महिला दिवस. इन दिनों महिलाओं की सुरक्षा की बात हर स्तर पर प्रमुखता से उठाई जा रही है और मीडिया में आने वाली खबरों में महिलाओं के साथ हो रही दुर्धटनाओं के मद्देनजर उनकी सुरक्षा की बात को प्रभावी ढंग से रखा जा रहा है. मुद्दा यह नहीं है कि महिलाओं के साथ हो रही दुर्धटनाओं को रोकने के लिये कानूनी प्रावधान या व्यवस्थाओं में कोई कमी है, समस्या यह है कि ऐसी घटनाओं से जुड़े लोग निर्भिकता से ऐसे कार्यांे को अंजाम दे रहे हैं.
बात करें महिला अधिकार व समानता की तो महिलाओं को सशक्त करने से पहले उन्हें बराबरी का दर्जा वास्तविक रूप से देने की जरूरत है. बराबरी काम ही नहीं, बल्कि सोच में दी जानी आवश्यक है. वर्तमान समय में महिलाएं हर क्षेत्र में विकास के पथ पर अग्रसर हैं और विभिन्न क्षेत्रों- व्यवस्था, प्रशासन, सामाजिक, घरेलु कार्य, में अपनी उपलब्धियां दर्ज करवा रही हैं, बावजूद इसके कई मामलों, राजनीति आदि में तार्किक सोच के साथ व्यवस्थाएं नहीं हैं. कई क्षेत्रों में महिलाओं को आज भी वास्तविक रूप से बराबरी का दर्जा नही मिल पाया है. इसके लिये पुरूष वर्ग ही जिम्मेदार नहीं है, क्योंकि महिलाओं के सशक्तीकरण की प्रक्रिया यानी स्वयं में शक्ति की खोज का कार्य महिलाएं भी प्रभावी ढंग से नहीं कर पा रही हैं.
महिलाओं को समाज को यह अनुभव करवाना होगा कि भगवान शिव शक्ति का प्रतीक हैं तो मां अम्बे भी शक्ति का केन्द्र हैं, ब्रह्माजी सांसारीक ज्ञान प्रदाता हैं, तो माता सरस्वती भी ज्ञान का केन्द्र हैं. महिलाओं को स्वयं को लाचार या बेबस मानकर हमदर्दी की अपेक्षा रखने के स्थान पर स्वयं में अंतर्निहित क्षमताओं को पहचान कर हर परिस्थिति के लिये तैयार करने की आवश्यकता है. पुरूषों को महिलाओं को बराबरी का अवसर व दर्जा देने के साथ ही महिलाओं के कार्य व उपलब्धियों को स्वीकार करने की मानसिकता में लाना होगा.
समाज इस बात पर ध्यान दे कि महिलाओं की सुरक्षा की चिन्ता के स्थान पर बराबरी के अवसर देकर उसे सशक्त कैसे बनायें. हर पिता, पति, भाई, दादा, नाना अपने परिवार की उपलब्धियों के लिये पुत्रों के साथ पुत्रियों को भी समान महत्व देकर उन्हे अपने जीवन को सही दिशा में ले जाने व अन्वेषण कर अपना जीवन सफल बनाने का अवसर अवश्य दें. महिलाओं की सुरक्षा उन्हें बराबरी का दर्जा देने पर स्वतः मिलेगी व उनकी प्रगति के मार्ग भी खुलेंगे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-आ गया है महिला दिवस - पर महिलाएं हैं कहां ?
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