प्रदीप द्विवेदी. देश में बगैर मास्क लोगों से अब तक बतौर जुर्माना, करोड़ो रूपया वसूला जा चुका है, लेकिन देश के ज्यादातर प्रमुख राजनेता इस वसूली अभियान से मुक्त ही रहे हैं!
खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कई बार सार्वजनिक जगहों पर बगैर मास्क नजर आए है, लेकिन न तो पीएम मोदी में इतनी नैतिकता है और न ही किसी अधिकारी में इतना साहस है कि उनसे जुर्माना वसूल ले?
जबकि, कुछ समय पहले खबर थी कि उनके गृहराज्य गुजरात में ही गत वर्ष मास्क नहीं पहनने वालों से पांच महीनों में 75 करोड़ से ज्यादा वसूले गए, जो स्टेच्यू ऑफ यूनिटी की सालभर की कमाई से ज्यादा की राशि बताई जा रही है!
खबरों पर भरोसा करें, तो गुजरात में 15 जून 2020 से मास्क लगाए बगैर घूमने वाले लोगों का चालान किया जा रहा था, जिसके नतीजे में करीब पांच माह में 25 लाख से ज्यादा लोगों का चालान काटा गया और 75 करोड़ रुपए से ज्यादा का जुर्माना वसूला गया.
पीएम मोदी अपनी कच्छ यात्रा के दौरान बगैर मास्क के किसानों के साथ चर्चा करते नजर आए थे, तो विभिन्न चुनावों के अवसर पर, शपथ ग्रहण समारोह आदि के मौकों पर अधिकतर नेता- दो गज दूरी, मास्क है जरूरी जैसे कानून-कायदों से बेखौफ और बेखबर नजर आते रहे हैं.
शायद, तुलसीदास सही लिख गए हैं- समरथ को नहिं दोष गुर्साईं!
नरेंद्र मोदी चीन के सामने खड़े नहीं हो पाते हैं, लेकिन किसानों के सामने दीवार खड़ी कर देते हैं!