अशुभ ग्रहों की शीघ्र शांति हेतु उपाय जरुरी

अशुभ ग्रहों की शीघ्र शांति हेतु उपाय जरुरी

प्रेषित समय :20:36:13 PM / Thu, Mar 25th, 2021

उनकें मंत्रों का अनुष्ठान, जिसमें उनके बीज, वैदिक या तांत्रिक मंत्रों का जप एवं हवन की प्रक्रिया शामिल होती है एवं सभी 9 ग्रहों के हवन के लिए अलग- अलग लकड़ी का प्रयोग होता है तो आइएं आज जानते है सभी ग्रहों के प्रचलित मंत्र एवं अनुष्ठान की पूरी प्रक्रिया-

1. सूर्य ग्रह-  ॐ घृणि सूर्याय नमः,  मदार की लकड़ी से हवन, मंत्र अनुष्ठान जप संख्या- 7000  एवं दशांश हवन.

2. चन्द्र ग्रह- ॐ सों सोमाय नमः, पलाश की लकड़ी से हवन, मंत्र अनुष्ठान जप संख्या- 11000 एवं दशांश हवन.

3. मंगल ग्रह- ॐ अं अंगारकाय नमः, खैर की लकड़ी से हवन, मंत्र अनुष्ठान जप संख्या- 10000 एवं दशांश हवन.

4. बुध ग्रह- ॐ बुं बुधाय नमः, अपामार्ग की लकड़ी से हवन, मंत्र अनुष्ठान जप संख्य-  9000  एवं दशांश हवन.

5. बृहस्पति- ॐ बृं बृहस्पतएं नमः, पीपल की लकड़ी से हवन, मंत्र अनुष्ठान जप संख्या- 19000   एवं दशांश हवन.

6. शुक्र ग्रह- ॐ शुं शुक्राय नमः, गूलर की लकड़ी से हवन, मंत्र अनुष्ठान जप संख्या- 16000  एवं दशांश हवन.

7. शनि ग्रह- ॐ शं शनैश्चराएं नमः, शमी की लकड़ी से हवन, मंत्र अनुष्ठान जप संख्या- 23000  एवं दशांश हवन.

8. राहु ग्रह- ॐ रां राहवे नमः, दूर्वा (दूब) की लकड़ी से हवन, मंत्र अनुष्ठान जप संख्या- 18000  एवं दशांश हवन.

9. केतु ग्रह- ॐ कें केतवे नमः, कुश की लकड़ी से हवन, मंत्र अनुष्ठान जप संख्या- 17000 एवं दशांश हवन.

यदि संक्षिप्त में सभी ग्रहों के जप एवं हवन स्वयं करना चाहते है तो मंत्र की शुद्धता का विशेष ध्यान रखते हुए पूरी प्रक्रिया क्रमश :

किसी भी प्रकार की समस्या समाधान के लिए आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ) जी से सीधे संपर्क करें- 9131366453

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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