पटना. कोरोना का नामोनिशान मिटाने के लिए युद्ध स्तर पर टीकाकरण अभियान जारी है. हेल्थ वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स के बाद आज से आम लोगों की टीका लेने की बारी है. ऐसे में बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने अपना बड़ा चुनावी वादा पूरा करते हुए फैसला लिया है कि सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में मुफ्त में कोरोना के टीके दिए जाएंगे.
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर ये ऐलान कर दिया है कि कैबिनेट की बैठक में लिए फैसले के आधार पर ही टीकाकरण होगा जिसमें लोगों को कोई शुल्क नहीं देना होगा. बता दें कि केंद्र सरकार के अनुसार निजी अस्पतालों में टीकाकरण के लिए 250 रुपये शुल्क देने होंगे, लेकिन बिहार में टीकाकरण के शुल्क का भुगतान आमलोग नहीं बल्कि राज्य सरकार अपने मद से खुद करेगी.
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि बिहार में तीसरे चरण में जहां शुरुआत में 50 निजी अस्पतालों का चयन हुआ है वहीं कुल 1600 टीकाकरण केंद्रों पर वैक्सीन देने की तैयारी की गई है. टीकाकरण की शुरुआत खुद सीएम नीतीश कुमार अपने जन्मदिन के अवसर पर आईजीआईएमएस में कोरोना का टीका लेकर आज करेंगे.
उन्होंने यह भी कहा कि आज शुरू में राज्य के 700 केंद्रों पर टीकाकरण शुरू होगा, जिसमें सभी पीएचसी शामिल हैं. बिहार में 15 मार्च से टीकाकरण केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 1000 की जाएगी और 16 से 31 मार्च तक 1200 केंद्र पर टीका दिए जाएंगे, जबकि 1 से 15 अप्रैल तक 1500 केंद्र और 16 से 30 अप्रैल तक 1600 केंद्रों पर टीकाकरण होगा.
तीसरे फेज के टीकाकरण को लेकर मापदंड तय किये गए हैं जिसमें 60 साल से अधिक के बुजुर्ग और 45 साल से अधिक के बीमार लोगों जैसे हाइपर टेंशन, कैंसर, डायबिटीज, हार्ट की समस्या से जो लोग ग्रसित हैं को ही टीका दिए जाएंगे. टीका लेने वालों का वेरिफिकेशन भी होगा. टीकाकरण केंद्र पर को-मॉर्बीडिटीज वाले लोगों को एक डॉक्टरी प्रमाण पत्र साथ में लाना अनिवार्य होगा. सरकार ने 12 तरह के पहचान पत्रों की लिस्ट जारी की है साथ ही आधार कार्ड अनिवार्य रखा गया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-बिहार में माघ पूर्णिमा पर प्रसाद खाने से बीमार हुए सैकड़ों लोग, गांव पहुंची मेडिकल टीम कर रही इलाज
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