जबलपुर. एमपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया व पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल को एमपी-एमएलए कोर्ट ने नोटिस जारी किया है. यह कार्रवाई नेशनल हेल्थ मिशन के जिला प्रोग्राम (डीपीएम) विजय पांडे द्वारा दायर मानहानि केस के बाद हुई है. कोर्ट ने तीनों नेताओं को 16 जनवरी को पेश होने के आदेश दिए हैं.
कांग्रेस नेताओं ने नेशनल हेल्थ मिशन के जिला प्रोग्राम मैनेजर विजय पांडे पर फर्जी अंकसूची के सहारे नौकरी पाने का आरोप लगाया था. अगस्त 2025 में इस मुद्दे पर न केवल प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई, बल्कि विधानसभा में भी हंगामा कर कांग्रेस विधायकों ने वॉक आउट किया था. इसके बाद विजय पांडे को पद से हटा दिया गया था. एमपी एमएलए कोर्ट द्वारा नोटिस जारी होने को कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि जिस मुद्दे पर पार्टी सरकार को घेरने की रणनीति बना रही थी, अब वही मामला उनके खिलाफ उल्टा पड़ गया है. हालांकि विभागीय जांच में विजय पांडे पर लगाए गए आरोप झूठे पाए गए.
मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल ने भी अंकसूची को सही बताया और किसी तरह की गड़बड़ी न मिलने की पुष्टि की. इसके बाद पांडे ने कांग्रेस नेताओं के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था. यह मामला उस वक्त उठा था जब 5 अगस्त 2025 को विधानसभा सत्र के दौरान विपक्ष ने नेशनल हेल्थ मिशन के डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम मैनेजर विजय पांडे पर फर्जी अंकसूची के सहारे नौकरी पाने का आरोप लगाया था. नेता प्रतिपक्ष सहित कई विधायकों ने इस मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी और बाद में विधानसभा से वॉकआउट भी किया था. हंगामे के बाद मिशन संचालक सलोनी सिडाना ने विजय पांडे को अस्थायी रूप से पद से हटा दिया था.
विजय पांडे ने विपक्षी नेताओं पर आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था. इसके बाद विभागीय जांच और एमपी शिक्षा बोर्ड की जांच रिपोर्ट में उनकी अंकसूची सही पाई गई. रिपोर्ट के अनुसार विपक्ष के आरोप तथ्यहीन थे और गलत जानकारी के आधार पर सरकार को घेरने की कोशिश की गई थी. कोर्ट के नोटिस के बाद अब सभी तीन नेताओं को 16 जनवरी को एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश होकर अपना पक्ष रखना होगा. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया का कहना है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना हमारा काम है. किसी विभाग में अगर अराजकता की स्थिति बन रही है तो उसे उठाना हमारा काम है. जनता से हमें शिकायत मिली तो हमने उसका विरोध किया अब कोई अगर मानहानि करता है तो कोर्ट के समक्ष जाकर देखेंगे.

