नज़रिया. भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने करनाल में एक बार फिर सरकार को खुलेआम धमकी दी और कहा कि सरकार ज्यादा दिमाग खराब न करे.
खबरें हैं कि उन्होंने कहा कि अभी अभी जवान और किसान ने कानून वापसी का नारा लगाया है. अभी हमने गद्दी वापसी का नारा नहीं लगाया है. सरकार आप बनाते रहो, चलाते रहो, जो करना है करो, लेकिन आप हमारे काम करते रहो. सरकार किसी की भी हो, हम सरकार से किसानों के लिए पॉलिसी पर बात करेंगे.
जाहिर है, केन्द्र सरकार जिस सियासी चतुराई से समय काट रही है, किसानों के धैर्य की परीक्षा ले रही है, वह भविष्य में कई तरह की नई चुनौतियां खड़ी कर सकती है.
खबर यह भी है कि कृषि कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चे की ओर से 18 फरवरी 2021 को देश भर में चार घंटे तक ट्रेनें रोकने का एलान किया गया है. इसके मद्देनजर जीआरपी और आरपीएफ कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं.
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ऐसे प्रदर्शनों के दौरान कोई तोड़-फोड़ नहीं होगी, हिंसा नहीं होगी, इसकी जिम्मेदारी कोई नहीं ले सकता है.
यही नहीं, अगर आंदोलन लंबा चला तो रेल रोको जैसे कार्यक्रम और भी होंगे, लगातार होंगे.
याद रहे, किसान आंदोलन के समर्थन का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है, इसी क्रम में महात्मा गांधी की पोती तारा गांधी भट्टाचार्य केंद्र के चर्चित और विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन का समर्थन करने के लिए शनिवार को गाजीपुर बार्डर पहुंचीं थी!
बेहतर होगा, केन्द्र सरकार ताजा हालात की गंभीरता को समझते हुए इसका समाधान जल्दी से जल्दी निकाले, वरना आंदोलन तो खत्म नहीं होगा, इसके परिणाम जरूर सवालिया निशान बन जाएंगे!
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