नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक ने नई गाइडलाइंस जारी की है, जिसके अनुसार ऑनलाइन मर्चेंट, ई-कॉमर्स वेबसाइट और पेमेंट एग्रीगेटर ऑनलाइन ग्राहक के कार्ड डिटेल्स को स्टोर करने की अनुमति नहीं होगी. ये नियम अमेजन, फ्लिपकार्ट, गूगल पे, पेटीएम, नेटफ्लिक्स आदि पर लागू होंगे, यानी ये कंपनियां आपके कार्ड नंबर को स्टोर नहीं कर पाएंगी.
गौरतलब है कि डेबिट या क्रेडिट कार्ड नंबर 16 अंकों का होता है और हर कोई इसे याद नहीं रख सकता है. खासकर ज्यादातर लोग एक से ज्यादा कार्ड का उपयोग करते हैं. लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक के नए नियमों के अनुसार, आपके पास कोई विकल्प नहीं हो सकता है. हां एक विकल्प हो सकता है कि आप जहां भी जाएं कार्ड को साथ लेकर जाएं.
इसका मतलब यह है कि ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए आपको अपना सीवीवी दर्ज करने के बजाए अपने सभी कार्ड विवरण नाम, कार्ड नंबर और कार्ड की वैलिडिटी दर्ज करनी होगी. आरबीआई के सर्कुलर के मुताबिक, ये नई गाइडलाइंस जुलाई 2021 से लागू होंगी.
आप सोच सकते हैं कि इन नए नियमों से कैशलेस देश बनाने की प्रक्रिया में बाधा आएगी. लेकिन आरबीआई का तकज़् है कि थर्ड पार्टी को कार्ड विवरण नहीं देने का उद्देश्य धोखाधड़ी के जोखिम को कम करना है.
आईटी इंडस्ट्री बॉडी नैसकॉम ने पहले ही जनवरी में इस तरह के कदम के खिलाफ अपनी चिंता व्यक्त की. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक फ्लिपकार्ट, अमेजन, नेटफ्लिक्स, माइक्रोसॉफ्ट और जोमैटो जैसी 25 कंज्यूमर इंटरनेट कंपनियां के समूह ने भी आरबीआई को लिखा है. उनका तर्क है कि ये नियम ग्राहक के ऑनलाइन पेमेंट अनुभव को गंभीर रूप से बाधित करेंगे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-रेल कर्मियों को सुविधा पास के बदले मिलेगी ऑनलाइन शापिंग की सुविधा, इतनी रााशि तक कर सकेेंगे खरीदी
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