पल-पल इंडिया (पीके). देश की सर्वोच्च अदालत ने ट्विटर पर देश विरोधी और भड़काऊ मैसेज भेजे जाने को लेकर ट्विटर इंडिया और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है.

खबर है कि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि ट्विटर पर इस तरह के मैसेज आने के बाद उनकी तरफ से क्या किया जा सकता है?

उल्लेखनीय है कि बीजेपी नेता विनीत गोयनका ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर बताया था कि ट्विटर पर भड़काऊ और देश विरोधी मैसेज पोस्ट किए जाते हैं. ट्विटर पर विज्ञापन भी दिया जाता है और इसके जरिए हेट मैसेज फैलाए जाते हैं. इसको रोकने के लिए फिलहाल कोई दिशा-निर्देश नहीं है, इसलिए कोर्ट सरकार को तुरंत इस संबंध में दिशा-निर्देश बनाने का आदेश दे, जिससे इस तरह के मैसेज को रोका जा सके.

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए ट्विटर इंडिया और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

हालांकि, इससे पहले भारत सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव की ट्विटर के प्रमुख अधिकारियों के साथ बैठक में भारत सरकार ने कड़ी नाराजगी जाहिर की थी और यह स्पष्ट कर दिया गया था कि ट्विटर को भारत में यहां के कानून-कायदों का पालन करना ही होगा.

दरअसल, सोशल मीडिया के लिए जरूरी कानून-कायदे बनाने में राजनीतिक इच्छाशक्ति का अभाव इसलिए रहा है कि इसके कारण अपने समर्थकों के जरिए विरोधियों की इमेज खराब करने का बेहतर प्लेटफॉर्म मिल जाता है!

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