नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को असम को कई विकास परियोजनाओं की सौगात दी. इन परियोजनाओं के पूरा होने से सूबे को बहुत लाभ होगा. प्रधानमंत्री ने महाबाहु- ब्रह्मपुत्र जलमार्ग का लोकार्पण किया, धुबरी-फुलबाड़ी पुल की आधारशिला रखी और माजुली सेतु के निर्माण के लिए भूमिपूजन किया.

वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से कार्यक्रम में शामिल होते हुए प्रधानमंत्री ने रिमोट कंट्रोल का बटन दबाकर इन परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया. इससे पहले प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा कि असम की विकास यात्रा में आज का दिन ऐतिहासिक है, क्योंकि महाबाहु-ब्रह्मपुत्र जलमार्ग के जरिये नई पहल का शुभारंभ होगा.

इस अवसर पर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय संचार व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद, केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री मनसुख भाई मंडाविया, असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा भी उपस्थित थे.

महाबाहु-ब्रह्मपुत्र के शुभारंभ के साथ प्रधानमंत्री ने नीमाटी-माजुली द्वीप, उत्तरी गुवाहाटी-दक्षिण गुवाहाटी और धुबरी-हाटसिंगिमारी के बीच रो-पैक्स पोत संचालन का उद्घाटन किया. नेमाटी और माजुली के बीच रो-पैक्स परिचालन से वर्तमान में वाहनों द्वारा तय की जा रही 420 किलोमीटर की कुल दूरी कम होकर केवल 12 किलोमीटर रह जाएगी. अन्य मागोज़्ं पर भी समय की भारी बचत होगी.

उन्होंने जोगीघोपा में अंतर्देशीय जल परिवहन टर्मिनल का शिलान्यास और ब्रह्मपुत्र नदी पर विभिन्न पर्यटक सुविधाओं और व्यापार की सुगमता के लिए डिजिटल समाधान का शुभारंभ भी किया. धुबरी उत्तरी तट और दक्षिण तट फूलबाड़ी के बीच ब्रह्मपुत्र नदी पर चार लेन के प्रस्तावित पुलराष्ट्रीय राजमार्ग-127बी पर स्थित होगा.

यह असम में धुबरी को मेघालय के फूलबाड़ी, तूरा, रोंग्राम और रोंगजेंग से जोड़ेगा. लगभग 4997 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह पुल असम और मेघालय के लोगों की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करेगा, जो नदी के दोनों किनारों के बीच यात्रा करने के लिए नौका सेवाओं पर निर्भर थे. यह सड़क से तय की जाने वाली 205 किलोमीटर की दूरी को कम करके 19 किलोमीटर कर देगा, जो पुल की कुल लंबाई है.

माजुली पुल राष्ट्रीय राजमागज़्-715के पर स्थित होगा और नीमतिघाट जोरहाट की तरफ और कमलाबाड़ी माजुली की तरफ को जोड़ेगा. पुल का निर्माण लंबे समय से माजुली के लोगों की मांग रही है. यहां के लोग असम की मुख्य भूमि से जुडऩे के लिए नौका सेवाओं पर निभज़्र हैं. प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार इन परियोजनाओं का उद्देश्य भारत के पूर्वी हिस्सों में निर्बाध संपर्क प्रदान करना है और ब्रह्मपुत्र तथा बराक नदी के आसपास रहने वाले लोगों के लिए विभिन्न विकास परक गतिविधियों को आसान बनाना शामिल हैं.

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