ईशान किशन का ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के फाइनल में शतकीय प्रहार से रचा नया इतिहास, खड़ा किया रनों का हिमालय

ईशान किशन का ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के फाइनल में शतकीय प्रहार से रचा नया इतिहास, खड़ा किया रनों का हिमालय

प्रेषित समय :21:36:39 PM / Thu, Dec 18th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

भारतीय घरेलू क्रिकेट के सबसे प्रतिष्ठित टी-20 टूर्नामेंट, सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (SMAT) के खिताबी मुकाबले में आज क्रिकेट जगत ने एक ऐसी आतिशी पारी देखी, जिसने न केवल रिकॉर्ड बुक को तहस-नहस कर दिया, बल्कि झारखंड के कप्तान ईशान किशन के नाम का डंका पूरे देश में बजा दिया। गुरुवार को हरियाणा के खिलाफ खेले गए इस निर्णायक मुकाबले में ईशान किशन ने अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी से वह कारनामा कर दिखाया जो इस टूर्नामेंट के इतिहास में इससे पहले किसी भी कप्तान ने नहीं किया था। खचाखच भरे स्टेडियम में जब झारखंड की टीम टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी, तो किसी ने कल्पना नहीं की थी कि 20 ओवरों के खेल के बाद स्कोरबोर्ड पर 262 रनों का पहाड़ जैसा स्कोर टंग जाएगा। इस विशाल स्कोर की नींव रखी कप्तान ईशान किशन के उस अद्भुत शतक ने, जिसमें उन्होंने मैदान के चारों ओर चौकों और छक्कों की ऐसी बौछार की कि हरियाणा के गेंदबाज असहाय नजर आए।

मैच की शुरुआत झारखंड के लिए सुखद नहीं रही थी क्योंकि हरियाणा ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया और पहले ही ओवर में झारखंड के प्रमुख बल्लेबाज विराट सिंह को महज 2 रन पर पवेलियन भेजकर अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश की। अंशुल कम्बोज की उस सफलता के बाद ऐसा लगा कि फाइनल का दबाव झारखंड पर हावी हो जाएगा, लेकिन इसके बाद जो हुआ वह क्रिकेट के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया। नंबर तीन पर बल्लेबाजी करने आए युवा प्रतिभा कुमार कुशाग्र और कप्तान ईशान किशन ने मिलकर मोर्चा संभाला। इन दोनों बल्लेबाजों के बीच दूसरे विकेट के लिए हुई 177 रनों की रिकॉर्ड साझेदारी ने हरियाणा के आक्रमण की बखिया उधेड़ दी। ईशान किशन ने अपनी 101 रनों की पारी के दौरान केवल 49 गेंदों का सामना किया, जिसमें उन्होंने 10 गगनचुंबी छक्के और 6 दर्शनीय चौके जड़कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी इस पारी की सबसे खास बात यह रही कि उन्होंने दबाव के क्षणों में निडर होकर शॉट खेले और अपनी टीम को उस स्थिति में पहुँचाया जहाँ से जीत लगभग सुनिश्चित नजर आने लगी।

ईशान किशन ने इस शतक के साथ ही एक बड़ा कीर्तिमान अपने नाम कर लिया है। वह सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में शतक जड़ने वाले पहले कप्तान बन गए हैं। उनसे पहले साल 2023 में अनमोलप्रीत सिंह ने फाइनल में शतक लगाया था, लेकिन बतौर कप्तान यह उपलब्धि हासिल करने वाले ईशान पहले खिलाड़ी हैं। किशन की इस पारी को दूसरे छोर से कुमार कुशाग्र का भरपूर साथ मिला, जिन्होंने 38 गेंदों में 8 चौकों और 5 छक्कों की मदद से 81 रनों की आक्रामक पारी खेली। कुशाग्र की बल्लेबाजी ने ईशान को समय लेने और फिर बड़े प्रहार करने की आजादी दी। हालांकि 15वें ओवर में सामंत जाखड़ ने कुशाग्र को आउट कर इस विशाल साझेदारी का अंत किया और अगले ही ओवर में सुमित कुमार ने शतकवीर ईशान किशन को भी पवेलियन की राह दिखाई, लेकिन तब तक नुकसान हो चुका था। अंतिम ओवरों में अनुकूल रॉय के नाबाद 40 रन और रॉबिन मिन्ज की 31 रनों की कैमियो पारियों ने झारखंड के स्कोर को 3 विकेट पर 262 रनों तक पहुँचा दिया, जो टी-20 क्रिकेट के मानकों के हिसाब से एक अविश्वसनीय लक्ष्य है।

मैदान पर ईशान किशन का सेलिब्रेशन देखते ही बनता था; जैसे ही उन्होंने अपना शतक पूरा किया, उनके बल्ले की चमक और चेहरे की खुशी ने उनकी कड़ी मेहनत और वापसी की भूख को बयां कर दिया। हरियाणा के गेंदबाज, जो पूरे टूर्नामेंट में काफी प्रभावी रहे थे, आज पूरी तरह बेबस दिखे। अंशुल कम्बोज, सुमित कुमार और सामंत जाखड़ को एक-एक सफलता तो मिली, लेकिन वे रनों की गति पर अंकुश लगाने में पूरी तरह विफल रहे। अब जबकि हरियाणा के सामने 263 रनों का असंभव सा दिखने वाला लक्ष्य है, क्रिकेट विशेषज्ञ इस पारी को ईशान किशन की टीम इंडिया के चयनकर्ताओं को दी गई एक जोरदार दस्तक के रूप में देख रहे हैं। यह मैच न केवल झारखंड के लिए ट्रॉफी जीतने का मौका है, बल्कि ईशान किशन के करियर के लिए एक नया टर्निंग पॉइंट भी साबित हो सकता है। फिलहाल, सोशल मीडिया से लेकर खेल के गलियारों तक सिर्फ ईशान की 'कप्तानी पारी' और उनके 10 छक्कों की गूंज सुनाई दे रही है, जिसने घरेलू क्रिकेट के स्तर को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है।

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-