बॉलीवुड अभिनेत्री जाह्नवी कपूर ने पड़ोसी देश बांग्लादेश में जारी हिंसा और दीपू चंद्र दास की नृशंस हत्या पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए एक ऐसा बयान दिया है जिसने पूरे सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है। आमतौर पर राजनीतिक या अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर सधे हुए शब्दों में बात करने वाली जाह्नवी इस बार बेहद गुस्से और दुख में नजर आईं। उन्होंने इस पूरी घटना को न केवल 'बर्बर' करार दिया, बल्कि इसे मानवता के नाम पर एक काला धब्बा बताया है। दीपू चंद्र दास की सरेआम की गई हत्या और उसके बाद फैली अशांति ने जाह्नवी को अंदर तक झकझोर दिया है, जिसके बाद उन्होंने कट्टरपंथ के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए दुनिया के सामने कई तीखे सवाल खड़े किए हैं। उनके इस कड़े रुख ने प्रशंसकों के बीच एक नई बहस छेड़ दी है और लोग यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि आखिर जाह्नवी ने इस संवेदनशील मुद्दे पर इतनी बेबाकी से क्या-क्या कहा है।
जाह्नवी कपूर ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम हैंडल पर एक बेहद भावुक और आक्रोश से भरी पोस्ट साझा की है। उन्होंने लिखा कि बांग्लादेश में जो कुछ भी हो रहा है, वह पूरी तरह से अमानवीय और बर्बरता की पराकाष्ठा है। उन्होंने इसे महज एक छिटपुट घटना मानने से इनकार करते हुए 'कत्लेआम' शब्द का इस्तेमाल किया है। जाह्नवी ने सार्वजनिक रूप से हुई इस 'लिंचिंग' (भीड़ द्वारा हत्या) पर दुख जताते हुए लोगों से अपील की है कि वे इस घटना के बारे में पढ़ें, वीडियो देखें और सवाल पूछें। अभिनेत्री का मानना है कि अगर ऐसी खौफनाक घटनाओं को देखकर भी किसी के मन में गुस्सा पैदा नहीं होता, तो यही वो पाखंड है जो हमें एक समाज के तौर पर खत्म कर देगा। उनके शब्दों में एक गहरी टीस साफ झलक रही थी जब उन्होंने कहा कि हम दुनिया के दूसरे छोर पर होने वाली घटनाओं पर तो आंसू बहाते हैं, लेकिन हमारे अपने भाइयों और बहनों को जब जिंदा जला दिया जाता है, तो हम खामोश रह जाते हैं।
अभिनेत्री ने कट्टरपंथ के हर रूप की निंदा करते हुए इसे मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन बताया है। जाह्नवी का मानना है कि हम सब अनजाने में उन अदृश्य रेखाओं के प्यादे बन गए हैं जो धर्म और पहचान के नाम पर हमें बांटती हैं। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे खुद को ज्ञान से लैस करें ताकि सांप्रदायिक क्रॉसफायर में फंसी मासूम जिंदगियों के लिए स्टैंड ले सकें। जाह्नवी ने साफ लहजे में कहा कि इस तरह की नफरत और हिंसा को किसी भी तर्क से सही नहीं ठहराया जा सकता। उनके इस बयान ने यह साफ कर दिया है कि वे नफरत की राजनीति और चरमपंथ के सख्त खिलाफ हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि इससे पहले कि हम अपनी पूरी इंसानियत भूल जाएं, हमें हर तरह के कट्टरवाद को पहचानना और उसकी आलोचना करना शुरू करना होगा।
जाह्नवी कपूर की इस साहसी प्रतिक्रिया के बाद सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई है। उनके बॉयफ्रेंड शिखर पहाड़िया ने भी इस लिंचिंग केस पर अपनी आवाज बुलंद की है, जिससे यह मुद्दा और भी बड़ा हो गया है। प्रशंसकों और फिल्म जगत के कई सितारों ने जाह्नवी की तारीफ करते हुए कहा है कि इतने बड़े मंच का इस्तेमाल न्याय और शांति की मांग के लिए करना सराहनीय है। 'होमबाउंड' के निर्देशक नीरज घायवन ने भी जाह्नवी की संवेदनशीलता की प्रशंसा की है। इंटरनेट पर इस समय #BangladeshViolence और #JanhviKapoor ट्रेंड कर रहा है, जहाँ लोग न केवल दीपू चंद्र दास के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं, बल्कि जाह्नवी द्वारा उठाए गए 'पाखंड' के मुद्दे पर भी गहन चर्चा कर रहे हैं।
यह पहली बार है जब जाह्नवी कपूर इतने आक्रामक और स्पष्ट अंदाज में किसी अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मुद्दे पर बोलती नजर आई हैं। उनके इस बयान ने उन लोगों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है जो ऐसी घटनाओं पर चुप्पी साधे रहते हैं। जाह्नवी ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि हिंसा का कोई धर्म नहीं होता और निर्दोषों की जान जाना हर हाल में गलत है। जैसे-जैसे यह खबर फैल रही है, जाह्नवी कपूर के प्रति सम्मान और इस मुद्दे पर जवाबदेही की मांग और तेज होती जा रही है। जनता अब यह देखने के लिए उत्सुक है कि क्या अन्य बॉलीवुड हस्तियां भी जाह्नवी की तरह आगे आकर इस बर्बरता के खिलाफ सुर में सुर मिलाएंगी या फिर यह आक्रोश सिर्फ चंद सितारों तक ही सीमित रहेगा।
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

