इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की एक हालिया तस्वीर सामने आई है जिसमें उनकी हालत काफी दयनीय लग रही है। वह व्हीलचेयर पर बैठे हैं और काफी कमजोर लग रहे हैं। फोटो को शेयर करते हुए ऑल पार्टीज मुस्लिम लीग ने मुशर्रफ के जल्द बेहतर होने की दुआ की लेकिन पाकिस्तान के लोग उन पर गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। उनका कहना है कि मुशर्रफ पाकिस्तान के हीरो नहीं हैं, बल्कि उन्होंने देश को अमेरिका के हाथों देश को बेच दिया और आज वह वही काट रहे हैं जो उन्होंने बोया है।
APML ने मुशर्रफ की तस्वीर शेयर की थी और लिखा था- ‘हम आप सब से अपील करते हैं कि मुशर्रफ की सेहत के लिए दुआ करें।’ अब यह ट्वीट डिलीट कर दिया गया है लेकिन मुशर्रफ सरकार में मंत्री रहे और अब देश के विज्ञान मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने भी मुशर्रफ की तस्वीर शेयर की है।
उन्होंने लिखा- ‘आपके लिए अच्छी सेहत की कामना राष्ट्रपति जी। आपको मुस्कुराते देख अच्छा लगा। आपने अपनी पूरी जिंदगी पाकिस्तान के लिए लड़ाई लड़ी है। आपके लिए प्रार्थनाएं और शुभकामनाएं।’
गुस्साए पाकिस्तानी बोले- ‘हीरो नहीं, तानाशाह’
हालांकि, पाकिस्तान की आम जनता में से कई लोग इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते हैं। ट्विटर पर एक यूजर ने लिखा- ‘पाकिस्तान के लिए लड़े? विदेशी फोर्स को बम गिराने और महिलाओं समेत नागरिकों का अपहरण करने के लिए आमंत्रित करके? कौन सा सैनिक विदेशी ताकतों को अपने नागरिकों के साथ ऐसा करने लिए अपनी मिट्टी पर बुलाता है? सिर्फ एक तानाशाह ऐसा कर सकता है।’
किसी ने लिखा कि मुशर्रफ ने पाकिस्तान के चीफ जस्टिस को टॉर्चर करने के लिए गुंडे भेजे थे तो किसी ने याद दिलाया कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने खुद आरोप लगाया था कि मुशर्रफ ने मुताहिदा कौमी आंदोलन के साथ मिलकर कराची में 48 लोगों की हत्या की साजिश रची थी। वहीं, लोगों ने मुशर्रफ पर ‘पाकिस्तान को अमेरिका के हाथों डॉलर में बेचने’ का आरोप भी लगाया।
बचाव में भी उतरे लोग
इस बीच कई लोगों ने मुशर्रफ को देशा का हीरो भी बताया है और उनके साथ ऐसे बर्ताव की आलोचना की है। कई लोगों का कहना है कि बुढ़ापे में तबीयत से हार रहे शख्स को इस तरह निशाना नहीं बनाना चाहिए। एक यूजर ने लिखा कि ऐसा वक्त किसी के भी सामने आ सकता है और इस हद तक किसी के प्रति नफरत नहीं रखनी चाहिए।
राजद्रोह के दोषी, लौटे नहीं हैं देश
रिटायर्ड जनरल परवेज मुशर्रफ ने साल 2001 से 2008 तक देश के राष्ट्रपति की कुर्सी संभाली। साल 1999 में तख्तापलट के बाद वह देश के 10वें राष्ट्रपति बने थे। महाभियोग से बचने के लिए उन्होंने 2008 में इस्तीफा दे दिया था। 17 दिसंबर 2019 को एक स्पेशल बेंच ने मुशर्रफ को राजद्रोह के केस में मौत की सजा सुनाई थी। PML-N सरकार ने साल 2007 में गैर-संवैधानिक इमर्जेंसी लगाने के फैसले पर मुशर्रफ के खिलाफ राजद्रोह का केस फाइल किया था। साल 2016 में वह इलाज के लिए दुबई गए और फिर पाकिस्तान नहीं लौटे।
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-भारत और पाकिस्तान में फिर तैनात हो सकते हैं उच्चायुक्त, संघर्षविराम की घोषणा का असर
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