ज्योतिष में *मंगल* बहुत तेज और शक्तिशाली ग्रह माना जाता है. यही वजह है कि कुंडली में इसके शुभ और अशुभ योग जिंदगी का रुख तय करते हैं
इसके प्रभाव में आने वाले व्यक्ति अपने भाइयों, मित्रों और अन्य रिश्तेदारों के साथ संबंध भी खराब हो सकते हैं। इस योग के कुछ अशुभ असर भी होते हैं तो कुछ शुभ असर भी होते हैं।...
*राहु और मंगल का* अंगारक योग - ज्योतिष में राहु और मंगल मिल कर अंगारक योग बनाते हैं। अगर ये योग किसी की कुंडली में होता है तो व्यक्ति अपनी मेहनत से नाम और पैसा कमाता है।...
*पंचम भाव* में अगर ये योग बनता है तो व्यक्ति अपनी मेहनत से बहुत धन प्राप्त करता है। मंगल के साथ केतु 11वें भाव में हो तो व्यक्ति धनवान बनता है।...
* दूसरे भाव* में ये योग होने से ये योग शुभ फल देता है। अगर कुंडली में कोई और बुरे योग हो तो अंगारक योग के शुभ असर कम हो जाते हैं।...
*कुंडली के आठवें, बारहवें में ये योग बुरा फल देता है।* ऐसे लोगों के जीवन में कई उतार चढ़ाव आते हैं।...
* कुंडली के पहले भाव में *राहु और मंगल* का अंगारक योग होने से पेट के रोग और शरीर पर चोट लगने की संभावनाएं रहती हैं। व्यक्ति क्रोधी स्वभाव का होता है।...
* ये लोग तेज बुद्धि वाले होते हैं। मार्केटिंग के क्षेत्र में इन्हें सफलता मिल सकती है।...
* कुंडली के अनुसार उचित उपाय करने से *अंगारक योग* के बुरे असर को कम किया जा सकता है।...
*विश्व प्रसिद्ध मंगलनाथ अंगारेश्वर महादेव मंदिर स्वयंभू यहां पर अंगारक दोष पूजन निवारण किया जाता है
ज्योतिषाचार्य पंडित दुर्गेश शर्मा शास्त्री
उज्जैन मध्य प्रदेश
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