प्रदीप द्विवेदी. कुछ शहरों में एक्स्ट्रा प्रीमियम पेट्रोल की कीमत 100 रुपये के पार पहुंच गई है और साधारण पेट्रोल भी शतक के एकदम करीब है.

पेट्रोल-डीजल की रेट को लेकर केन्द्र के लूट-मार्ग पर ही राज्य भी आगे बढ़े हैं और कोरोना आपदा में कमाई के बेहतर अवसर तलाशे गए. नतीजा, जनता की जेब कटती रही.

राज्यसभा में तेल मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने यह एकदम साफ कर दिया है कि सरकार का तेल कीमतों में राहत देने का कोई इरादा नहीं है, लिहाजा उत्पाद शुल्क घटाने पर कोई विचार नहीं हो रहा है.

कोरोना संकट के दौरान जो जन-जीवन पटरी से उतर गया था, वह पटरी पर लौटने लगा है. यही नहीं, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत भी करीब एक साल में पहली बार 61 डॉलर प्रति बैरल से अधिक हो गई है, मतलब- अब वैसे भी पेट्रोल-डीजल के रेट में कमी की उम्मीदें ढेर होने वाली हैं.

खबरों पर भरोसा करें तो पेट्रोल-डीजल रेट के मामले में राजस्थान का श्रीगंगानगर सबसे आगे है, जहां साधारण पेट्रोल शतक से महज 1 रुपये 63 पैसा दूर है, वहीं यहां एक्स्ट्रा प्रीमियम पेट्रोल की कीमत शतक पार पहुंच गई है. डीजल अभी 90.05 रुपये लीटर है. उल्लेखनीय है कि सरकारी तेल कंपनियों ने लगातार तीसरे दिन पेट्रोल-डीजल के रेट बढ़ाएं हैं. गुरुवार को डीजल की कीमत में 30 से 31 पैसे, तो पेट्रोल में 24 से 25 पैसे की वृद्धि की गई है.

पेट्रोल-डीजल रेट के मामले में श्रीगंगानगर, इंदौर, मुंबई, जयपुर, बेंगलुरु, पटना, चेन्नई, कोलकाता, दिल्ली और नोएडा टाॅप टेन में हैं और ज्यादातर शहरों में पेट्रोल की कीमतें अपने उच्चतम स्तर पर हैं!

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