महान संगीतकार रविन्द्र जैन के नाम पर ग़ज़ल-शास्त्रीय संगीत को बढ़ावा देने का संकल्प

महान संगीतकार रविन्द्र जैन के नाम पर ग़ज़ल-शास्त्रीय संगीत को बढ़ावा देने का संकल्प

प्रेषित समय :19:46:46 PM / Wed, May 1st, 2024
Reporter : reporternamegoeshere
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मुंबई.बॉलीवुड के विख्यात संगीतकार रविन्द्र जैन की पत्नी दिव्या जैन और उनके बेटे आयुष्मान जैन देश के क्लासिकल आर्ट और कलाकारों को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं. इन्होंने ग़ज़ल प्रोजेक्ट शुरू किया है ताकि ग़ज़ल जैसी सम्रद्ध कला को आज के मॉडर्न युग मे बखूबी पेश किया जाए. ग़ज़ल प्रोजेक्ट का कॉन्सेप्ट उनके ज़ेहन में कैसे आया, इस संदर्भ में आयुष्मान जैन ने कहा कि हम जब कोविड के समय देखते थे कि काफी सारे कलाकार मैसेज कर रहे थे, सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे थे कि उन्हें काम की तलाश है या काम मिलने में दिक्कत आ रही है. उस वक्त हमने सोचा कि अगर हम कुछ कर पाए, आर्टिस्ट्स की हेल्प कर सकें तो बहुत ही अच्छा होगा. हमारे पिताजी रविन्द्र जैन जी भी अक्सर कहा करते थे कि नए कलाकारों को अवसर देना चाहिए. आर्ट को एक प्लेटफॉर्म देना सबसे बड़ी बात होती है हम इसी बात को आगे ले जाना चाहते थे.

आरजे ग्रुप के साथ हम कलाकारों और कला को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रहे हैं. डिवोशनल म्युज़िक में रवीन्द्र जैन यू ट्यूब चैनल पर काफी काम किया है. उसके बाद हमने दूसरा चैनल आरजे स्टूडियो शुरू किया. इसके माध्यम से हम भारत की सांस्कृतिक जड़ों, भारतीय म्युज़िक चाहे क्लासिकल हो या सेमी क्लासिकल या लोक संगीत हो, उन्हें हम एक उचित स्पेस दे सकें, चाहे ऑनलाइन या ऑफलाइन.

उन्होंने आगे कहा कि इंडी म्युज़िक या रॉक म्युज़िक के आर्टिस्ट्स को बढ़ावा मिले, इस दिशा में हम कार्य कर रहे हैं. आरजे स्टूडियो एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां सभी तरह के जॉनर के गीत संगीत, कलाकार सुनाई और दिखाई पड़ें. हम लोगों ने ग़ज़ल से इसकी शुरुआत की. मेरी नानी निर्मला जैन ने वर्षो पहले ग़ज़ल लिखी थी, वह चाहती थीं कि उनकी लिखी गज़ल रिकॉर्ड हो और रिलीज की जाए. इसलिए हमने ग़ज़ल से इस आरजे स्टूडियो की शुरुआत की. गायिका प्रभाती जी से हमारी मुलाकात हुई. वह रविन्द्र जैन की बहन की तरह हैं. वह इस उम्र में पुराने कल्चर और ठुमरी को आगे लेकर आ रही हैं. उन्होंने उस्ताद बड़े गुलाम अली साहेब और बेगम अख्तर से संगीत सीखा है, उनकी तरह गाने वाले बहुत कम रह गए हैं. तो उनके साथ यह फर्स्ट प्रोजेक्ट हमने किया. नानी की लिखी ग़ज़लों की एलबम लेकर आए जिन्हें प्रभाती जी ने आवाज़ दी. प्रभाती जी की आवाज़ को हम मुम्बई के दर्शकों को सुनाना चाहते थे. तो हमने पहले शो के लिए प्रभाती जी के साथ काम करने का सोचा. इस तरह यह खास शो तैय्यार हुआ. दरअसल इस कार्यक्रम के माध्यम से हम ग़ज़ल को सेलिब्रेट कर रहे हैं. इसलिए स्टेज का डेकोरेशन और माहौल ग़ज़ल वाला रखा गया. उस शो में प्रभाती जी की परफॉर्मेंस, स्टेज पर उनका रुतबा अद्वितीय था. उन्हें स्टेज पर परफॉर्म करते देखना यादगार अनुभव रहा.

इस प्रोजेक्ट में भजन सम्राट अनूप जलोटा को जोड़ने की मंशा के संदर्भ में आयुष्मान जैन ने बताया कि इसमे हम अनूप जलोटा को भी शामिल करना चाहते थे क्योंकि उन्होंने भी ग़ज़ल के क्षेत्र में बड़ा काम किया है. इस प्रोजेक्ट में उन्हें जोड़ना जरूरी था जिनके पास बहुत अनुभव है. रविन्द्र जैन के साथ अनूप जी का बांड भी कमाल का था.

भविष्य की योजना के बारे में उन्होंने कहा कि ग़ज़ल प्रोजेक्ट के अंतर्गत हमारा एक और नया अल्बम आ रहा है. सिंगर सिराज खान और गीतकार राशिद दामोहि हैं. आरजे स्टूडियो पर यह अल्बम जल्द रिलीज़ किया जाएगा. साथ ही हम कुछ क्लासिकल सिंगल्स भी लाने की योजना रखते हैं. शास्त्रीय संगीत पर आधारित नेक्स्ट शो शुरू करने का इरादा है. 

नार्थ इंडिया के कल्चरल क्लासिकल म्युज़िक को हम इस तरह सेलिब्रेट करेंगे. नए कलाकारों कोअपना स्टाइल लेकर आने वाले कलाकारों को भी हम मौका देंगे. भविष्य में हम क्रिएटिव माइंड्स के लिए फ्री प्लेटफॉर्म उपलब्ध करवाना चाहते हैं ताकि नए कलाकार अपनी रचना दुनिया को दिखा सकें.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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