माता हो या नया कलाकार, समान रूप से क्षति पहुंचाएगा।

यामी ने इशारों-इशारों में इंडस्ट्री के कई कड़वे सच को सामने रखा। उन्होंने कहा, "अगर पिछले 5 सालों में लोगों की सफलता के पीछे की गईं लाखों चीज़ों के बारे में सच्चाई उजागर हो जाए, तो कई लोगों के लिए अच्छा नहीं होगा।" यह टिप्पणी सीधे तौर पर उन सफलताओं और बॉक्स ऑफ़िस कलेक्शन की ओर इशारा करती है, जिनके पीछे कथित तौर पर पैसे का बल और नकारात्मक प्रचार का खेल रहा है, न कि शुद्ध रचनात्मकता और दर्शकों का प्यार। इस बयान ने इंडस्ट्री में चल रही अंदरूनी प्रतिद्वंदिता और साज़िशों की ओर जनता की उत्सुकता को और बढ़ा दिया है।

अपनी बात को और मज़बूती देते हुए यामी ने फ़िल्म इंडस्ट्री के दिग्गजों से एकजुट होने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह समय है जब सभी सम्मानित निर्माताओं, निर्देशकों और अभिनेताओं को इस "दीमक" को उसी स्तर पर रोकने के लिए एक साथ आना चाहिए। यामी का यह आह्वान एक गंभीर चेतावनी है कि अगर अब भी इस अनैतिक चलन को नहीं रोका गया, तो बॉलीवुड की विश्वसनीयता हमेशा के लिए दाँव पर लग सकती है।

उन्होंने इस बात को एक 'बेहद ईमानदार व्यक्ति की पत्नी' के रूप में भी कहा, जो स्पष्ट रूप से अपने पति और निर्देशक आदित्य धर के प्रति उनका अटूट विश्वास और सम्मान दर्शाता है। यामी ने बताया कि आदित्य ने अपनी टीम के साथ अपनी मेहनत, दूरदर्शिता और धैर्य से अपनी आने वाली फ़िल्म को कुछ ऐसा बनाने के लिए सब कुछ झोंक दिया है, जिस पर उन्हें पता है कि भारत को गर्व होगा। यह भावनात्मक अपील दर्शाती है कि उनका यह गुस्सा सिर्फ़ व्यक्तिगत नहीं है, बल्कि उस रचनात्मकता और मेहनत के लिए है, जिसे 'पेड हाइप' द्वारा दबाने की कोशिश की जाती है।

यामी ने भारतीय सिनेमा के एक और महत्वपूर्ण पहलू की ओर ध्यान दिलाया। उन्होंने साउथ इंडियन फ़िल्म इंडस्ट्री का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां ऐसी नकारात्मक और 'पेड' चीज़ें नहीं होती हैं, क्योंकि वहां 'एकता' है। यह तुलना बॉलीवुड को एक आईना दिखाती है और बताती है कि कैसे साउथ इंडस्ट्री ने आपसी सहयोग और रचनात्मक ईमानदारी के दम पर विश्व स्तर पर अपनी पहचान बनाई है, जबकि बॉलीवुड अंदरूनी कलह और झूठे प्रचार के जाल में फँसता जा रहा है।

यामी के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए, ऋतिक रोशन ने भी अपना समर्थन व्यक्त किया। ऋतिक ने 'पेड हाइप' के कारण पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर होने वाले नकारात्मक प्रभाव पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि इस तरह के 'ट्रेंड' से जो सबसे बड़ा 'सुनहरा पहलू खो जाता है', वह है पत्रकारों की सच्ची आवाज़। ऋतिक ने ज़ोर दिया कि पत्रकारों को वह अवसर मिलना चाहिए, जहां वे किसी फ़िल्म के पीछे की सभी क्रिएटिविटी को बता सकें कि उन्होंने क्या महसूस किया, क्या सोचा, किसकी सराहना की और किसकी आलोचना।

ऋतिक का मानना है कि केवल सच्ची राय में ही वह क्षमता होती है, जिसके रिएक्शन हमें आगे बढ़ने में मदद करते हैं। उन्होंने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि पत्रकारों के 'अपनी आज़ादी का अधिकार अनजाने में ही छीन लिया जाता है' और साथ ही फ़िल्म निर्माताओं और अभिनेताओं की प्रगति के अवसर भी। उन्होंने सवालिया लहज़े में कहा, "अभिव्यक्ति की आज़ादी के बिना, सच्चाई के बिना जो हमें आगे बढ़ने में मदद करती है, वे या हममें से कोई भी नौकरी से ऐसी चीजों की उम्मीद कर सकता है?" ऋतिक का यह कमेंट स्पष्ट करता है कि पेड मीडिया और झूठे प्रचार की आड़ में न केवल दर्शकों को गुमराह किया जा रहा है, बल्कि फ़िल्म बनाने वालों को उनकी आलोचना या प्रशंसा के रूप में मिलने वाले सच्चे फीडबैक से भी वंचित किया जा रहा है, जो किसी भी रचनात्मक उद्योग के लिए घातक है।

यह विवाद उस समय सामने आया है जब यामी गौतम को आख़िरी बार कोर्टरूम ड्रामा "हक़" में देखा गया था, जिसमें इमरान हाशमी भी थे। उनकी इस फ़िल्म को समीक्षकों द्वारा पसंद किया गया था और इसने बॉक्स ऑफ़िस पर भी अच्छा प्रदर्शन किया था। दूसरी ओर, ऋतिक रोशन अपनी पिछली रिलीज़ "वॉर 2" में दिखाई दिए थे, जो स्वतंत्रता दिवस के मौके पर रिलीज़ हुई थी, लेकिन यह फ़िल्म बॉक्स ऑफ़िस पर असफल रही थी।

यामी और ऋतिक जैसे बड़े सितारों का एक साथ आकर इस गंभीर मुद्दे को उठाना यह संकेत देता है कि बॉलीवुड में 'पेड हाइप' और नकारात्मक प्रचार का मुद्दा अब एक सहने योग्य बुराई नहीं रहा है, बल्कि यह एक ऐसा ज़हर बन चुका है, जिससे पूरी इंडस्ट्री का विश्वास और रचनात्मकता खतरे में है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि यामी और ऋतिक के इस साहसी बयान के बाद फ़िल्म इंडस्ट्री के अन्य बड़े चेहरे और संगठन इस 'प्लेग' को खत्म करने के लिए क्या कदम उठाते हैं। दर्शकों की निगाहें अब उन निर्माताओं और निर्देशकों पर टिकी हैं, जिन्हें यामी ने एकजुट होने का आह्वान किया है। क्या वे सचमुच इस अनैतिक खेल को रोकने के लिए आगे आएंगे, या 'पेड हाइप' का यह दीमक बॉलीवुड की नींव को खोखला करता रहेगा? जनता इस बहस के अगले चरण को जानने के लिए बेसब्री से इंतज़ार कर रही है।

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-