नज़रिया. रसोई गैस, पेट्रोल और डीजल के लगातार बढ़ते दामों ने आम जनता के अच्छे दिनों की उम्मीदों में आग लगा दी है. तमाम विरोध के बावजूद इनके रेट बेशर्मी से बढ़ाए जा रहे हैं.
केन्द्र सरकार की ओर से शुरू किए गए इस जनता लूट अभियान में अब राज्य सरकारें भी शामिल हो गई हैं, यही वजह है कि कच्चे तेल का अन्तरराष्ट्रीय मूल्य बहुत कम होने के बावजूद सरकारी लूट जारी रही है.
कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट किया- डीजल की लागत सिर्फ 33.46 रुपए लीटर, पेट्रोल की लागत सिर्फ 31.82 रुपए लीटर, पर देशवासियों के लिए- डीजल की कीमत 79.35 रुपए लीटर, पेट्रोल की कीमत 89.29 रुपए लीटर!
कारण? डीजल पर मोदी टैक्स 46.24 रुपए लीटर, पेट्रोल पर मोदी टैक्स 58.24 रुपए लीटर!
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जाहिर है, वर्ष 2014 से पहले रसोई गैस-पेट्रोल-डीजल के दामों को विरोध करने वाले केवल सियासी नाटक कर रहे थे, उनका असली मकसद केवल सत्ता हांसिल करना था, जो वे कर चुके हैं, लिहाजा अच्छे दिनों के वादे हवा हो गए हैं!
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