फेमस कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय अपनी दुल्हनिया को लेकर वृंदावन पहुंचे, 28 साल में की शादी

फेमस कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय अपनी दुल्हनिया को लेकर वृंदावन पहुंचे, 28 साल में की शादी

प्रेषित समय :15:46:21 PM / Sun, Dec 7th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

मथुरा. चर्चित कथावाचक और भजन कलाकार इंद्रेश उपाध्याय की शादी ने हाल ही में जयपुर में खूब सुर्खियां बटोरी हैं. भक्ति भजन और धार्मिक कथा-वाचन के लिए जाने जाने वाले इंद्रेश ने अपने जीवन के इस खास पड़ाव पर दुल्हन शिप्रा शर्मा के साथ नया अध्याय शुरू किया. दोनों की जोड़ी को लोग बहुत पसंद कर रहे हैं और सोशल मीडिया पर ढेर सारा प्यार दे रहे हैं.
इंद्रेश उपाध्याय का जन्म 7 अगस्त 1997 को वृंदावन में हुआ.

उनके पिता कृष्ण चंद्र शास्त्री भी दशकों से कथा वाचन कर रहे हैं. मात्र 13 साल की उम्र में इंद्रेश ने भगवद गीता कंठस्थ कर ली थी और छोटी उम्र से ही कथा वाचन में अपनी अलग पहचान बना ली थी. प्रारंभिक शिक्षा उन्होंने कान्हा माखन पब्लिक स्कूल से ली. इसके बाद इंद्रेश अपने पिता के साथ भजन और कथा कार्यक्रमों में शामिल होने लगे. वर्तमान में वे भगवान श्री कृष्ण की कथाएं सुनाने में सक्रिय हैं.

इंद्रेश उपाध्याय कब मिले अपनी दुल्हनिया से

कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय की दुल्हन शिप्रा शर्मा हरियाणा के यमुनानगर की रहने वाली हैं. उनके पिता हरेंद्र शर्मा हरियाणा पुलिस में डीएसीपी रहे हैं और उनका परिवार अब पंजाब के अमृतसर में रहता है. इंद्रेश और शिप्रा के परिवार लंबे समय से एक-दूसरे को जानते थे, और यही जान-पहचान रिश्ते में बदली. शिप्रा भी समाज में अपनी अलग पहचान रखती हैं. इंद्रेश और शिप्रा की पहली मुलाकात एक आध्यात्मिक कार्यक्रम में हुई थी. शुरू में उनकी बातचीत सिर्फ मित्रता तक सीमित रही, लेकिन समय के साथ उनका रिश्ता और गहरा हुआ.

यहां सम्पन्न हुई दोनों की शादी

शादी जयपुर के ताज आमेर होटल में संपन्न हुई. वृंदावन के कथावाचक इंद्रेश और शिप्रा ने वैदिक रीति-रिवाज से सात फेरे लिए. मुख्य समारोह लगभग 3 घंटे तक चला, जिसमें हरिद्वार, नासिक और वृंदावन से आए 101 पंडितों ने शामिल होकर शादी की रस्में पूरी करवाईं. समारोह में परिवार, करीबी मित्र और कई वीवीआईपी शामिल हुए, जिससे यह आयोजन और भी यादगार बन गया.

दुल्हन लेकर घर पहुंचे कथावाचक इंद्रेश

कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय अपनी दुल्हन शिप्रा शर्मा के साथ वृंदावन पहुंच चुके हैं. घर पहुंचते ही धूमधाम से उनका स्वागत किया गया. माहौल किसी उत्सव से कम नजर नहीं आ रहा था. इंद्रेश महाराज ने हाथ जोड़कर सभी का अभिवादन किया, जबकि दुल्हन शिप्रा शर्मा पूरी तरह घूंघट में रहकर शांत भाव से स्वागत स्वीकार करती रहीं. यह दृश्य परंपरा और भव्यता का सुंदर संगम पेश कर रहा था.

कितनी फीस लेते हैं कथावाचक इंद्रेश?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भागवत कथा का शुल्क आम तौर पर अलग-अलग होता है. स्थानीय वक्ताओं की फीस लगभग 11 हजार से 51 हजार रुपये के बीच रहती है. वहीं, बड़े और प्रसिद्ध कथावाचकों की फीस 51 हजार से 1 लाख 51 हजार रुपये तक प्रति आयोजन बताई जाती है. कथा की जगह, आयोजन समिति का बजट और कार्यक्रम का पैमाना जैसे कई फैक्टर इस फीस को तय करते हैं. हालांकि, कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय की असल फीस कितनी है, इसके बारे में कोई आधिकारिक जानकारी उपलब्ध नहीं है

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-