प्रदीप द्विवेदी: पश्चिम बंगाल चुनाव के नतीजे देश का सियासी समीकरण बदल देंगे!

प्रदीप द्विवेदी: पश्चिम बंगाल चुनाव के नतीजे देश का सियासी समीकरण बदल देंगे!

प्रेषित समय :21:54:36 PM / Tue, Mar 16th, 2021

न्यूज-व्यूज. वैसे तो देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं, लेकिन सबकी नजरें पश्चिम बंगाल पर फोकस हैं, कारण? इसके नतीजे देश का सियासी समीकरण बदल देंगे! इन चुनावों के नतीजे इस तरह हो सकते हैं...

एक- टीएमसी जीत जाए और बहुमत प्राप्त करके सत्ता में आ जाए. ऐसी स्थिति में संभव है कि मोदी-शाह की पकड़ कमजोर होगी, लिहाजा उन्हें बीजेपी के भीतर से विरोध का सामना करना पड़े. ममता बनर्जी के नेतृत्व में गैर-भाजपाई तीसरे मोर्चे का उदय हो और कांग्रेस के असंतुष्ट नेता भी उस तरफ आकर्षित हों.

दो- किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिले. ऐसी स्थिति में भी टीएमसी सबसे बड़ा दल होगा और वह वाम-कांग्रेस गठबंधन के साथ सरकार बना सकता है, क्योंकि वाम-कांग्रेस गठबंधन बीजेपी का समर्थन तो नहीं करेगा.

तीन- बीजेपी पूर्ण बहुमत प्राप्त करे. हालांकि, इस वक्त तो ऐसा सोचना भी बेहद मुश्किल है, परन्तु बंगाल की सत्ता प्राप्त करने के लिए बीजेपी को हर हाल में पूर्ण बहुमत प्राप्त करना ही होगा, वरना सत्ता हांसिल करने के सपने साकार नहीं हो पाएंगे.

विधानसभा चुनाव से पहले अब तक जितने भी सर्वे आए हैं, वे बताते हैं कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी की सियासी ताकत तो बढ़ेगी, किन्तु सत्ता तो ममता बनर्जी के पास ही रहेगी.

ताजा, बंगाल चुनाव को लेकर एबीपी न्यूज के लिए सी वोटर ने ओपिनियन पोल किया है, जिसके मुताबिक- तृणमूल कांग्रेस को 150 से 166 सीटें, बीजेपी को 98 से 114 सीटें, कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन को 23 से 31 सीटें, जबकि अन्य को 3 से 5 सीटें मिल सकती हैं.

जिसका सीधा-सा मतलब है कि पश्चिम बंगाल में तीसरी बार ममता बनर्जी की सरकार बन सकती है, तो बीजेपी को सत्ता हांसिल करने के लिए और इंतजार करना पड़ सकता है.

उल्लेखनीय है कि पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने मात्र तीन सीटें जीतने में ही सफलता हासिल की थी.

ओपिनियन पोल के अनुसार पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव 2016 में टीएमसी को 44.9 प्रतिशत वोट मिले थे, जो इस बार डेढ़ प्रतिशत कम होकर 43.4 प्रतिशत रह सकते हैं, जबकि बीजेपी लंबी छलांग लगाती नजर आ रही है, क्योंकि पिछली बार बीजेपी को मात्र 10.2 प्रतिशत वोट मिले थे, तो इस बार बढ़कर 38.4 प्रतिशत होने की संभावना है.

इससे यह स्पष्ट है कि बीजेपी के आगे बढ़ने से टीएमसी को नहीं, कांग्रेस और लेफ्ट के गठबंधन को सबसे ज्यादा नुकसान हो सकता है. पिछली बार उन्हें 37.9 प्रतिशत वोट मिले थे, जो इस बार 12.7 प्रतिशत ही रहने का अनुमान है, अर्थात 25.2 प्रतिशत वोट का नुकसान, जबकि अन्य को पिछली बार 7 प्रतिशत वोट मिले थे, तो इस बार साढ़े पांच प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान है.

इस वक्त बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की सरकार है, जिसमें ममता बनर्जी मुख्यमंत्री हैं. पिछले चुनाव 2016 में टीएमसी ने सबसे ज्यादा 211 सीटें जीती थी, जबकि कांग्रेस ने 44, लेफ्ट ने 26 और बीजेपी ने केवल तीन सीटों पर जीत दर्ज की थी, तो अन्य के खाते में दस सीटों गई थी. यहां बहुमत के लिए 148 सीटें चाहिए, जिनके करीब फिलहाल तो केवल टीएमसी नजर आ रही है!  

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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