उनकें मंत्रों का अनुष्ठान, जिसमें उनके बीज, वैदिक या तांत्रिक मंत्रों का जप एवं हवन की प्रक्रिया शामिल होती है एवं सभी 9 ग्रहों के हवन के लिए अलग- अलग लकड़ी का प्रयोग होता है तो आइएं आज जानते है सभी ग्रहों के प्रचलित मंत्र एवं अनुष्ठान की पूरी प्रक्रिया-
1. सूर्य ग्रह- ॐ घृणि सूर्याय नमः, मदार की लकड़ी से हवन, मंत्र अनुष्ठान जप संख्या- 7000 एवं दशांश हवन.
2. चन्द्र ग्रह- ॐ सों सोमाय नमः, पलाश की लकड़ी से हवन, मंत्र अनुष्ठान जप संख्या- 11000 एवं दशांश हवन.
3. मंगल ग्रह- ॐ अं अंगारकाय नमः, खैर की लकड़ी से हवन, मंत्र अनुष्ठान जप संख्या- 10000 एवं दशांश हवन.
4. बुध ग्रह- ॐ बुं बुधाय नमः, अपामार्ग की लकड़ी से हवन, मंत्र अनुष्ठान जप संख्य- 9000 एवं दशांश हवन.
5. बृहस्पति- ॐ बृं बृहस्पतएं नमः, पीपल की लकड़ी से हवन, मंत्र अनुष्ठान जप संख्या- 19000 एवं दशांश हवन.
6. शुक्र ग्रह- ॐ शुं शुक्राय नमः, गूलर की लकड़ी से हवन, मंत्र अनुष्ठान जप संख्या- 16000 एवं दशांश हवन.
7. शनि ग्रह- ॐ शं शनैश्चराएं नमः, शमी की लकड़ी से हवन, मंत्र अनुष्ठान जप संख्या- 23000 एवं दशांश हवन.
8. राहु ग्रह- ॐ रां राहवे नमः, दूर्वा (दूब) की लकड़ी से हवन, मंत्र अनुष्ठान जप संख्या- 18000 एवं दशांश हवन.
9. केतु ग्रह- ॐ कें केतवे नमः, कुश की लकड़ी से हवन, मंत्र अनुष्ठान जप संख्या- 17000 एवं दशांश हवन.
यदि संक्षिप्त में सभी ग्रहों के जप एवं हवन स्वयं करना चाहते है तो मंत्र की शुद्धता का विशेष ध्यान रखते हुए पूरी प्रक्रिया क्रमश :
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Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एमपी की युवती ने दुबई में की लव-मैरिज, धर्म परिवर्तन का दबाव पडऩे पर बेटी को लेकर भागी अपने घर
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