प्रदीप द्विवेदी. चुनाव जीतने के लिए राजनीतिक प्रबंधन में अब सर्वे की भी बड़ी भूमिका है. इसका फायदा चुनाव में अच्छा खासा होता है, राजनीति से अनभिज्ञ और असमंजस में पड़े मतदाताओं को इसके जरिए मनचाही दिशा दी जा सकती है.
ज्यों-ज्यों पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव आ रहे हैं, त्यों-त्यों सर्वे भी आने लगे हैं.
पहले चरण के सर्वे में टीएमसी को सत्ता में वापसी करता दिखाया जा रहा है, लेकिन अगले सर्वे में बीजेपी को आगे कर दिया जाए, तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए.
ताजा सर्वे पर भरोसा करें तो पश्चिम बंगाल में बीजेपी को बेहतर स्थिति में बताया जा रहा है, लेकिन सत्ता पर कब्जा तो टीएमसी का रहेगा, मतलब- वहां बीजेपी इतनी मजबूत हो चुकी है कि पिछले विधानसभा चुनावों के मुकाबले कहीं ज्यादा वोट मिलेंगे. यदि सर्वे में इसी तरह की बढ़त मिलती रही तो अगले सर्वे तक बीजेपी की सरकार भी बन सकती है.
ताजा सर्वे बताते हैं कि बीजेपी के मतदाता आधार में वर्ष 2016 के विधानसभा चुनावों के मुकाबले 25 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
लेकिन, इतना होने के बावजूद सीटों के हिसाब-किताब में बीजेपी पीछे छूट रही है. पश्चिम बंगाल विधानसभा में कुल 294 सीटें हैं. जहां, टीएमसी को 150 से ज्यादा सीटें मिलने का अनुमान है, वहीं बीजेपी 115 से अधिक सीटें लेकर दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनने वाली है, अलबत्ता, कांग्रेस और लेफ्ट गठबंधन को करीब 25 सीटें मिलने का अंदाजा है.
जाहिर है, सर्वे पर भरोसा करें तो टीएमसी भले ही सबसे आगे नजर आ रही है, किन्तु पिछले चुनाव के मुकाबले वह बहुमत के किनारे पर है, अर्थात- जरा सा बदलाव हुआ तो सरकार हाथ से निकल सकती है.
परन्तु, बड़ा सवाल यह है कि यदि टीएमसी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला तब भी क्या बीजेपी सरकार बना लेगी?
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