नई दिल्ली. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कुंभ के मद्देनजर कोरोना बढऩे की आशंका को लेकर आगाह किया. पत्र में कहा गया है कि हरिद्धार में आरटीपीसीआर टेस्ट की संख्या बेहद कम है, जिसे तुरंत आईएमआर के मानकों के अनुरूप बढ़ाया जाना चाहिए. अभी हरिद्वार में सिर्फ 5 हजार आटीपीसीआर एवं 50 हजार एंटीजन टेस्ट हो रहे हैं.
स्वास्थ्य सचिव ने इस पत्र में हाल में हरिद्वार के दौरे से लौटे एक केंद्रीय दल की चिंताओं का भी उल्लेख किया है. साथ ही कोरोना के संभावित खतरे की रोकथाम के लिए सख्त कदम उठाने को कहा गया है.
पत्र में कहा गया कि हरिद्वार में कुंभ मेले में चिकित्सा तथा जन स्वास्थ्य व्यवस्था की समीक्षा के लिए राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के निदेशक के नेतृत्व में केंद्र सरकार के एक दल ने 16-17 मार्च के बीच हरिद्वार का दौरा किया था. पत्र मे कहा गया है कि पिछले कुछ समय से देश के 12 प्रमुख राज्यों में कोरोना के मामलों में बढ़ोत्तरी का रुझान दिखा है. इन राज्यों से भी लोग कुंभ में आएंगे इसलिए कोरोना के मामलों में बढ़ोत्तरी हो सकती है.
मंत्रालय ने कहा कि कुंभ मेले के दौरान पवित्र शाही स्नान के बाद स्थानीय लोगों में संक्रमण के मामले बढऩे की आशंका है. सचिव ने यह भी कहा कि केंद्रीय दल की रिपोर्ट के मुताबिक प्रतिदिन 10-20 तीर्थयात्रियों और 10-20 स्थानीय लोगों के रोज संक्रमित होने की जानकारी मिल रही है. संक्रमण की यह दर मामलों में वृद्धि होने की आशंका को बढ़ाती है, क्योंकि कुंभ के दौरान अधिक संख्या में लोगों के आने की उम्मीद है.
पत्र में कहा गया है कि हरिद्वार में प्रतिदिन हो रही 50 हजार रेपिड एंटीजेन टेस्ट और 5 हजार आरटीपीसीआर जांच हो रही है. यह तीर्थयात्रियों की संभावित संख्या को देखते हुए पर्याप्त नहीं है. साथ ही यह भी कहा कि आरटीपीसीआर टेस्ट की संख्या बेहद बेहद कम है. इसे आईसीएमआर के दिशा-निर्देशों के अनुरूप बढ़ाए जाने की जरूरत है. इसके तहत 70 फीसदी आरटीपीसीआर और 30 फीसदी एंटीजन टेस्ट होने चाहिए. इससे तीर्थ यात्रियों में कोरोना की सही जांच हो सकेगी. बता दें कि एंटीजन टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट मान्य नहीं होती है.
पत्र में स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी एसओपी का पालन करने, लोगों को कोरोना जैसे लक्षणों की स्थिति में स्वत सूचित करने के लिए प्रेरित करने, संदिग्ध लक्षणों वाले लोगों की स्वत पहचान का तंत्र विकसित करने, शाही स्थान से पूर्व अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं की कोरोना जांच सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया है.
पत्र में यह भी कहा गया है कि यदि इस दौरान तेजी से संक्रमण के मामले आते हैं तो नए प्रकार के कोरोना वायरस की जांच के लिए पाजीटिव नमूनों को तुरंत जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए चिह्नित प्रयोगशालाओं को भेजा जाए. दरअसल, देश में अब तक 400 से ज्यादा मामले ब्रिटेन, ब्राजील और दक्षिणी अफ्रीकी कोरोना प्रकार के मिल चुके हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-उत्तराखंडः चारधाम यात्रा के दौरान अब श्रद्धालुओं की गाइड बनेगी पुलिस
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