जयपुर. विश्व उपभोक्ता दिवस 15 मार्च की पूर्व संध्या पर उपभोक्ता महासंघ राजस्थान, कन्ज्युमर कमेटी एवं जनजाति हितकारी संस्थान की ओर से सरकार द्वारा जारी थीम- प्लास्टिक प्रदूषण का निवारण विषयक जाग्रति साहित्य तैयार किया गया, जिसका लोकार्पण नगर परिषद, बांसवाड़ा के सभापति जैनेन्द्र त्रिवेदी, सीसीआई के राष्ट्रीय सचिव निरंजन द्विवेदी एवं जिला उपभोक्ता सरंक्षण परिषद के सदस्य उपभोक्ता आन्दोलनकारी दीपक श्रीमाल ने किया. इस मौके पर उपभोक्ता महासंघ के प्रदेश पदाधिकारी विकास त्रिवेदी, महेश पण्डया, विजयकृष्ण वैष्णव, रोहित राणा आदि प्रतिनिधि मौजूद थे.
सभापति त्रिवेदी ने इस मौके पर संगठन प्रतिनिधियों से चर्चा करते हुए आव्हान किया कि प्लास्टिक कचरे से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण के गंभीर दुष्प्रभावों को देखते हुए सभी को जागरूक बनाने का प्रयास करें. उन्होंने कहा कि नगर परिषद, बांसवाड़ा द्वारा शहर में कचरा संग्रहण के लिये बेहतर व्यवस्थायें कायम की गई हैं, उनका उपयोग कर नगर को स्वच्छ बनाये रखने में अपनी प्रभावी सहभागिता का निर्वहन करें. उन्होंने कहा कि हर तरह का कचरा कई तरह की समस्याये पैदा करता हैं अतः स्वच्छता हेतु अपनी जिम्मेदारी को समझें ताकि शहर विभिन्न तरह के रोगों से सुरक्षित हो सके.
उन्होंने कहा कि नगर परिषद द्वारा कचरे के निस्तारण एवं कचरे के संकलन में प्लास्टिक के उपयोग को कम करने के लिये कार्ययोजना तैयार की है, जिसके तहत जनता को इस सकारात्मक अभियान से जोड़ कर प्लास्टिक का उपयोग कम करने प्रेरित किया जायेगा. इसके लिये वैकल्पिक इंतजाम करने का कार्य प्रगति पर है, जिसके बाद चरणबद्ध तरीके से उपयोग को कम करने पर ध्यान दिया जायेगा.
सीसीआई के राष्ट्रीय सचिव व उपभोक्ता महासंघ राजस्थान के प्रदेश संरक्षक निरंजन द्विवेदी ने बताया कि साहित्य के माध्यम से उपभोक्ताओं को यह बताने का प्रयास किया गया है कि प्लास्टिक का उत्पादन, उपयोग व निस्तारण हर तरह की प्रक्रिया से कई तरह का प्रदूषण होता है, अतः जहां तक संभव हो एक बार उपयोग में आने वाले प्लास्टिक थैलियों व सामग्री का उपयोग करने से बचें ताकि सबकी सुरक्षा सुनिश्चित हो सके. द्विवेदी ने कहा कि वर्तमान में जिस गति से प्लास्टिक का उपयोग बढ़ रहा है, उस पर नियंत्रण नहीं होने पर भविष्य में कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, अतः सजगता आवश्यक है. उन्होंने प्लास्टिक कचरे के निस्तारण व इसके उत्पाद के प्रभावी उपयोग हेतु सुझाव दिये.
जिउसंप के सदस्य दीपक श्रीमाल ने कहा कि सुविधाओं के उपयोग का आदी उपभोक्ता प्लास्टिक के बेतहाशा उपयोग को जिस तरह बढ़ावा दे रहा है, वह परेशानी का कारण है, क्योंकि प्लास्टिक कई विषैले रसायनों से युक्त होता है. प्लास्टिक थैलियों में खाद्य सामग्री फेकने पर उन्हंे पशु भोजन की चाह में खाते हैं व उन्हंे कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. समस्त मानव जाति के हित एवं सुरक्षा के लिये प्लास्टिक उपयोग को हतोत्साहित करने के अभियान में सहभागी बनें. श्रीमाल ने नगर परिषद के द्वारा संचालित कार्यक्रमों में संगठनों की सहभागिता का विश्वास दिलाया.
शिक्षक नेता एवं उपभोक्ता महासंघ के प्रदेश पदाधिकारी विजयकृष्ण वैष्णव ने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में प्लास्टिक के बढ़ते उपयोग पर चिन्ता जाहिर करते हुए उपभोक्ताओं को सचेत करने सामाजिक, राष्ट्रीय व विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत स्वैच्छिक संगठनों का सहयोग लेने का आग्रह किया. उन्होंने बताया कि संगठन की ओर से उपभोक्ता जाग्रति साहित्य का जिले में वितरण किया जायेगा. महासंघ के प्रदेश पदाधिकारी महेश पंड्या ने बताया कि सीसीआई व उपभोक्ता महासंघ राजस्थान की ओर से उपभोक्ता जागृति के लिये विभिन्न स्तरों पर प्रयास किये जा रहे हैं. संगठन प्रतिनिधि विकास त्रिवेदी, रोहित राणा आदि ने भी सुझाव दिये.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जयपुर के दो वरिष्ठ पत्रकारों का निधन, श्रद्धांजलि
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