आरएसएस की शानदार पहल, पानी बचाने के लिए लोगों के बीच जाएंगे, तालाब और नदियां गोद लेंगे स्वयंसेवक

आरएसएस की शानदार पहल, पानी बचाने के लिए लोगों के बीच जाएंगे, तालाब और नदियां गोद लेंगे स्वयंसेवक

प्रेषित समय :19:32:58 PM / Mon, Apr 5th, 2021

नई दिल्ली. गर्मियों में देश के कई हिस्सों में बढ़ते जल संकट को देखते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जल संरक्षण को लेकर अभियान शुरू करने जा रहा है. 15 अप्रैल से 15 जुलाई तक चलने वाला ये अभियान देशभर में चलाया जाएगा. संघ ने इस अभियान को हर बूंद अनमोल नाम दिया है. इसमें संघ देश भर के नदी, तालाब और अन्य जल स्रोतों को पुनर्जीवित करेगा. इस दौरान स्वयंसेवक संघ और उनसे जुड़े संगठन तलाब और नदियों को गोद भी लेंगे.

संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने अमर उजाला से कहा कि यदि आज हम वर्षा का जल का संचयन नहीं करेंगे, तो आने वाले समय में हालात और खराब हो जाएंगे. जिस तेजी से जल स्तर नीचे आ रहा है, उससे आने वाले दिनों में पानी की समस्या हो जाएगी. इस अभियान में संघ स्थानीय लोगों को जलाशयों के जीर्णोद्धार, जल संरक्षण और पानी बचाने को लेकर संकल्प दिलवाएगा. इसमें समाजसेवी संगठनों की मदद से लोगों को पानी बचाने और बारिश का पानी संचय करने को लेकर जागरूक किया जाएगा. जब हम नदियों और तालाबों को गहरा करेंगे, तो बारिश का पानी उसमें जमा होगा और जल स्तर बढ़ेगा.

उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत हर स्वयंसेवक अपने क्षेत्र में एक तालाब या नदी को गोद लेंगे. स्थानीय नागरिकों के साथ मिलकर नदियों और तालाबों को गहरा करेंगे. गाद हटाने और अतिक्रमण मुक्त करने का काम भी करेंगे. जुलाई तक नदियों और तालाबों को ठीक करने के बाद संघ के कार्यकर्ता बारिश के दिनों में पौधारोपण अभियान पूरे देशभर में चलाएंगे. नवंबर तक ये अभियान चलाया जाएगा. इस दौरान देश भर में कई जगह करोड़ों पौधे लगाए जाएंगे.

गौरतलब है कि संघ प्रमुख मोहन भागवत कई बार संघ के अधिकारियों से पेड़ों के संरक्षण के साथ पानी का दुरुपयोग रोकने और लोगों को प्लास्टिक से बनी वस्तुओं का कम से कम उपयोग करने के लिए लोगों को जागरूक करने की अपील कर चुके हैं. संघ प्रमुख ने ये भी कहा था कि स्वयंसेवक लोगों को घरों के इर्द-गिर्द पर्यावरण को साफ-सुथरा रखने के बारे में भी समझाएं. जैविक कचरे से खाद, परिंदों के लिए घोंसले तथा पौधारोपण करने जैसे अभियान शुरू कर लोगों को इनसे जोड़ें. इससे लोगों में आत्मनिर्भरता का भाव पैदा होगा. साथ ही संगठन के सरोकारों को भी विस्तार मिलेगा.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

मथुरा में आरएसएस और भाजपा कार्यकर्ताओं से झड़प के बाद पुलिस ने बरसायी लाठियां

राम माधव की आरएसएस में वापसी, शाह के समय बीजेपी में थे महासचिव

कृषि कानून विरोधी आंदोलन खत्म कराने में बाधा डाल रहीं राष्ट्र विरोधी ताकतें: आरएसएस

केरल में रैली के दौरान झड़प में आरएसएस कार्यकर्ता की मौत, भाजपा ने किया बंद का ऐलान

जिसकी आशंका थी, वहीं हुआ, अब आरएसएस से भी विरोध के स्वर!

सीएम बघेल ने कहा- छत्तीसगढ़ के आरएसएस कार्यकर्ता नागपुर के बंधुआ मजदूर

Leave a Reply