तिरुपति मंदिर में फिर बड़ा घोटाला सामने आया, 4 करोड़ का सिल्क दुपट्टे में हेराफेरी उजागर

तिरुपति मंदिर में फिर बड़ा घोटाला सामने आया, 4 करोड़ का सिल्क दुपट्टे में हेराफेरी उजागर

प्रेषित समय :19:20:14 PM / Wed, Dec 10th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

तिरुपति. आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुमला तिरुपति श्री वेंकटेश्वर मंदिर में प्रसिद्ध लड्डू घोटाले के बाद अब दुपट्टा घोटाला सामने आया है. तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) को सिल्क बताकर घटिया पॉलिएस्टर दुपट्टे सप्लाई करने का मामला उजागर हुआ है. पिछले 10 वर्षों में कॉन्ट्रैक्टर ने ञ्जञ्जष्ठ को करोड़ों का चूना लगाया. आंध्र सरकार ने मामले को एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) को सौंप दिया है.

सिल्क की जगह पॉलिएस्टर, दोगुना दाम

 रिपोर्ट के मुताबिक, कॉन्ट्रैक्टर ने शुद्ध मुलबेरी सिल्क दुपट्टों के नाम पर 100त्न पॉलिएस्टर के दुपट्टे टीटीडी को बेचे. एक दुपट्टे की बाजार कीमत मात्र 350 रुपये होने के बावजूद इसे 1300 रुपये में बिल किया गया. ये दुपट्टे मंदिर में दानकर्ताओं को प्रसाद के रूप में दिए जाते हैं और वेदाशीर्वचनम् जैसे पवित्र अनुष्ठानों में भगवान को चढ़ाए जाते हैं. दुपट्टों पर सिल्क होलोग्राम की अनिवार्यता का भी पालन नहीं हुआ. 2015 से 2025 तक चले इस घोटाले से टीटीडी को करीब 54 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. जांच में केंद्रीय रेशम बोर्ड समेत दो लैबों के टेस्ट ने पुष्टि की कि दुपट्टे पूरी तरह पॉलिएस्टर हैं.

कॉन्ट्रैक्टर और टीटीडी की लापरवाही

घोटाले का केंद्र एक ही कंपनी और उसकी सहयोगी इकाइयां हैं, जो दशक भर से टीटीडी को दुपट्टे सप्लाई कर रही थीं. ञ्जञ्जष्ठ के चेयरमैन बी.आर. नायडू के निर्देश पर आंतरिक जांच शुरू हुई, जिसके बाद यह कांड बाहर आया. टीटीडी बोर्ड ने कंपनी के सभी मौजूदा टेंडर रद्द कर दिए और सप्लाई पर पूर्ण रोक लगा दी. आंध्र सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए एसीबी को सौंप दिया, जहां वित्तीय अनियमितताओं और साजिश की गहन जांच होगी.

एसीबी को सौंपा मामला

टीटीडी ने तत्काल प्रभाव से प्रभावित कॉन्ट्रैक्टर को ब्लैकलिस्ट कर दिया. आंध्र प्रदेश सरकार ने वादा किया है कि दोषियों को सख्त सजा दी जाएगी. हाल ही में आंध्र सीएम चंद्रबाबू नायडू, उनके बेटे नारा लोकेश और पोते नारा देवांश ने 21 मार्च को मंदिर दर्शन किया था, जहां उन्होंने यही दुपट्टा ओढ़ा था. हालांकि, इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई. विपक्ष ने इसे भगवान के प्रबंधन में भ्रष्टाचार बताते हुए सरकार पर हमला बोला है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-