जबलपुर. भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना है कि देश के खिलाड़ी अपने-अपने क्षेत्र में कुशल खेल-कौशल का परिचय देते हुए देश के लिए पदक लाकर नाम रोशन करें, उसी के अनुरूप रेलमंत्री अश्विनी वैश्णव ने भी सभी रेल जोनों को खिलाडिय़ों के लिए बेहतर माहौल बनाने व उन्हें पूर्ण सुविधा देने का निर्देश दिया हुआ है, किंतु दुर्भाग्य की बात है कि पश्चिम मध्य रेलवे में इसके ठीक उलट हो रहा है. पमरे के अधिकारी ही इन खिलाडि़य़ों से खेल रहे हैं. प्रैक्टिस व प्रतियोगिता के लिए मिलने वाली छुट्टियों पर रोक लगा रहे हैं.
पमरे के खिलाड़ी काफी परेशान हैं, उन्हें नियमित प्रेक्टिस के लिए मिलने वाली हाफ टाइम की लीव पर अधिकारियों ने अघोषित रूप से रोक लगाकर रखी हुई है. यही नहीं, किसी टूर्नामेंट मेें जाने के लिए मिलने वाली स्पेशल लीव देने में भी जमकर हीलाहवाली बरती जा रही है. जबकि पमरे के महाप्रबंधक व पमरे के खेल मुखिया प्रमुख मुख्य परिचालन प्रबंधक द्वारा इस संबंध में सभी विभागों को निर्देशित किया जा चुका है कि खिलाडिय़ों को प्रैक्टिस व टूर्नामेंट में जाने के दौरान मिलने वाली लीव व अन्य सुविधाओं में किसी तरह की कमी नहीं की जाये, किंतु इनके आदेश को भी कुछ विभागों के प्रमुखों द्वारा धता बताया जा रहा है.
खिलाडिय़ों की दमखम में नहीं कोई कमी, अधिकारी निकाल रहे दम
यह उल्लेखनीय है कि खेल कूद संघ के अध्यक्ष कुशाल सिंह जी पश्चिम मध्य रेलवे के नेतृत्व खिलाड़ी कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं हाल में ही 22 साल बाद पश्चिम मध्य रेलवे की फुटबॉल टीम ने 80 वीं इंटर रेलवे प्रतियोगिता में चौथा स्थान प्राप्त किया, वहीं वालीबॉल में भी खिलाडिय़ों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किए हैं, जबकि महाप्रबंधक कार्यालय में भंडार विभाग द्वारा लगातार खिलाडिय़ों को काम का बहाना बना कर न ही हॉफ डे के लिए छोड़ा जा रहा है और न ही मैच खेलने हेतु छोड़ा जा रहा है, जबकि राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय लेवल के खिलाड़ी भंडार विभाग में कार्यरत है कई खिलाड़ी ऐसे है जो कि रणजी जैसे खेल में अपना योगदान दे चुके है, भंडार विभाग के अडिय़ल रवैया के कारण खिलाडिय़ों का जोश कम हो रहा है जिसका असर आने वाले समय में खेल के प्रदर्शन में दिखेगा
मैटेरेयिल मैनेजमेंट के हालात सबसे खराब
बताया जाता है कि इस मामले में पमरे के मैटेरेयिल मैनेजमेंट के हालात सबसे खराब हैं, यहां पर काफी खिलाड़ी ऐसे हैं, जिन्हें प्रैक्टिस व टूर्नामेंट में जाने के लिये छुट्टियों के लिए काफी परेशान होना पड़ रहा है. बताया जाता है कि पिछले माह में यहां पदस्थ खिलाडिय़ों को अंतर रेलवे टूर्नामेंट में भाग लेने गुवाहाटी जाना था, किंतु टूर्नामेंट शुरू होन के मात्र 48 घंटा पहले ही उन्हें जाने की अनुमति दी गई. बमुश्किल खिलाड़ी किसी तरह गुवाहाटी टूर्नामेंट पहुंचे और विपरीत परिस्थितियों के बावजूद रनर अप शील्ड पमरे के लिए हासिल की.
पमरे से खिलाड़ी पलायन कर दूसरे जोन में जाना चाह रहे
सूत्रों के मुताबिक पमरे में खिलाडिय़ों को बेहतर खेल वातावरण मुहैया उपलब्ध करने में मैटेरेलियल विभाग के साथ-साथ एक-दो अन्य विभागों द्वारा जो खिलाडिय़ों के साथ उपेक्षापूर्ण वातावरण बनाकर रखा गया है, उससे पश्चिम मध्य रेलवे से काफी खिलाड़ी अन्य रेल जोनों में या तो जा चुके हैं या फिर इस पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं.